यदि आप पहली बार माँ बनी है तो आप अपने नवजात शिशु को कैसे गोद में उठाए।
Navajaat Shishu Ko God Mein Lene Ke Tips:आपके नवजात शिशु के जन्म के बाद एक माँ और पिता के लिये सबसे पहली जिम्मेदारी होती है, कि बच्चे को गोद लेना। हलांकि, पहली बार बने माता–पिता अपने बच्चे को गोद में बहुत ही उत्सुक होते है।
मगर हर माता-पिता के मन मे यह बात जरुर आती है। कि वो अपने नवजात शिशु को गोद मे कैसे ले अक्सर बच्चे के जन्म के बाद नर्से शिशु को अच्छे से पोछ कर कपड़े मे लपेट कर देती है। और सबसे पहले तो नवजात शिशु की माँ की जिम्मदारी होती है। कि नवजात शिशु को माँ का पहला दुध पिलाया जाए। इसलिए यह लेख खास कर उन माता पिता के लिए है जो अपने छोटे से नवजात शिशु को गोद लेने या दुध पिलाने मे कोई परेशानी का सामना ना करना परे।
यदि आप पहली बार माता-पिता बनने वाले हैं तो आप इस लेख को लेकर ध्यान से पढे। ताकि आप अपनी छोटी सी नवजात शिशु को कैसे उठाया जाए। और नवजात शिशु को सुरक्षित तरीके से उठाने या गोद लेने के बारे मे, आज यहाँ आपको कुछ जरूरी सुझाव दिए गए है, कृप्या ध्यानपुर्वक इस लेख को पढे ।
अगर आप पहली बार माँ बने है, तो आपको शायद ही पता होगा कि एक छोटे से बच्चे को जिसका अभी जन्म हुआ है| उसे गोद लेने मे सावधानी नही रखे, तो छोटे से नवजात शिशु के नाजुक शरीर को चोट पहुँच सकता है। आपको अपने बच्चे को गोद लेने मे डरना भी नही चाहिए। बल्कि आपको बच्चे को पकड़ने या गोद में उठाने का सही तरीका को सीखना चाहिए।
शिशु को पकड़ना या गोद में उठाना कोई मुश्किल काम नही है। हाँ, मगर आप पहली बार माता-पिता बने है तो आपको ज्यादा कठिनाई हो सकती है। बच्चे को पकड़ते या गोद में उठाते समय यह डर लगता है कि बच्चा कहीं स्लिप न कर जाए। नए माता-पिता के लिए इस तरह का डर लाजमी है।
चलिए जानते है कि अपने नवजात शिशु को सुरक्षित गोद लेने या सुरक्षित उठाने तरीके के बारे मे और कछ जरूरी बातों का जिसका सावधानी रखना आवश्यक है।
नवजात शिशु को गोद लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
अपने बच्चे को गोद या पकड़ते या उठाते समय खुद को साफ अतिआवश्यक है। क्योंकि छोटे बच्चो में प्रतिरक्षा प्रणाली (IMMUNE SYSTEM) विकसित नहीं हो पाती है। और हाथों मे कई प्रकार के रोगाणु और बैक्टीरिया छिपे होते हैं। जिससे अगर आप अपने छोटे बच्चो गंदे हाथों से छूने या गोद लेने पर कीटाणु और बैक्टीरिया बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं। जिससे बच्चा जल्द बीमार हो सकता है।
इसलिए अपने छोटे बच्चे को गोद में लेने से पहले अपने हाथों को साबुन से जरुर धोएं। आपकी स्वच्छता ही आपके बच्चे को हेल्दी रखने मे मदद करता है। छोटे बच्चो को अपनी गोद में लेने से पहले या छूने से पहले हाथों की सफाई के साथ अपने कपड़े भी साफ रखे।
अगर आप बाथ रूम गये हो या बाहर से आ रही हो, या कोइ भी ऐसा काम कर रहे थे तो कृप्या बच्चे से दुर रहे या अपने कपड़े जरूर बदलें और अपनी सफाई के बाद ही बच्चे को छूए। माता–पिता को बहुत जरुरी हो तो आप सैनिटाइज़र (SANITIZE) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
👉 अपने नवजात शिशु को सहजता से उठाए।:-
आपका नवजात शिशु बहुत छोटा होने के साथ साथ बहुत नाजूक है तो आपको अपने नवजात शिशु को उठाते समय कोई लापरवाही नही करनी चाहिए।
आप खुद शारीरिक रूप से सहज रहें और किसी भी समय अपने नवजात शिशु को गोद मे लिए अपना बैलेंस बनाए रखे। जैसे कि फिसलने या आपका सही से बैलेंस ना होने पर आपसे गलतिया हों सकती है। आवश्यक है पहले आपको आश्वस्त और शांत होना।
और सबसे महत्वपुर्ण आपको कोई ऐसी नोकीली वस्तु नही पहननी जिससे आपके नवजात शिशु को चोट पहुँच जाए। जैसे- घड़ी या पिन जैसी चीजे। क्योंकि इससे बच्चे को खरोंच या चोट लग सकती है।
यदि आप अपने नवजात शिशु को उठाने में सहज नहीं दिखाते हैं तो आपका नवजात शिशु आपकी गोद में सहज महसूस नहीं करेगा। इसलिए आप थोड़ा भी तनाव नही लें और सहजता पुर्वक सही और सुरक्षित तरीके से बच्चे को गोद में उठाएं।
👉 नवजात शिशु अपनी गोद मे अरामदायक महसुस कराऐ।:-
नवजात शिशु को उठाते समय अपने हाथ से बच्चे की गर्दन को और सिर के नीचे वाले भाग को सहारा दें। नवजात शिशु के गर्दन की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होती और शिशुओं की सिर भारी होते है और नवजात शिशु के गर्दन की मांसपेशियों पर उनका नियंत्रण नहीं होता, इसलिए आपको अपने नवजात शिशु के सिर को सहारा देने की आवश्यकता हैं। आप अपने नवजात शिशु को गोद लेते समय उनके सिर और गर्दन को अच्छी तरह से सम्भाले। इसलिए अपने नवजात शिशु को उठाते समय हाथ से सहारा देने की आवश्यकता है।
अगर आपको नवजात शिशु को गोद में लेने का अनुभव नहीं है, तो आपको अपने नवजात शिशु के उस आरामदायक स्थिति को समझें, जिससे आपका नवजात शिशु को आप अच्छे तरीके से सम्भाल सके।
आपने अक्सर देखा होगा कि जब शिशु रोने लगता है तो सभी नवजात शिशु को गोद में लेकर हिलाने लगते हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि नवजात शिशु को झटका या हिलाने से मस्तिष्क में चोट का खतरा रहता है। और ऐसा करने से नवजात शिशु के मस्तिष्क विकास पर इफेक्ट पड़ता है।
नवजात शिशु को गोद में लेकर हिलाने के अलावा धीरे-धीरे चलना चाहिए और नवजात शिशु को हल्के हाथों के साथ सहलाना चाहिए।
👉 नवजात शिशु को हवा में उछालने से रुके:-
नवजात शिशु को हवा में उछालना नही चाहिए और शिशु को गेंद की तरह हवा में फेंक कर कैच भी करना खतरनाक हो सकता है। इससे आपके नवजात शिशु के मस्तिष्क विकास मे बाधा और शिशु के मन मे डर आ जाता है।
👉 नवजात शिशु को कंगारु केयर करे:-
आपका नवजात शिशु अभी बहुत छोटा है उसे अभी इस नयी दुनिया मे सिर्फ माँ के प्यार और अपनी माँ के स्पर्श का ही पता होता है। इसके लिये कंगारु केयर की तरह अपने नवजात शिशु को अपनी स्नेह और प्यार से एहसास करवाए।
आपको अपने नवजात शिशु को अपने सीने के करीब लेटाए और अपने नवजात शिशु को अपनी गर्मी के साथ का एहसास करवाए। जिससे आपका शिशु आपको और अच्छी तरह से समझने में मदद करता है।
👉 आपको अपने नवजात शिशु से बात करनी चाहिए।:-
आपको पता होगा कि नवजात शिशु सिर्फ अपनी माँ की बाते समझता है। नवजात शिशु अपनी माँ की इशारो और भाषा को अच्छी तरह समझ जाता है। और यह नवजात शिशु के विकास के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
Navajaat Shishu Ko God Mein Lene Ke Tips: आपको अपने नवजात शिशु को गोद लेते समय हमेशा याद रखना चाहिए कि शिशु अभी बहुत ही छोटा और नाजुक है आपकी थोड़ी सी लापरवाही से आप अपने शिशु को चोट पहुँचा सकती है।
शिशु को गोद के लिए क्रैडल होल्ड सबसे आसान और परम्परिक तरीका है। इसके लिए आपको अपने शिशु को दाएं हाथ शिशु की गर्दन और सिर को अच्छे से सपोर्ट देंगे। अपने बच्चे के सिर को आप अपनी कोहनी पर रखकर सहारा दे और फिर अपने बाएं हाथ से बच्चे के कमर और कमर के नीचे वाले भाग को हल्के से उठा कर सहारा दे। फिर अपने बच्चे को अपने बाँह से सहारा दे कर सटा ले। माँ हमेशा यह तरीका अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए इसी अवस्था का इस्तेमाल करती है।
यह तरीका अपके नवजात शिशु के लिए अरामदायक और शिशु को सुलाने के लिए तैयार करने के लिए अच्छा माना जाता है। इस तरीके मे आप अपने एक हाथ से नवजात शिशु के गर्दन और सिर और आप अपने दूसरे हाथ से हिप को सहारा देकर उठाएं। फिर नवजात शिशु को अपने कंधे के समानांतर ले जाए। अपने शिशु के सिर को अपने कंधों पर रखें ताकि आपका शिशु अराम कर सके और गर्दन तथा कमर और हिप को अपने दूसरे हाथो के पंजे से सहारा दें। सम्बंधित : जानें कि आपका नवजात शिशु पहली बार कब मुस्कुराएगा?
👉 गोद पकड़ (Lap hold):-
Navajaat Shishu Ko God Mein Lene Ke Tips: अपने नवजात शिशु को उठाने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। इस तरीके मे आपको कुर्सी पर बैठना है और फिर अपने नवजात शिशु को गोद में उठाए। फिर अपने नवजात शिशु का सिर आपके घुटने पर के पास ले जाए। अपने दोनों हाथों के पंजों से नवजात शिशु के सिर को सहारा दें। नवजात शिशु का पैर आपके कमर और पेट के पास होना चाहिए।
👉 नमस्ते-विश्व धारण करो (Hello-world hold):-
अपने नवजात शिशु को अपने सीने के पास सटा ले। इस तरह शिशु के सिर को सहारा मिले। अपनी एक हाथ नवजात शिशु की सीने को बांध ले और अपने हाथ पर शिशु को सहारा दे। और आपना दूसरा हाथ उसके नितंब और कमर के पास रखते हुए, शिशु को सहारा दें। इस तरह के तरीके को ‘हैलो–वर्ल्ड होल्ड‘ भी कहा जाता है।
यह तरीका ऐसे शिशु के लिए सही है जो बहुत ही उत्सुक होते है और देखना चाहते है। कि इस नयी दुनिया मे क्या हो रहा है।
👉 आमने सामने वाली स्थिति (Face to face situation):-
अपने नवजात शिशु के सिर और गर्दन को अपने एक हाथ नीचे रख कर सहारा दें और अपने दूसरे हाथ से उसके कमर और नीचे के भाग को सहारा दें। अब आप अपने सीने से थोड़ा नीचे अपने नवजात शिशु को ऐसे रखे कि शिशु चेहरा आपके सामने हो और शिशु आपको देख सके। यह तरीका आपके नवजात शिशु के साथ खेलने और उससे बातें करने के लिए सबसे अच्छा है।
नवजात शिशु दुध पीलाने के बाद गोद में लेंने का तरीका?
अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने के बाद शिशु को सीधा लेटाना चाहिए। या आपको अपने शिशु को अपने कंधो के सहारे गोद लेना चाहिए। जिसमे शिशु के पेट ना दबाए। अब शिशु के पीठ पर हल्के हाथो से थपथपाएं या सहलाए जिससे कि आपका शिशु डकार नहीं ले। नवजात शिशु को दूध पिलाने के बाद ना तो उछालें और ना ही हिलाएं ना किसी प्रकार का झटका लगाऐं। क्योंकि ऐसा करने से आपका नवजात शिशु उल्टी कर सकता है।
जब नवजात शिशु रो रहा हो तो कैसे गोद ले।
जब नवजात शिशु रो रहा हो तो आपको समझ जाना चाहिए कि शिशु को कोई परेशानी है या शिशु भुखा है। ज्यादतर माँ को पता नही चलता कि नवजात को रोते समय अच्छे तरीके से गोद लेकर शांत कराया जा सकता है।
👉 आइए जानते है विशेषज्ञ क्या कहते है।
नवजात शिशु के दोनो हाथों को उसकी एक दूसरे के उपर रखते हुए शिशु के सीने पर रखे। अब अपने हाथ को से शिशु के दोनो हाथो पर रखे।
आपको अपने नवजात शिशु को अपनी गोद मे अपनी बाजू पर अरामदायक तरीके से लेटाना है। अपने नवजात शिशु को अपनी गोद मे इस तरह से पकड़े की आपके शिशु को कोई आपकी गोद मे पुर्ण आनंद आए। अपनी गोद मे लेटाए हुए शिशु के सीने पर हल्के हल्के हाथो से सहलाए जिससे शिशु को आपके स्नेह का एहसास हो।
अपने नवजात शिशु को 45 डिग्री के कोण पर अपनी गोद मे रखे, और धीरे धीरे अपने नवजात शिशु को अपने हाथो की गोद मे झुलाएं। ऐसा करने से आपके शिशु को आप्के प्यार का एहसास तो होगा ही साथ ही शिशु को सुरक्षित महसुस होगा। और आपका नवजात शिशु रोना बंद कर देगा।
आपको अपने नवजात शिशु को नहलाते वक्त बहुत ध्यान रखने की आवश्यकता होती है इसलिए अपने नवजात शिशु को नहाने के समय इस तरह से पकड़े कि शिशु को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। अब शिशु को नहलाते वक्त या नहाने बाद आपको कैसे अपनी नवजात शिशु को गोद मे लेना चाहिए।
नवजात शिशु को नहलाते समय शिशु के पीठ और कंधे पर अपनी हाथो से पकड़ बनाये और दुसरी शिशु की कमर को अच्छे तरीके से सहारा दे।
आप जब शिशु को नहा रहे हो तो हमेशा ध्यान रखे कि शिशु के सिर पर आपका एक हाथ सहारा दे।
ध्यान रहे जब भी आप अपने नवजात शिशु को गोद लेते समय आपको आत्मविश्वास से भरा रहना आवश्यक है। आपको डरना नही है।
नवजात शिशु को गोद में लेने के लिए सुझाव (Navajaat Shishu Ko God Mein Lene Ke Tips):
आप हमेशा खयाल रखे कि, आपका नवजात शिशु गोद लेने पर क्या प्रतिक्रिया करता है।
आपको पता होना चाहिए कि आपका शिशु गोद लेने की उस स्थिती मे परेशान हो रहा हो, तब गोद लेने का तरीका मे बदलाव करे।
नवजात शिशु को छुने से पहले सफाई और हाइजीन का पुरा ध्यान रखे।
नवजात शिशु को गोद लेते समय ध्यान रहे कि शिशु के सिर और गर्दन और कमर और टांगों को सहज और सहारा देना जरुरी है।
नवजात शिशु के सिर को कभी जोड़ से न पकड़ें। सुनिश्चित करे कि शिशु आराम से सिर हिला सके और सांस लेने मे कोई परेशानी ना हो।
शिशु को आपकी गर्माहट देने और नवजात शिशु को मातृभाव महसूस करवाने के लिए नवजात शिशु को आपके स्पर्श को महसूस करवाए।
अगर आपको घबराहट हो रही हो तो अपने नवजात शिशु को नीचे बैठ कर ही गोदी में लें।
अगर आप खाना बना रही हो, सफाई कर रहे हो या चाकू या नुकीली जैसे चीजो से काम करते समय अपने नवजात शिशु को गोद ना ले बल्कि शिशु को किसी परिवार के सदस्य को सम्भालने को दे या शिशु को पास ही झुले मे सुला दे।
नवजात शिशु के लिए अरामदायक तकिया लें, जो शिशु को स्तनपान कराते समय भी कोई परेशानी ना हो। या आपको अपने नवजात शिशु के लिए बेबी कैरियर का उपयोग करना चाहिए।
सीढ़ियों पर चढ़ते या उतरते समय आपको पुरी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे की आपको शिशु को दोनो हाथो से पकड़े, आपको सीढ़ियों पर ध्यान से और धीरे-धीरे उतरनी चाहिए।
अगर आप पहली बार माँ बने है तो किसी भी सलाह या सुझाव को अपनाने से पहले आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए। आपके नवजात शिशु के साथ किसी भी परेशानी महसुस पर समय पर डॉक्टर को दिखाए और बाल डॉक्टर से परामर्श ले।
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