क्या थायरॉयड के लक्षण होने पर स्तनपान करा सकते हैं?

इस लेख में:-

क्या थायरॉयड के लक्षण होने पर स्तनपान करा सकते हैं?
थायराइड क्या होता हैं?
थायराइड कितने प्रकार का होता हैं?
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के लक्षण:-
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) के लक्षण:-
क्या बच्चे के जन्म के कुछ सप्ताह बाद थायराइड की जाँच करवाना चाहिए?
कैसे प्रसव और स्तनपान से थायराइड बदलाव करता है?
क्या थायराइड रोग आपके स्तन के दूध के उत्पादन को प्रभावित करता है?
क्या माँ के लिए थायराइड की बीमारी से स्तनपान कराना सुरक्षित है?
अगर आप बहुत अधिक मात्रा में थायराइड की दवा लेंगे तो क्या परिणाम होगा हैं?
क्या स्तनपान थायरॉयड की कुछ समस्याओं को रोक सकता है?


क्या थायरॉयड के लक्षण होने पर स्तनपान करा सकते हैं?

स्तनपान कराना माँ और उनके नवजात शिशुओं के लिए लाभदायक हैं। स्तनपान कराने से नवजात शिशु को भरपूर आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी मिलती हैं, जो शिशु के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं। जिससे नवजात शिशु को कई तरह बीमारियों से सुरक्षित रखती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, स्तनपान कराने से नवजात शिशु को एलर्जी, अस्थमा, मोटापा, मधुमेह और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम जैसी बीमारियों से बचाता हैं।

स्तनपान करावाने से माँ को भी बहुत सारे लाभ होते है, जैसे कि डिम्बग्रंथि और स्तन कैंसर आदि तरह के बीमारियों का खतरा कम हो जाता हैं। हालांकि, थायराइड रोग एक अपवाद हैं। आपको अगर स्तनपान कराने में कोई परेशानी या समस्या हो तो आपको इसे नजरंदाज नही करना चाहिए।

थायराइड रोग के लक्षण बहुत सामान्य होते है, जैसे कि, विशेष रूप से हाइपोथायरायडिज्म, कम दूध की आपूर्ति के जैसे आम लक्षण पाये जाते हैं। अगर आप पर्याप्त दूध का उत्पादन करने में असमर्थता महसूस हो, तो यह महत्वपूर्ण संकेत हो सकता हैं। 

नई माताओं के मन में अकसर यह प्रश्न आती हैं, कि आखिर ये थायराइड रोग क्या हैं? आईए जानते हैं, थायराइड और स्तनपान से जरूरी तथ्य जो आप के लिए और आपके नवजात शिशु के लिए जरुरी हैं।

थायराइड क्या होता हैं?


थायराइड मुख्यतः एक ग्रंथि है, जो हार्मोन बनाने का कार्य करता हैं। यह हार्मोन शारीरिक विकास और आपके दैनिक कार्यो में मदद करता हैं। सबसे जरूरी यह स्तनपान कराने के लिए दूध उत्पादन करने में सबसे अहम रॉल निभाता हैं।


थायराइड कितने प्रकार का होता हैं?


सामान्यतः थायराईड दो प्रकार के होते हैं।

1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
2. हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)

थायराइड रोगों में हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) एक सामान्य है। और हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) खतरनाक होती हैं। साथ ही एक प्रसवोत्तर थायराइड होता हैं, जिसमें हाइपरथायरॉइड और हाइपोथायरायड दोनो एक साथ शामिल हैं।


हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के लक्षण:-


हाइपोथायरायडिज्म होने पर कुछ सामान्य लक्षण पाये जाते हैं। जैसे कि, थकान, ठंड के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी, कब्ज़, रूखी त्वचा, सूजा हुआ चेहरा, रक्त कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, अनियमित मासिक धर्म आदि जैसी समस्या का होता संकेत देता हैं, कि आपको हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के लक्षण हैं।


हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) के लक्षण:-


हाइपरथायरायडिज्म होना एक संकेत हैं, कि आपको इसके इलाज में देरी नही करनी चाहिए। इसके लक्षण है, दिल की घबराहट, चिंता, हाथों और अंगुलियों का फटना, गर्मी संवेदनशीलता में वृद्धि, पसीना आना, सोने में कठिनाई, थकान जैसे लक्षण पाये जाने पर आपको डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करनी चाहिए।

यदि आपको स्तनपान कराने में समस्या आ रही हो, तो थायराइड का जाँच कराना चाहिए।

जब बच्चे का जन्म होता है,  थायराइड की समस्या का विकसित होने का खतरा बढ़ जाता हैं। इसके लिए आपको अपने स्तन दूध के उत्पादन पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं। यदि आपको दूध की आपूर्ति की समस्या हो रही हैं, तो आपको हाइपोथायरायडिज्म के नियंत्रण के लिए आपको पूर्ण थायरॉयड जाँच कराना आवश्यक हैं।


क्या बच्चे के जन्म के कुछ सप्ताह बाद थायराइड की जाँच करवाना 

चाहिए?


बच्चे के जन्म के बाद माँ के शरीर में प्रसवोत्तर बदलाव के कारण थायराइड के स्तर में परिवर्तन होना सामान्य हैं। और अगर आपको स्तनपान कराने में समस्या हो तो थायरॉयड के स्तर की जाँच कराना एक अच्छा विकल्प हैं।


कैसे प्रसव और स्तनपान से थायराइड बदलाव 

करता है?


प्रसव के समय बच्चे के जन्म के बाद, साथ ही गर्भावस्था के दौरान भी माताओं के शरीर में प्रमुख हार्मोनल बदलाव होते हैं। यह बदलाव में थायराइड बदलाव भी शामिल हैं। मगर ऐसा सभी महिलाओं के साथ सामान्य नही होता, जैसे कि कुछ माताओं को गर्भावस्था के दौरान ही थायरॉयड बदलाव होने लगते हैं, और कुछ माताओं को प्रसव होने के एक माह बाद थायरॉयड बदलाव की समस्या होती हैं।

स्तनपान के दौरान जब माँ अपने बच्चे के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराती हैं, तो यह थायरॉयड ग्रंथि का कारण बनता है, स्तनपान के दौरान माँ के शरीर में दूध के उत्पादन के लिए थायरॉयड हार्मोन का बहुत अधिक बदलाव होता हैं। और इस कारण पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस होने की आशंका बढ़ जाती हैं। मगर यह डॉक्टर के सलाह लेने और इसका इलाज करने से इससे आराम मिल जाता हैं। आमतौर पर डॉक्टर या चिकित्सक दवा की कम खुराक लिख सकता है।

क्या थायराइड रोग आपके स्तन के दूध के उत्पादन को प्रभावित करता है?


यह प्रश्न नई माँ द्वारा पूछा जाने वाला आम प्रश्न है, क्या थायराइड स्तन के दूध के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है?

क्या थायराइड रोग आपके स्तन के दूध के उत्पादन को प्रभावित करता है

थायरॉयड की समस्या होने पर दूध की आपूर्ति प्रभावित होना सामान्य हैं। थायरॉयड की बीमारी प्रसवोत्तर है, तो आपको हाइपरथायरायडिज्म के बाद हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण दिखेंगे। और ऐसे में किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि थायरॉयड का इलाज और दवाईया इस थायरॉयड को कम कर सकती हैं। थायराइड हार्मोन स्तनों को दूध स्रावित करने में मदद करता है। 

अगर आपका गर्भावस्था से पहले हाइपरथायरायडिज्म का इलाज कराया गया था, और डीलीवरी के बाद आपका थायराइड स्तर बदला हो, तो थायरॉयड स्तन के दूध की अधिक आपूर्ति का कारण होता हैं। यदि  दूध की आपूर्ति कम नहीं होता है, तो इसके लिए चिकित्सक की सलाह लेना उचित हैं।

यदि आप चिंतित हैं, कि आप अकेले इस तरह की समस्या से सामना कर रहे हैं, और इससे निपटना मुश्किल होगा, तो परेशान होने की जरुरत नही हैं, वास्तव में प्रसव और बच्चे के डीलिवरी के बाद थायरॉयड जैसी समस्या से बहुत सारी महिला ग्रसित हैं।

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क्या माँ के लिए थायराइड की बीमारी से स्तनपान कराना सुरक्षित 

है?


यह बिल्कुल सुरक्षित हैं, माँ भले ही थायराइड की बीमारी के नियंत्रण के लिए दवा नही ले रही हों, या नियंत्रण होने की प्रक्रिया में हो, माँ अपने बच्चे को स्तनपान कराने के लिए सुरक्षित है।


अगर आप बहुत अधिक मात्रा में थायराइड की दवा लेंगे तो क्या 

परिणाम होगा हैं?


अगर आप बहुत अधिक मात्रा में थायराइड की दवा लेंगे तो क्या परिणाम होगा हैंज्यादा मात्रा में थायरॉयड दवा एक अतिसक्रिय थायरॉयड ग्रंथि के रूप में हैं। जब अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन शरीर में फैलना शुरु होता हैं, तो यह हाइपरमेटाबोलिक के रूप मे परिवर्तित हो जाता है, जिससे भूख में वृद्धि, हृदय गति में वृद्धि और अक्सर मल त्याग जैसी समस्या का सामना करना पड़ता हैं। साथ ही थायराइड की दवा के अत्यधिक सेवन से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती हैं। जिससे आपको अधिक पसीने आने लगते हैं। साथ ही बहुत सारे समस्या जैसे अनिद्रा, चिंता, मांसपेशियों की कमजोरी, थकान, बालों के झड़ने और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।


क्या स्तनपान थायरॉयड की कुछ समस्याओं को रोक सकता है?


क्या स्तनपान थायरॉयड की कुछ समस्याओं को रोक सकता है?

इस बात के प्रमाण हैं कि स्तनपान माँ और बच्चे दोनों में थायरॉयड की समस्याओं को रोकने में मदद करता है। नियमित रूप से स्तनपान कराने से ऑटोइम्यून थायराइड रोग के साथ थायरॉयड कैंसर जैसे बड़े रोगो को रोका जा सकता है।

हालांकि, थायराइड विकार असामान्य नहीं, गर्भावस्था से पूर्व और गर्भावस्था के बाद दोनों अवस्था के दौरान एक माँ के लिए खतरा हो सकते हैं। हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों के अलग अलग परिणाम और विकार हैं।

मगर यह भी सुनिश्चित करना चाहिए, कि बहुत सारी माँ स्तनपान कराना सामान्य और सुरक्षित मानती हैं, हलांकि, वे दवा ले रही होती हैं। स्तनपान कराने से दोनो तरह के थायराइड विकार जैसे हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म को कम किया जा सकता हैं। ऐसे में आपको अपने नवजात शिशु की नियमित रूप से थायरॉयड मूल्यांकन करवाते रहना चाहिए,और डॉक्टर से इस बारे में सुझाव के लिए जाना चाहिए।

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सन्दर्भ :-
Breastfeeding and Thyroidism By LA LECHE LEAGUE INTERNATIONAL
Breastfeeding and Thyroid Disease: What Should You Know? By Remedy Health Media - Healthcentral

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