नवजात शिशु के पहले 10 दिनों तक विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है

Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai

Special care is required for the first 10 days of a newborn:-

नवजात शिशु के पहले 10 दिनों तक विशेष देखभाल की आवश्यकता होती हैजब आप पहली बार माँ बनते है या पिता बनते है तो सबसे पहली बात आपके मन मे सवाल आती है कि आप अपने नवजात शिशु की देख-भाल मे कैसे कोई कमी ना आने देंगे। चाहे कोई भी माता-पिता हो वो हमेशा अपने शिशु के लिए दुनिया की हर खुशी अपने शिशु के कदमों मे ला देने की इच्छा होती है।
और सभी माता इसके लिए हर मुमकीन कोशिश भी करते है। माता पिता की जरुरत चाहे पुरी हो या ना हो मगर अपने नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा करने की कोशिश करते है। तो आज आप सभी माता पिता के लिए नवजात शिशु के जन्म के बाद के 10 दिन अपने नवजात शिशु के देख भाल के लिए यहाँ 10 सुझाव मिलेंगे।
अपने नवजात शिशु के साथ पहले 10 दिनों के दौरान, कुछ चीजें बहुत स्वाभाविक रूप से होंगी, आपको एक अच्छी शुरुआत के लिए मदद करने के लिए, हमने नवजात शिशु के मूल सिद्धांतों को ध्यान मे रख कर यह त्वरित मार्गदर्शिका बनाई है।

नवजात शिशु के साथ पहले 10 दिन

(Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai)

नवजात शिशु के साथ पहले 10 दिनों के दौरान, अपने नवजात शिशु की देखभाल करने की युक्तियाँ जानना आपके लिए बहुत उत्साह से भरा बना देगा। और नवजात शिशु की देखभाल करने कम से कम तनाव होगी है। 
 

नवजात शिशु को कैसे संभाले ले:-

नवजात शिशु की जन्म बाद शिशु बहुत नाजुक और नाजुक होता है, और शिशु को छूने, संभालने या गोद लेने मे न डरें! और एक अध्ययन से पता चलता है कि नवजात शिशु को प्रति दिन 2 घंटे से अधिक समय तक गोद लेना चाहिए, जिससे आपका शिशु आपको ज्यादा अच्छी तरह से जान सकेंगे।
 

याद रखें: आपकी नाजूक सी नवजात शिशु की गर्दन की मांसपेशियां अब भी अच्छी तरह से विकसित नहीं हुई हैं। इसलिए जब भी आप अपनी नवजात शिशु उठाए तो, याद रहे आपको अपनी नवजात शिशु सिर को सहारा देने की आवश्यकता होगी। आपको अपनी नवजात शिशु को कही भी ले जाते समय नवजात शिशु  के सिर को हाथ से सहारा देना चाहिए।

 

नवजात शिशु को नहलाना:-
जन्म के बाद अपनी नवजात शिशु की देखभाल में आपके नवजात शिशु को नहलाना भी शामिल होता है, एक नई माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अपनी नवजात शिशु को नहलाने पहले यह  सुनिश्चित कर ले कि, अपनी नवजात शिशु नहाने की सभी स्नान की सामान के लिए आप तैयार है, इसलिए आपको अपनी नवजात शिशु के लिए तैयार रहना है। 
 
  • इसमे माता-पिता को एक साथ सहयोग करने की जरुरत है क्योंकि नवजात शिशु का शरीर बहुत ही कोमल होता है।
  • आपको चाहिए कि एक सौम्य क्लींजर शैम्पु का इस्तेमाल करे, या आप शिशु के कोमल त्वाचा के अनुसार साबुन का इस्तेमाल कर सकते है। 
  • अपनी नवजात शिशु के सिर पर नरम और कोमल सतह, (Fontanels) को हल्के हाथों से धीरे धीरे धोए।
  • Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai in hindi

 

नवजात शिशु के डायपर बदलना:-

➤नई माता-पिता आश्चर्यचकित होता हैं कि उनका नवजात शिशु के एक दिन में कितने डायपर बदलता है। अपनी नवजात शिशु के जन्म से पहले या शिशु को घर लाने से पहले बहुत सारे डायपर को खरीद ले। यह आपको सीखने में भी मददगार है और समय से पहले अपने शिशु के डायपर को कैसे बदलें। इसका अभ्यास भी नई माता-पिता के लिए आवश्यक है।
 
➤इसके अलावा, नैपी रैशेस या नवजात शिशु के नितम्ब मे होने वाले दाने के लिए तैयार रहें, क्योंकि 0-2 वर्ष की आयु मे नवजात शिशु को हमेशा डायपर के इस्तेमाल से अधिकांश नवजात शिशु को  किसी न किसी तरह से डायपर रैश हो जाती हैं। जब आप शिशु के नितम्ब मे लाल या दाने का पहला संकेत देखे हैं, तो तुरंत डायपर क्षेत्र मे डायपर रैश क्रीम का इस्तेमाल करे या अपने शिशु रोग विशेषज्ञ या बाल चिकित्सक से सम्पर्क करे। 
 
➤आप अगर नवजात शिशु को ज्यादा डायपर इस्तेमाल करते है तो आपको चाहिए कुच समय बिना डायपर के शिशु को रखे जिससे डायपर क्षेत्र को हवा से डायपर क्षेत्र मे कोई एलर्जी ना हो या आप अपने बाल रोग चिकित्सक से सलाह ले कर डायपर क्षेत्र को सूखा रखने के लिए, प्रत्येक डायपर परिवर्तन पर डायपर रैश पाउडर लगाने के बारे मे बात कर सकते है। नवजात शिशु मे डायपर रैश प्रायः नमी के बार होने पर त्वचा पर घर्षण से होता है, जिसके लिए शिशु को हमेशा डायपर का इस्तेमाल नही करनी चाहिए।
 
Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai
Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai

नवजात शिशु के रोने का कारण :-

➤औसतन नवजात शिशु शुरुवाती के 3 महीनों के दौरान औसतन 2 घंटे रोते हैं। यह नई माता-पिता के लिए चौंकाने वाला हो सकता है। अपने नवजात शिशु रोने का कारण जानने के लिए, सबसे पहले अपने नवजात शिशु की परेशानी का कारण जानने का प्रयास करें। 
 
➤क्या आपका नवजात शिशु भूखा है? क्या उसे गैस हो सकता है? शायद नवजात शिशु के डायपर को बदलने की ज़रूरत हो? क्या यह समय नवजात शिशु सो जाता है? क्या आपका नवजात शिशु को शोर, रोशनी या गतिविधि से परेशान है? 
 

➤नवजात शिशु को शांत करने में मदद करने के लिए शिशु धीरे से हिलाते हुए शिशु कंधे को पकड़ें। अपने नवजात शिशु के साथ धीरे से गुनगुनाये या बोलें- उसे अपनी शांत गाने या लोरी की आवाज़ से आश्वस्त करें। अपने नवजात शिशु की पीठ को सहलाए कि आप शिशु को शांत करने में भी मदद कर सकें। 

नवजात शिशु की मालिश के फायदे:-

नवजात शिशु की मालिश करना बहुत ही फायदेमंद होती है ये नवजात शिशु की हड्डीयो को मजबूत बनने मे मदद करती है। और इस मूल्यवान सलाह के बिना कोई भी नवजात शिशु की सलाह पूरा नहीं हो सकती है।
 
  • अध्ययन से पता चलता है कि मालिश नवजात शिशु को आराम देती है। उनकी नींद के तरीको में सुधार कर सकती है। और चिड़चिड़ा होने पर उन्हें शांत कर सकती है।
  • अपने नवजात शिशु को मालिश देना भी उसके साथ आपके बंधन को मजबूत करती है। नवजात शिशु मालिश के बारे में जानें और किसी विशेषज्ञ की देखरेख मे ही नवजात शिशु की मालिश करे। 
  • अगर आप पहली बार मालिश कर रहे है तो आपको पहले इसकी जानकारी लेनी चाहिए। बिना बाल चिकित्सक के सलाह से कोइ भी रिस्क ना ले। 
  • शिशु की मालिश के लिए शिशु ऑयल का इस्तेमाल करे और अपने नवजात शिशु के लिए सुरक्षित तेल का उपयोग करें।

 

नवजात शिशु का स्तनपान:-
कई हेल्थकेयर या डॉक्टर इस बात से सहमत हैं। कि नवजात शिशु के लिए माँ के स्तन के दूध की तुलना में कुछ भी बेहतर नहीं है। पोषण की दृष्टि से, माँ का स्तनपान नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है। अपने नवजात शिशु को कुछ भी खिलाने या पिलाने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरुर करें।
 

नवजात शिशु की नींद:-

जैसे-जैसे आपका शिशु बड़ा होता है। आपके नवजात शिशु के सोने के तरीको में बदलाव होता है। जन्म के बाद नवजात शिशु की देखभाल और जैसे-जैसे आपका नवजात शिशु बड़ा होता जाता है। शिशु दिन की नींद के साथ-साथ रात के समय भी नींद लेने लगती है। मगर कभी कभी नवजात शिशु दिन के समय सोने के पश्चात रात मे जागते है, आप अपने शिशु को रात का समय सोने के लिए आदत डाले।

अपनी नवजात शिशु के लिए जरुरी उत्पाद चयन कैसे करें:-

नवजात शिशु के जरुरी समान जो रोज के शिशु के केयर मे काम आती है। नई माता-पिता को नवजात शिशु की हर जरुरत की समान को पहले से जानना और अच्छे उत्पाद का चयन करना आसान नही होता। जिसके लिए सही दिशा-निर्देशों के बिना नवजात शिशुओं की देभाल के लिए कोई भी सुझाव अधूरे हैं। 
 
एक आदर्श नवजात शिशु के लिए आदर्श उत्पाद चयन करना आपको कैसे लाभ दे सकते है?
  • अपनी नवजात शिशु की त्वचा या आँखों बहुत ही नाजुक होती है। जिसकी देखभाल के लिए आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। 
  • आपको ध्यान रना चाहिए, आपकी नवजात शिशु की त्वचा बहुत ही कोमल है। अगर आप कोई भी उत्पाद खरीद लेते है तो आप आपने नवजात शिशु की त्वचा को रुखा कर सकते है जो बाद मे शिशु के लिए परेशानी का कारण है। 

 

यह बाते ध्यान मे रखे :
(Navajaat Shishu Ke Pahale 10 Dinon Tak Vishesh Dekhabhaal Kee Aavashyakata Hotee Hai):-
  1. अपनी नवजात शिशु की त्वचा नाजुक होते हैं तो सुरक्षा की दृष्टि से आपको चाहिए, कि एक उत्तम क्वालिटी का हो। 
  2. शिशु की कोमल त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचाए। 
  3. विशेष रूप से शिशु उत्पाद ही शिशु के लिए इस्तेमाल करे, वह आपकी नवजात शिशु की त्वचा के लिए सुरक्षित होना चाहिए।
  4. शिशु को जल्द ही किसी भी समय संक्रमण का खतरा होता है। इसके लिए आप को चाहिए कि शिशु का उत्पाद मे जरुर ध्यान दे कि वो वस्तु से कोई एलर्जी ना हो। 
  5. अपके नवजात शिशु के शरीर पर किसी भी तरह की एलर्जी होने पर तुरंत शिशु रोग विशेषज्ञ या बाल चिकित्सक से सम्पर्क करे।

 

नवजात शिशु की पहले 10 दिनों की देखभाल आपको कब तक मदद करेगी।

👉शिशु जब तीन साल की उम्र का हो जाता है तो, नवजात शिशु के मस्तिष्क का 85% हिस्सा विकसित हो जाता है। तीन साल तक आने वाला हर अनुभव आपके नवजात शिशु के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है। बार बार किये जाने वाले पूर्वानुमानित और पालन-पोषण करने वाले अनुभव आपके नवजात शिशु के स्वस्थ विकास में मदद कर सकते हैं।
 

👉तो आप इस बारे में ज्यादा न सोंचे कि क्या आप “सही” कर रहे हैं या नही। सबसे जरुरी रखता है कि आप अपने नवजात शिशु के साथ कितना समय बिताते हैं। जबकि नवजात शिशु आपके स्पर्श और गंध की भावना को समझते हैं। इस प्रकार आप नवजात शिशु का विकास में मदद करते हैं। 

👉नवजात शिशु 9 महीने गर्भ मे रहने के बाद जब जन्म लेता है और आप माँ जब अपने नवजात शिशु को अपनी गोद मे लेती है तो माँ की 9 महीने हुए दर्द, और कष्ट एक पल मे गायब हो जाती है। माँ सब कुछ भुल जाती है और सिर्फ और सिर्फ अपने नवजात शिशु को देखते हुए खुशी की आंसू आँखों मे लिए अपने शिशु को देखती है। और शिशु की अच्छे भविष्य की चिंता करना शुरू कर देती है। जिसमे सबसे पहले हर माँ के मन में अपने नवजात शिशु की अच्छी युक्तियाँ आने लगती है या अपने सबंधी से अपने नवजात शिशु की देख-भाल के लिए टिप्स पुछने लगती है।

👉जैसे-जैसे शिशु का विकास होता है माता पिता को अपने नवजात शिशु की जिम्मेदारी और जरुरत बढ़ती जाती है। नवजात शिशु अभी जन्म लेने के साथ बहुत ही नाजुक होता है और संवेदनशील होता है अगर नवजात शिशु की अच्छे से देखभाल ना करे तो किसी भी तरह की संक्रमण का खतरा बढ जाता और एक नवजात शिशु की सही से देखभाल ना किया जाए तो किसी भी तरह की संक्रमण के कारण बीमार हो सकता है जो कि एक नवजात शिशु का विकास मे बाधा बन सकती है । जिसके लिए हर माता-पिता अपने नवजात शिशु के लिए कोई भी लापरवाही नही करते है। जिससे उनके नवजात शिशु के विकास मे कोई परेशानी ना हो। और जितना हो सके अपने नवजात शिशु की देखभाल की जिम्मेदारी खुद उठाते है और अपने नवजात शिशु के बेहतर विकास का ध्यान रखते है।
 

इन सरल नवजात शिशु की देखभाल के युक्तियों के साथ, नवजात शिशु की जन्म के पहले 10 महत्वपूर्ण दिनों को नए लम्हों के लिए मुस्कुराहट और खुशीयों से भरा बना सकते हैं।

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