नवजात शिशु को स्तनपान कराने में कितना समय लगता है।


Baby Ki Breastfeeding Ki Kitani Timing Hoti Hai:-


Baby Ki Breastfeeding Ki Kitani Timing Hoti Hai👉 एक नवजात शिशु को स्तनपान करने में 20 से 45 मिनट लग सकते है। नवजात शिशु को एक स्तन या दोनों स्तनों से स्तनपान करने में सामान्य समय लगता है। जैसे-जैसे नवजात शिशु बड़ा होता जाता है वैसे वैसे नवजात शिशु स्तनपान करना और भी जल्द करने लगता है। नवजात शिशु कुछ महीनों में 5 से 10 मिनट मे ही स्तनपान का लेता है।

👉 नवजात शिशु एक बार स्तनपान करने में कितना समय लेगा, यह शिशु और शिशु की माँ पर निर्भर करता है। जैसे कि:-

  1. शिशु की माँ के स्तनों में दूध की प्रवाह या आपूर्ति की गति सही मात्रा में हो।
  2. नवजात शिशु को जन्म देने के बाद माँ के स्तनों में दूध की सही प्रवाह शिशु के जन्म के 2 से 5 दिनों के बाद आती है।
  3. स्तनपान के समय दूध की प्रवाह धीमी या तेज होना।
  4. आपके स्तनों से लेट-डाउन रिफ्लेक्स होना। इस दौरान दूध निप्पल से बह जाता है।
  5. नवजात शिशु को स्तनों या निप्पल को अच्छे तरीके से मुहँ में लेना, जिससे नवजात शिशु निप्पल से सही तरीके से दूध पी सके।
  6. नवजात शिशु स्तनपान सही ढंग से कर रहा है या धीमा।
  7. नवजात शिशु नींद में स्तनपान कर रहा है।
  8. नवजात शिशु स्तनपान करते समय विचलित होना।

👉 ऐसी किसी भी समस्या का सामना कर रहे है तो आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ या चिकित्सक से सम्पर्क करे और अपने नवजात शिशु के स्तनपान बहुत जल्द कर ले या बहुत धीमे करता है।



नवजात शिशु को कितने देर में स्तनपान करवाना चाहिए।:-


नवजात शिशु जब जन्म लेता है तो उस समय बहुत नाजुक होता है। और डॉक्टर भी सलाह देते है, कि शिशु के जन्म के 30 मिनट के अंदर ही कराया गया स्तनपान नवजात शिशु को बहुत तरह की बीमारियों से रक्षा करता है। और नवजात शिशु का पेट भी बहुत छोटा होता है, और इसलिए नवजात शिशु को हर 2 घंटे में भुख लगती है। और नवजात शिशु को हर 2 घंटे में स्तनपान करवाना चाहिए। चाहे दिन हो या रात हो शिशु को 2 घंटे के अंतराल में स्तनपान कराना आवश्यक है।
नवजात शिशु को कितने देर में स्तनपान करवाना चाहिए

जैसे कि :- आपने अपने नवजात शिशु को सुबह 5 बजे स्तनपान करवाया है, तो अगला 2 घंटे के बाद 7 बजे फिर 9 बजे, और इसी तरह आपको अपने नवजात शिशु को स्तनपान करवाना चाहिए।


नवजात शिशु को दोनों स्तनों से स्तनपान करवाना चाहिए।:-


नवजात शिशु को स्तनपान करवाने के लिए आपको सामान मात्रा में स्तनपान करवाने की कोशिश करना चाहिए। हालांकि, शिशु ज्यादातर दांए स्तन से स्तनपान करना पसंद करता है। क्योंकि दाए सतनों में दूध की प्रवाह अच्छे से और सही मात्रा में होता है। मगर आपको दोनों स्तनों में दूध की सही आपूर्ति बनाए रखना चाहिए। जिससे आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना नही करना पड़ता है।

नवजात शिशु को दोनों स्तनों से स्तनपान करवाना चाहिए➢ आप प्रत्येक स्तनपान के अंतराल के बीच स्तनों को बदल बदल कर स्तनपान करवाना चाहिए। आप प्रत्येक स्तनपान करवाने के बाद, याद नही रख सकते कि, कौन सा स्तन से पहले दूध पिलाया था? इसके लिए आप अपने नवजात शिशु को हर 5 से 10 मिनट में स्तनो को बदल कर स्तनपान करवाये। या आप स्तनपान करवाने के बाद एक छोटे से रिबन का प्रयोग कर सकते है। आपने जिस तरफ के स्तन से स्तनपान करवाया है, उस तरफ एक रिबन लगा दे। यह आपको याद रखने में मदद कर सकता है। और फिर अगले स्तनपान के समय दूसरे तरफ के स्तनों का प्रयोग करे।

➣ आप चाहे तो स्तनपान करवाते समय एक नोटबुक का प्रयोग या किसी स्तनपान ऐप पर रिमाइंडर का इस्तेमाल कर सकते है।

➣ आपको अपने नवजात शिशु के आरामदायक का ख्याल भी रखना चाहिए। प्रत्येक स्तनपान करने पर स्तनों के बदले जाना आपका नवजात शिशु पसंद करता है? ऐसा जानने के लिए आपको नवजात शिशु को स्तनपान करवाते समय अपने शिशु के इशारो पर ध्यान देना आवश्यक है।




नवजात शिशु को स्तनपान कराने के तरीके:-


➤ अगर आपका नवजात शिशु कम समय तक स्तनपान करता है:-


👉 नवजात शिशु को स्तनपान करवाते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि आपका शिशु लम्बे समय तक स्तनपान करे। अगर आपका नवजात शिशु लेट-डाउन (Let-Down) होने तक स्तनपान करे। मतलब आपका नवजात शिशु बहुत जल्द स्तनपान समाप्त कर लेता है, तो यह आपके नवाजात शिशु के विकास मे बाधा आ सकती है। अगर नवजात शिशु आपके स्तनपान के लेट-डाउन (Let-Down)होने से पहले सो जाता है या नर्सिंग करना बंद कर देता है तो आपके नवजात शिशु को सही मात्रा में दूध नही पी रहा होता है।


👉 नवजात शिशु को स्तनपान करने से नर्सिंग आपके नवजात शिशु को स्तनपान के रुप में जो दूध नवजात शिशु पीता है वो नवजात शिशु के शरीर में बदल कर फोरमिल्क से हिंडमिल (Formilk to Hindmill) के रूप में बदल जाती है। और यह आपके नवजात शिशु के लिए आवश्यक है। इसके लिए महत्वपूर्ण है, कि प्रत्येक स्तन पर आपका नवजात शिशु बहुत समय तक टीका रहे, ताकि आपके नवजात शिशु को भरपूर मात्रा में वसा और कैलोरी मिलेगी। और यह आपके नवजात शिशु के वजन बढा‌ने और शारिरीक और मानसिक विकास में  मदद करता है।

👉 अगर आपका नवजात शिशु लेट-डाउन से पहले ही स्तनपान समाप्त कर लेता है, और आपके स्तनों को दूध  से भरा रह जाता है तो यह आपके स्तनों के लिए भी परेशानी है। इससे स्तनों मे दर्द की वृद्धि, दूध का स्तनो मे जम जाना और दूध का फटा फटा होना, और दूध की मात्रा में कमी जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अपने शिशु को अधिक समय तक स्तनपान करवाने की आदत या ज्यादा देर तक स्तनो को सक्रिय रूप से चूसने की कोशिश करे।

ध्यान दे:- यदि आपका नवजात शिशु अधिक समय तक स्तनपान नही करता, 5 मिनट से भी कम समय तक स्तनपान करता हो तो आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करे। कम समय तक स्तनपान करना शिशु में कुछ परेशानी के संकेत है। ऐसे स्वास्थ्य सबंधित संकेत में तुरंत जाँच करवाना चाहिए।




➤ अगर आपका नवजात शिशु अत्यधिक अधिक समय तक स्तनपान करता है:-


👉 नवजात शिशु का धीरे-धीरे बड़े होने के साथ लम्बे समय तक स्तनपान करना एक सामान्य बात है। मगर अगर आपका नवजात शिशु अत्यधिक अधिक समय तक स्तनपान करना शिशु को सही मात्रा में दूध नही मिलने का संकेत हो सकता है। नवजात शिशु के दूध के आपूर्ति में वृद्धि होना भी आवश्यक है। आपके स्तनपान करवाने के शुरुआत करने के पाँच दिनो के बाद शिशु के दूध पीने की मात्रा में वृद्धि होती है। मगर आपके नवजात शिशु को अगले 45 मिनट तक आपकी स्तनों की सारी दूध को समाप्त करने को सक्षम होना भी जरूरी होता है। अगर आपका नवजात शिशु हर स्तनपान के समय सक्रिय रुप से 45 मिनट तक स्तनपान करने के लिए आपके स्तनों को चूस ही रहा हो, तो इसका मतलब है, कि आपके नवजात शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध नही मिल पा रहा है। और आपको इस संदर्भ में आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से या चिकित्सक या स्तनपान के जानकार से बात कर इस तरह की परेशानी को जल्द से जल्द हल करना चाहिए।


नवजात शिशु के सामान्य से अधिक बार भूख लगना:-


नवजात शिशु का सामान्य से अधिक भूखा होना सामान्य बात है। अगर आपको भी यह समस्या है कि आपका शिशु अत्यधिक भूखा रहता है। तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरुरत नही है। जब नवजात शिशु तेजी से बड़ा हो रहा हो तो भूख का बढना सामान्य है। यह एक संकेत है कि आपके नवजात शिशु की तेजी से विकास हो रहा है। इसे ग्रोथ स्पर्ट (growth spurt) कहा जाता है। यह शिशु के साथ तब होता जब शिशु एक पड़ाव को पार कर रहा हो। ऐसे पड़ाव को नीचे चार्ट में देख कर समझ सकते है।

  • जब नवजात शिशु 14 दिन का हो गया हो।
  • जब नवजात शिशु 2 महीने के बाद
  • जब नवजात शिशु 4 महीने के बाद
  • जब नवजात शिशु 6 महीने के बाद

नवजात शिशु के सामान्य से अधिक बार भूख लगना

➢ यह एक अनुमानित समय चार्ट है। आपको अपने नवजात शिशु के भूख लगने पर ध्यान देनी चाहिए। जब भी आपके नवजात शिशु को अत्यधिक भूख लगती है, या ऐसा कोई संकेत दिखे, तो आपको स्तनपान करवाने के समय को एक से अधिक बार भी करने की आवश्यकता है।




नवजात शिशु को कितनी बार स्तनपान कराना चाहिए?:-


नवजात शिशु को जन्म के बाद एक महीने तक 8 से 12 बार तक स्तनपान कराना चाहिएनवजात शिशु को स्तनपान आसानी से पच जाता है। और नवजात शिशु का पेट का आकार भी बहुत छोटा होता है, इसलिए नवजात शिशु को जल्द भूख लग जाते है। और आपके अपने नवजात शिशु को समय से 8 से 12 बार दूध पीलाने से और बार बार स्तनपान करवाने से आपके स्तनों में भी दूध की मात्रा बढ़ जाती है। जो शिशु को भूख लगने में दूध की आपूर्ति पर्याप्त हो जाती है।

नवजात शिशु को कितनी बार स्तनपान कराना चाहिएनवजात शिशु 1 से 2 महीनों तक एक दिन में 7 से 9 बार नर्स करता है। नवजात शिशु के जन्म के बाद कुछ सप्ताह आपको अपने नवजात शिशु को स्तनपान तब करवाना चाहिए, जब आपका नवजात शिशु को भूख लगी हो। नवजात शिशु आमतौर पर 1 घंटे या 2 घंटे के अंतराल में होता है। मगर यह हमेशा नही रहता जैसे जैसे नवजात शिशु बड़े होते जाते है शिशु के स्तनपान में कमी आती है। और एक समय अनुसार ही नवजात शिशु को भूख लगती है। कुछ शिशु को 90 मिनट में भी भूख लग सकती है और कुछ को 2 से 3 घंटे के अंतराल पर हो सकता है। लेकिन एक नवजात शिशु को 3 से 4 घंटे से ज्यादा दे भूखा नही रखे चाहे रात में या दिन के समय।




नवजात शिशु को कब और कितने बार डकार दिलावाना चाहिए:-


नवजात शिशु को कब और कितने बार डकार दिलावाना चाहिएनवजात शिशु को हर स्तनपान के बाद डकार करवाना आवश्यक है। नवजात शिशु को स्तनपान के बाद डकार दिलवाने से शिशु को कभी उल्टी या गस जैसी समस्या नही होती है। नवजात शिशु को डकार आप स्तनपान के समय स्तनों को बदलने से पूर्व कर सकते है। डकार दिलाने के लिए आप नवजात शिशु को सीधे पीठ के बल लेटा दे या अपने कंधो पर गोद में ले और पीठ से कमर की ओर रगड़ना चाहिए। अगर आपका शिशु एक ही स्तन से स्तनपान करने के बाद पेट भर लेता है, तो आपको अपने नवजात शिशु को एक स्तन से स्तनपान के बाद डकार दिलवा देना चाहिए। या दुसरे स्तन से स्तनपान करवाने से पहले अपने नवजात शिशु को रगड़ने की कोशिश करे।

➢ कुछ शिशु को थोड़ी थोड़ी देर में ही डकार दिलवाने की आवश्यकता होती है। आप अपने शिशु को थोड़ी देर स्तनपान करवाने के बाद भी डकार दिलवा सकते है। यदि आपका नवजात शिशु अधिक समय तक स्तनपान करता है, तो आप अधिक बार डकार दिलाने का प्रयास करे। हालांकि, नवजात शिशु स्तनपान या दूध पीने के बाद या डकार के समय थोड़ा थूक सकते है। यह सामान्य बात है। मगर शिशु का उल्टी करना सामान्य नही है। शिशु को उल्टी नही करनी चाहिए। और अगर आपका नवजात शिशु दिनभर थुकता है, यह एक परेशानी हो सकती है, आपको अपने डॉक्टर से बात करने की आवश्यकता है।




कितने महीनों तक नवजात शिशु को स्तनपान करना चाहिए:-


👉नवजात शिशु कितने महीनों तक स्तनपान करेगा, यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि विशेषज्ञ कहते है, पहले 6 महीनों तक केवल स्तनपान ही करवाना चाहिए, कोई दूध फोर्मुला 6 महीनों तक इस्तेमाल नही करना चाहिए।

👉6 महीनों के बाद आप आप चाहे तो अपने शिशु को 12 महीनों तक स्तनपान करा सकते है, लेकिन आपका शिशु सिर्फ स्तनपान के साथ रह सके तो।

👉स्तनपान के बहुत सारे फायदे होते है। ना सिर्फ शिशु के लिए बल्कि माँ और शिशु दोनों के लिए स्तनपान फायदेमंद है। एक अध्ययन में पाया गया कि स्तनपान करवाने से नवजात शिशु को बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है। और डायरिया, शिशु को दस्त, कान में संक्रमण और बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस की संभावना कम करती है। स्तनपान से शिशु के साथ होने वाली  अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS), मधुमेह, मोटापा और अस्थमा को भी रोकता है।


यह लेख से आपको सटिक जानकारी मिल गयी हो, तो आप आपना कीमती सुझाव अवश्य दे। आपका सुझाव हमारे लिए महत्वपुर्ण है। कृपया आप नीचे कमेंट में अपना सुझाव लिखे। और  इस लेख को अन्य माता पिता के साथ शेयर करें।

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