नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।

👉 Baby Body Language in Hindi

नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।
आपका नवजात शिशु आपसे बात नहीं कर सकता लेकिन वह अपनी खुशी, पेरेशानी को अपने हाव-भाव और शारीरिक भाषा  यानि बॉडी लैंग्‍वेज से व्‍यक्‍त करता है। बच्‍चे के संकेत रोने से लेकर हिचकी या फिर अंगूठे और कलाई के लगातार चूसने तक कुछ भी हो सकते हैं। नवजात शिशु  जन्म के बाद उसके बोलने तक उनका खास ख्याल रखना पड़ता है। छोटे बच्चें बोलकर नहीं मगर कुछ हरकतों या रोकर आपको अपनी बातें समझाते है। आज हम जानेंगे कि किस तरह आप अपने बच्चों की छोटी-छोटी समस्याओं को उनके इशारों  से जान सकते है।

नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।

समझें नवजात शिशु के ये इशारें:-



नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।
इसके लिए बस आपको थोड़ा समझने की और सतर्क रहने की जरूरत है कि आपका बच्‍चा क्‍या कहना चाह रहा है। इससे आपको समय पर उसकी परेशानी दूर करने में मदद मिलेगी।नवजात शिशु कुछ सजगता के साथ पैदा होते हैं। वे स्वाभाविक रूप से प्रकाश जैसी चीजों पर प्रतिक्रिया करते हैं या कुछ खास तरीकों से स्पर्श करते हैं। यदि आप अपनी उंगली को अपने नवजात शिशु के हाथ में रखते हैं, उदाहरण के लिए, बच्चा शायद इसे पकड़ लेगा। यदि आप हल्के से बच्चे के मुंह के चारों ओर स्पर्श करते हैं, तो आपके छोटे से एक चूसने की गति की संभावना होगी।



नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।
नवजात शिशु आमतौर पर जन्म के तुरंत बाद  चूसना, स्टार्टल, ग्रैस्प और टॉनिक नेक रिफ्लेक्सिस  प्रदर्शित करते हैं। ये छोटी-छोटी हरकतों से आपको इशारा करता हैं। जो नवजात शिशु विकास का एक सामान्य हिस्सा हैं। ये शुरुआती प्रतिक्षेप धीरे-धीरे शिशुओं के रूप में गायब हो जाते हैं, आमतौर पर जब तक वे 3-6 महीने के हो जाते हैं।समन्यतः चूसने वाली सजगता एक नवजात शिशु को पोषण पाने में मदद करती है। ये संकेत एकनवजात शिशु को एक खाद्य स्रोत की दिशा में स्वचालित रूप से मुड़ने का संकेत देती है, चाहे वह स्तन हो या बोतल। 

नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।आप इस प्रतिक्रिया को देख सकते हैं यदि आप अपने हाथ से अपने नवजात शिशु के गाल को मुंह के पास धीरे से सहलाते हैं। आपका शिशु उस दिशा में मुड़ जाएगा, मुंह खुला, चूसने के लिए तैयार हो जाता है। जब एक स्तन या बोतल के निप्पल को बच्चे के मुंह में रखा जाता है, तो बच्चा स्पष्ट रूप से चूसना शुरू कर देगा।
नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है।


Moro reflex in newborn in hindi :

मोरो रिफ्लेक्स (Moro reflex) नामक एक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया के साथ एक नवजात शिशु  भी पैदा हुआ है। एक नवजात शिशु जो चौंका हुआ है (उदाहरण  के लिए, तेज आवाज से) या अचानक से कुछ हरकत होने से सकता है कि वह अपने हाथों और पैरों को बाहर निकालकर उन्हें फिर से सिकोर ले।जब आप आपनी उंगली उसकी हथेली में रखते हैं तो आपकी उंगली पकड़ कर आपकी शिशु आपको आपनी समझदारी दिखा सकती है। यदि आप अपने नवजात शिशु के पैर को छूते हैं, तो यह मोरेगा और पैर की उंगलियों को सिकोर लेगा।

तो आब आप समझ गये होंगे कि आपका नवजात शिशु आपसे बात नहीं कर सकता, लेकिन वह अपनी भाषा, यानि बॉडी लैंग्‍वेज  से व्‍यक्‍त करता है। जैसे कि जब आप अपने नवजात शिशु  के साथ होते है वो हमेशा खुश रहे इसकी कोइ गारंटी नही दे सकता मगर आपने नवजात शिशु  की ख़याल रखने की १00% गारंटी आपके पास है । जैसे की आपका बच्चा कब जगता है, कब भुख लगती है, कब खेलने का समय है और कैसे आपने बच्चे को हसना है। मगर बहुत ज्यादा सतर्क होने के बवजूद आपलोगो से कुछ कमी रह जाती है और शायद आपको पता ही नही होता कि कैसे जाने कि आपका नवजात शिशु  क्या बोलना चाहता है । नवजात शिशु के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है। हालांकि मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। आइए हम आपको कुछ आसान टिप्‍स दे रहे है, जो आपको आपके बच्‍चे के संकेतों को समझने में मदद करेंगे।

👉आंखों को रगड़ना:-  

आंखों को रगड़ना-बेबी केयर टिप्स
आपने नोटिस नही किया हो मगर आपको आज से ध्यान देने की जरुरत है। हाँ, आपको लगता होगा ये आम बात है कि, अधिकतर बच्‍चे अपने आंखों  को थकान और नींद के कारण रगड़ते हैं। मगर हमेशा आंखो को रगड़ना  तो आम बात नही हो सकती क्युंकि नींद से उठने के बाद भी यदि बच्‍चा आंखों को रगड़े, तो बच्‍चे की जांच करवा लें, क्‍योंकि बच्‍चे का यह संकेत आंख में कूढ़ा जाने या आंखों में संक्रमण  हो जाने का संकेत है। क्युंकि आपका नवजात शिशु  अभी सिर्फ आपको संकेत दे सकता है, बोलकर नही बता सकता है। 

👉हवा में पैर या लात मारना:- 

हवा में पैर या लात मारना-बेबी केयर टिप्सआपका नवजात शिशु , अगर हवा में पैर मारता है, तो यह सामान्य है। और ऐसा करना तो बच्‍चे के खुश मिजाज मूड को व्यक्त करता है। मगर आपका नवजात शिशु हवा में पैर मारता है,और हंस रहा है तो ये अच्छा इशारा है और अगर आपका नवजात शिशु  हवा में हवा में पैर मारने के साथ रो रहा है, तो इसका मतलब वह कुछ कहना चाहता है। सयाद आपका बच्चा को कोई परेशानी है, या कष्ट। ऐसे में आपको आपनी बच्‍चे की नैप्‍पी चेक करे कि क्‍या वह गीलेपन के कारण रो रहा है। अगर बच्‍चा खुश है और हवा में पैर मारता है, तो आपका बच्चा आपके साथ खेलना चाहता है।

 👉तेजी से सांस लेना:- 


तेजी से सांस लेना-बेबी केयर टिप्स कभी-कभी आपने नोटिस किया होगा कि आपका नवजात शिशु   बहुत तेजी से सांस ले रहा होता है ,और आप समझ नही पते आपका नवजात शिशु  आपको क्या इशारा देना चाह रहा है। जब भी आपका नवजात शिशु  ऐसा करे तो इसका संकेत है कि आपका नवजात शिशु अकेले होने, किसी अचानक से हुए कुछ आपके हरकत ने आपके नवजात शिशु को डरा दिया है। ऐसे मे आप आपने शिशु को आपने गोद मे ले,उसे शांत कराये और बच्चे को एहसास कराये आपके पास आपका बच्चा आपकी गोद मे सुरक्षित है। कई बार आपका नवजात शिशु बहुत तेजी से सांस सिर्फ इसलिए लेता है कि वह उत्साहित और खुश होता है।

👉बच्‍चे का रोना:- 

आमतौर पर सभी नवजात शिशु रोते है लेकिन ये कोई नही जानता कि ये सवाल आम नही है कि बच्‍चे के रोने के पीछे कुछ कारण जरुर होता है।

क्या आप बता सकते है कि वह क्‍यों रो रहा है?

बच्‍चे का रोना-बेबी केयर टिप्सनवजात शिशु के रोने के कई कारण होते हैं, जैसे कि भूख लगना, डर या दर्द होना। स्पेनिश जर्नल ऑफ साइकोलॉजी  में प्रकाशित अध्‍ययन में 'यूनिवर्सिटी ऑफ मर्सिया और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन (UNED) के स्पेनिश शोधकर्ताओं के रेसर्च मे, उन्‍होनें 3 से 18 महीने के बीच के 20 नवजात शिशुओं पर शोध किया, तो उन्होंने बताया कि जब नवजात शिशु भूख लगने  पर रोता है तो उसकी आंखें खुली होती है। और जब नवजात शिशु दर्द होने पर रोता है तो उसकी आँखें बंद होती है। अगर आप भी ऐसे ही किसी संकेत देखते है तो तुरंत डॉक्टर या चिकित्सक के पास सम्पर्क करे। 


👉कान खींचना:- 

नवजात शिशु के हर बॉडी लैंग्‍वेज से घबराना जरुरी नही आपको बस सतर्क रहने की आवश्यकता है। जैसे कि बच्चे को कान खिंचना कोइ बड़ी बात नही क्‍योंकि बच्‍चा हर समय अपने चेहरे पर नाक कान, आंखों पर हाथ फेरता रहता है। अगर एक नवजात शिशु  ऐसा नही करेगा तो और क्या करेगा उसकी दुनिया तो सिर्फ खेलने से लेकर इस नयी दुनिया को जनना है। लेकिन कुछ संकेत पर ध्यान देने की जरुरत होती है क्युंकि आपका नवजात शिशु अभी बोलना नही सिखा है। हाँ, जब आपका बच्चा बोलना सिख लेगा तो आपकी थोड़ी परेशानी कम जरुर हो जाएगी लेकिन खत्म नही होगी। जैसा कि मेने बोला कान खिंचना भी समान्य बात है मगर जब आपका नवजात शिशु  बार-बार कानों को खींचता है, तो यह कान मे संक्रमण व किसी परेशानी का संकेत दे है।


इन बातों का रखें खयाल- बेबी केयर टिप्स


जब आप पहली बार माता-पिता  बनते है तो आपके लिए आपके बच्चे की ख़ुशी और ज़्यादा ख़ास हो जाती है। सभी माता-पिता  चाहते है कि वो आपने बच्चे का पालान-पोषण मे कोइ मे कमी ना रह जाये। आपके लिए आपका बच्चा बहुत ही प्यारा होता है। जो लोग पहली बार माता-पिता बनते है वो अपने नवजात शिशु के पालन-पोषण के लिए बहुत ही सावधान रहते हैं।


इन बातों का रखें खयालबेबी केयर टिप्स

"अपने नन्हें से बच्चे की देखभाल  करना और पालान-पोषण करना सबसे खास अनुभव होता है। लेकिन आपको सबसे पहले अपने नवजात शिशु  की पुरी देख भाल करनी होगी। क्योंकि नवजात शिशु  को कई बार ऐसी परेशानी होती है जिसके लिए आपको आपने नवजात शिशु  के साथ समय बिताना होगा जिससे आप आपने नवजात शिशु  को जान पायेंगे कि, आपका नवजात शिशु को कब क्या प्रोब्लेम है। आपके बच्चे को किस चीज की जरूरत है। इसका ध्यान आपको रखना होगा।"
आप पहली बार माता-पिता बनते है-बेबी केयर टिप्स

  1.  नवजात शिशु मे स्वाभिक क्षमता होती है कि वो आपका ध्यान अपनी ओर खिंचे।
  2.  बच्चे का रोने का कारण कभी-कभी भूख लगना, नैपी गीला होना, थकान होना, किसी अंजान व्यक्ति के पास होने का कारण भी होता है।
  3.  अगर आपका बच्चा अचानक नींद से उठकर रोने लग जाएं तो डरे नही, हो सकता है बच्चे की नैपी गीली हो। ऐसे इशारे को तो आप आराम से जान सकते है।
  4. जब आपका बच्चा बार-बार नैपी गीली करते रहता है तो आपको चहिए कि आपने बच्चे की कपड़े या डिस्पोजेबल डायपर इस्तेमाल करें।आपको अपने बच्चे की डायपर को हमेशा चेक करना होगा। क्युंकि नैपी गीली होने के कारण कई बार बच्चों मे रैशेज हो जाते है।
  5. जब आप अपने नवजात शिशु  की मालिश करते है तो आपको ध्यान देना चाहिए कि आपका बच्चे को कोइ परेशानी ना हो। हो सके तो एक्सपर्ट की देख-रेख मे ही बच्चे की मालिश करवाए।
  6. अपने नवजात शिशु को नहलाते समय हमेशा गुनगुने पानी का इस्तेमाल तो करें ही और साथ ही ध्यान रखे यह गुनगुने पानी कितना गर्म है, क्युंकि नवजात शिशु का त्वचा आपकी त्वचा से 10 गुणा कोमल होता है। और साबुन या सैम्पू का इस्तेमाल करते समय शिशु के आंख,कान,नाक,मुंह मे साबुन के पानी को जाने से बचाये।
  7. अगर आपके बच्चे किसी भी तरह की परेशानी हो, या आपका नवजात शिशु बहुत रो रहा हो तो तुरंत चाइल्ड केयर डॉक्टर या चिकित्सक  के पास सम्पर्क करे या चाइल्ड केयर हॉस्पितल  जाये

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