नवजात शिशु मां की आवाज को कितने महीने में पहचानने लगता है?

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai – नवजात शिशु मां की आवाज को कितने महीने में पहचानने लगता है? 

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: नवजात शिशु अपनी माँ की आवाज़ को कैसे पहचान जाते हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि एक बच्चा अपनी मां की आवाज को पसंद करता है। गर्भ में शुरुआत (3 Month Pregnancy), एक भ्रूण का विकास होता है जो अपनी मां की आवाज़ और कंपन को महसूस कर लेता है। जन्म के तुरंत बाद, एक बच्चा अपनी मां की आवाज़ को पहचान सकता है और एक अपरिचित महिला आवाज़ों पर अपनी माँ की आवाज़ को बेहतर ढंग से सुनने के लिए तैयार होता है।

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai

When does a baby recognize mom’s voice:

शिशु पहले अपनी माँ को पहचान लेते है।(Babies Recognize Their Mom voice first):

शिशु पहले अपनी माँ को पहचान लेते है।: एक नवजात शिशु  माँ के आस-पास सबसे अधिक सहज महसुस करता है। हलांकि, माँ की खुशबू और आवाज से नवजात शिशु परिचित होता है। ज्यादातर बच्चे मां के साथ बहुत अधिक होता है, यही भी एक कारण है कि एक बच्चा अपनी मां की आवाज पहचानते है।

अगर अब तक आप यह नही समझ पाए है कि नवजात शिशु मां की आवाज को कब पहचानने लगता है, तो इसके लिए आपको नवजात शिशु की विकास के बारे मे महत्वपुर्ण जानकारी जाननी चहिए । चलिए जानते है आपके नवजात शिशु के विकास के बारे मे अत्यंत महत्वपुर्ण बाते।

आपके नवजात शिशु का विकास (Aapke Navajaat Shishu Ka Vikas):

जब आप नई माँ या पिता बनते है, तो आपके मन मे आपने नवजात शिशु को लेकर बहुत सारे सवाल आते होंगे। ऐसा सिर्फ आपके साथ नही बल्कि सारे माता-पिता के मन मे ढेरो सवाल आती है। हाँ, कुछ सवाल अटपटे हो सकते है, मगर ये सवाल आपने नवजात शिशु की सुरक्षा और देखभाल को ध्यान मे रख कर ही लिया होगा। आप जानने को उत्सुक होंगे कि आपका प्यारा सा नवजात शिशु आपकी आवाज़ को कब पहचानेगा।

One Month Baby – १ महीने का शिशु – (1 Mahine Ka Baby):

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: आपका नवजात शिशु का जब पहला महीने होता है, तो आपके बच्चे का अधिकांश समय सोने मे, दुध पीने मे, और बाहर की दुनिया मे तालमेल बिठाने मे निकल जाता है।

आपको लगता होगा कि आपका शिशु पहला महीना सोने या दुध पीने से ज्यादा कुछ नही करता, लेकिन सच तो ये है कि आपका नवजात शिशु इस नई परिवेश मे खुद को ढाल रहा है। जब शिशु एक महीने का होता है तो ना तो ज्यादा दुर तक देख सकता है ना ही ज्यादा कुछ सुन सकता है। आपका शिशु आपको गौर से देखता है और सुनता है, ज्यादातर आपका शिशु को सुकुन देने वाला पल तब होता है जब शिशु माँ को गोद मे अपनी माँ की आवाज़ सुन रहा हो।

जैसा कि उपर बताया गया कि आपका शिशु माँ की आवाज़ को गर्भ ( nearly 3 month pregnancy period or time )  से ही सुन रहा होता है।

Two Months Baby – २ महीने का शिशु – (2 Mahine Ka Baby):

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: आपका नवजात शिशु का जब दुसरा महीने होता है तो इतनी कम उम्र मे आपका शिशु चाहेगा कि वो आपके चेहरे का नकल करे। या आपके हाव-भाव या आपकी कोई भी आदत को सिख चुका होगा। आपने शायाद गौर किया होगा कि आपका नवजात शिशु आपकी कोई ज्यादा बोली जाने वाली एक शब्द को बोलने की कोशिश कर रहा है। जैसे-जैसे आपका शिशु आपके इर्द गिर्द की नई नई चीज को पसंद करता जाएगा उसे अपनी आदत मे शामिल करता जायेगा।

Three Months Baby – ३ महीने का शिशु –  (3 Mahine Ka Baby):

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: जब बच्चा तीन महीने का हो जाता है और विभिन्न आवाज़ों के बीच अंतर कर सकता है, तब तक वह अजनबियों और अज्ञात आवाज़ों से सावधान हो जाता है। तो, सवाल यह है कि क्या जन्म के समय एक बच्चा अपनी मां की आवाज पहचानते है? इसका जबाव अभी भी बहस का विषय है, लेकिन एक माँ निश्चित रूप से कह सकते है कि, एक नवजात शिशु अपनी माँ से परिचित है।

Four Month Baby – 4 महीने का शिशु – (4 Month Baby Ki Dekhbhal):

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: जब आपका नवजात शिशु चार महीने का हो जाता है तब नवजात शिशु की देखभाल करने मे हमेशा सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि, अब आपका शिशु बहुत कुछ सीख चुका है और अब इसे हमेशा प्रेक्टिकल करेगा। जैसे कि वो आपकी आदतों को देखते रहता है। आपका नवजात शिशु इशारो और वो अपनी बोडी लेंग्वेज (body language) से बात करेगा।

आपको आपकी नवजात शिशु पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है क्युँकि, आपका शिशु आपसे इशारों मे बात करना सीख गया है। आपका शिशु आपसे बात करने के लिए हाथो से इशारे, चेहरे से इशारे कर सकता है। नवजात शिशु बहुत उत्सुक होते है, इशारो कि भाषा को सीखने और इस्तेमाल करने में।

और इसके बहुत सारे लाभ भी है, जैसे कि अब आपका नवजात शिशु आपको बताएगा, कि क्या उसने देखा या महसूस किया और बात करने की कोशिश करेगा, कि आपके नवजात शिशु को क्या परेशानी है या क्या चाहिए।

Five Month Baby – ५ महीने का शिशु – (5 Mahine Ka Shishu):

Bachcha Kab Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai: आपका नवजात शिशु जब पाँच से छः महीने के हो गया है ऐसे तो आपका शिशु जन्म के एक सप्ताह के भीतर, आपका शिशु पहले से ही आपके चेहरे को पहचान लेता है। और आपका नवजात शिशु आपकी आवाज को लगभग 1 से 3 सप्ताह में पहचान सकता है। आपका बच्चा संगीत का जवाब दें सकता है।

विज्ञान में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि 3-महीने के बच्चे एक प्रकार की लय और दूसरे के बीच अंतर कर सकते हैं। और हाल के शोध से पता चलता है कि बच्चे अपनी बाहों और शरीर को हिलाकर संगीत की लय का जवाब देते हैं।

आपका बच्चा 6 से 15 महीनों में दुनिया को समझने के लिए सिद्धांतों का विकास करेगा।

उदाहरण के लिए: Intelligent baby: “अगर मम्मी बगीचे से फूलों को लाती हैं, लेकिन घास नहीं, तो उन्हें फूलों को पसंद करना चाहिए।”

वैज्ञानिक के अनुसार :

शिशु अपनी माँ की आवाज़ को कैसे पहचान जाते हैं।(Bachcha Kab aur kaise Maan Kee Aavaaj Ko Pahachaanata Hai)

  • शिशुओं पर 2014 के एक अध्ययन से पता चला है, कि जब एक नवजात शिशु मां की आवाज की रिकॉर्डिंग को सुनाया गया तो शिशु तुरंत शांतचित्त हो गया। और एक शिशु की माँ की आवाज़- शिशु के विकास और मौखिक और शारिरीक परिवर्तन मे विकास के लिए बहुत ही लाभदायक है।
  • माँ की आवाज़ सुनते ही एक नवजात शिशु की चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी आ जाती है। माँ की आवाज़ से एक शिशु मे थकवाट, तनाव दुर हो जाती है और शिशु तुरंत उर्जावान, उत्सहित हो जाता है। एक माँ की आवाज़ तनावपूर्ण परिस्थितियों में एक बच्चे को शांत कर सकती है, तनाव हार्मोन और ऑक्सीटोसिन के बढ़ते स्तर और कोर्टिसोल के स्तर को कम कर सकती है,
  • वैज्ञानिकों ने शिशुओं के दिमाग के लिए एक माँ की आवाज़ की शक्ति का पता लगाया है। एक माँ की आवाज़ पूर्वकाल के पूर्ववर्ती प्रांतस्था को सक्रिय करती है और बाएं या पीछे के क्षेत्र को एक अपरिचित आवाज़ से अधिक दृढ़ता से अधिक सक्रिय होती है, जो शिशु को माँ अवाज़ पहचानने के विशेष कार्य के लिए प्रेरित करती है। जबकि यह सहज ज्ञान युक्त है कि एक माँ की आवाज़ में शिशुओं और बच्चों पर विशेष शक्ति होती है।

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, क्या होता है?

  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक न्यूरोबायोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं की उनकी टीम ने कार्यात्मक एमआरआई (एफएमआरआई) का उपयोग करते हुए इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए एक न्यूरोइमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। यह रक्त प्रवाह में चयापचय परिवर्तनों का पता लगाकर मस्तिष्क की गतिविधि को मापता है।
  • शोधकर्ताओं ने 7 और 12 साल की उम्र के बीच 24 बच्चों की जांच की, जिनके पास सामान्य आईक्यू (IQ) था, उन्हें कोई विकास संबंधी विकार नहीं था और उनकी माँ द्वारा उठाया गया था। एमआरआई मशीन में रहते हुए, ये बच्चे अपनी माताओं द्वारा या अन्य महिलाओं द्वारा बोली जाने वाली बकवास शब्दों की रिकॉर्डिंग सुनते थे।
  • शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से बकवास शब्दों को चुना ताकि वे शब्दार्थ से संबंधित मस्तिष्क सर्किट को ट्रिगर न करें। भले ही, बच्चे एक सेकंड से भी कम समय में अपनी माँ की आवाज़ को 97 प्रतिशत से अधिक पहचानने में सक्षम थे।

लेकिन वास्तव में क्या हुआ जब बड़े बच्चों को अपनी माँ की आवाज़ सुनाया गया।

  • टीम ने परिकल्पना की कि उसकी आवाज सुनने से तथाकथित जब उन्होंने अपरिचित महिला की आवाज सुनी। “आवाज-चयनात्मक” मस्तिष्क क्षेत्रों में अधिक गतिविधि का उत्पादन हुआ, आवाज और प्रसंस्करण भाषा को पहचानने में अधिक गतिविधि हुई, लेकिन वैज्ञानिकों ने जो पाया वह और भी उल्लेखनीय था।
  • एक माँ की आवाज- सक्रिय मस्तिष्क तरंगों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें एमिग्डाला शामिल है, जो भावनाओं को नियंत्रित करती जो दृश्य चेहरे की जानकारी को पहुँचाता है। मस्तिष्क गतिविधि के इस पैटर्न की तुलना एक तंत्रिका फिंगरप्रिंट से की जा सकती है, जहां एक माँ की आवाज़ उसके बच्चे के मस्तिष्क में विशिष्ट गतिविधि को ट्रिगर करती है।
  • जांच वहीं नहीं रुकी। टीम ने पाया कि इन “वॉयस-चयनात्मक” मस्तिष्क क्षेत्रों और उन लोगों के बीच अधिक तंत्रिका संबंध जो मनोदशा, चेहरे की प्रसंस्करण से संबंधित हैं, एक बच्चे में सामाजिक संचार क्षमता अधिक थी।
  • दूसरे शब्दों में, एक बच्चे के मस्तिष्क के भीतर एक माँ की आवाज़ का तंत्रिका या दिमाग यह अनुमान लगा सकता है कि सामाजिक दायरे में एक बच्चे की संवाद करने की क्षमता।
  • यदि उस तंत्रिका फिंगरप्रिंट को एक बच्चे के मस्तिष्क में बायोमार्कर के रूप में माना जाता है।
  • अब यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो गया है कि हम में से अधिकांश अपने मस्तिष्क के तंत्रिका पैटर्न में एक माँ की आवाज़ को ले जाते हैं। सोने से पहले की कहानियां, खाने की बातचीत और जन्म से पहले सुनाई देने वाली बकवास, हमें विशिष्ट रूप से पहचानती है, जैसे कि निश्चित रूप से फिंगरप्रिंट, बचपन में भावनात्मक विकास और शायद जीवन के माध्यम से सामाजिक संचार को सक्षम करने मदद करती है ।

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