इस लेख में:-
माँ के लिए स्तनपान कराने के क्या लाभ हैं?
स्तनपान आपके स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुंचाता हैं?
स्तनपान कराने वाली माँ को वजन कम करने में कैसे मदद कर सकता है?
स्तनपान कराने से प्रसवोत्तर रक्तस्राव यूटेरस अनुबंध में मदद मिलती है।
स्तनपान कराने वाली माँ को अवसाद का खतरा कम हो जाता हैं।
स्तनपान कराने से प्राकृतिक रूप से जन्म-नियंत्रण या एक गर्भनिरोधक हैं।
स्तनपान कराने से आप कुछ बचत भी कर सकते हैं।
सारांश
माँ के लिए स्तनपान कराने के क्या लाभ हैं?
स्तनपान शिशुओं को भरपूर पोषण प्रदान करता है। स्तनपान में आवश्यक पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। सभी नवजात शिशु स्तन के दूध को आसानी से पचा लेता है।
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आइए जानते है, माँ के लिए स्तनपान कराने के क्या क्या लाभ हैं? इस लेख में विस्तार से जानेंगें, कि माँ के लिए स्तनपान कराने के क्या लाभ हैं?
स्तनपान आपके स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुंचाता हैं?
यहाँ कुछ निम्नलिखित स्तनपान कराने से माँ को स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
सम्बंधित : नवजात शिशु को स्तनपान कराने में कितना समय लगता है।
सम्बंधित : एक स्वस्थ शिशु सामान्यतः कुल कितने बार स्तनपान कर पाता है।
- स्तनपान कराने से माँ को गर्भावस्था के दौरान गर्भ का आकार और गर्भावस्था के बाद गर्भाशय के नियमित आकार अधिक जल्दी और आसानी से सामान्य हो जाती हैं। प्रसवोत्तर रक्तस्राव को तेजी और अधिक जल्दी कम कर सकता है।
- स्तनपान कराने वाली माँ को स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
- स्तनपान कराने वाली माँ को उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल, टाइप 2 मधुमेह, संधिशोथ जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
- स्तनपान लम्बे समय तक कराने से आजीवन आजीवन हृदय रोग या दिल की बीमारी जैसी बीमारी के जोखिम को भी कम किया जा सकता हैं।
- सबसे महत्वपूर्ण स्तनपान कराने वाली माँ को स्तानपान कराने से मासिक धर्म की वापसी मे देर होता है, जिससे जल्द गर्भधारण करने की समस्या नही रहती, और बिना किसी गर्भनिरोधक के प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के बीच के समय को बढ़ाने में मदद करती है।
- स्तनपान कराने से वजन कम होता है, और मोटापा भी घटाने में फायदेमंद हैं। स्तनपान कराने के दौरान दूध की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन लगभग 500 कैलोरी कम होती हैं।
- मूत्र पथ के संक्रमण (Urinary Tract Infections) को कम करता हैं। और साथ ही एनीमिया की संभावना को भी कम करता हैं।
- स्तनपान कराना एक गर्भनिरोधक का प्राकृतिक रूप है,जिससे कोई साईड इफेक्ट नही होता। और माँ को मासिक धर्म वापस नहीं हुआ है, तो आपका नवजात शिशु 6 महीने तक दिन-रात स्तनपान कर सकता है।
- आप स्तनपान कराने के सीमा से अतिरिक्त महीने स्तनपान कराते हैं, तो आपको स्तन, अंडाशय और गर्भाशय सहित हर तरह के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
भावनात्मक रूप से माँ के लिए स्वस्थ लाभ:-
स्तनपान कराने से माँ को ना सिर्फ बीमारियों का खतरा कम होता है, बल्कि साथ ही भावनात्मक रूप से भी माँ को बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ है। कुछ महत्वपूर्ण भावनात्मक रूप से माँ के लिए स्वस्थ लाभ निम्नलिखित है।
- स्तनपान प्राकृतिक रूप से हार्मोन ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) और प्रोलैक्टिन (Prolactin) का शरीर में उत्पादन करता हैं। जिससे माँ को तनाव में कमी आती है, और साकारात्मक भावनाओं को भी वृद्धि होती है।
- स्तनपान कराने वाली माँ को खुद के आत्म- सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाता हैं।
- स्तनपान कराने से माँ का अपने नवजात शिशु से भावनात्मक संबंध मजबूत हो जाता हैं। नवजात शिशु को स्तनपान कराने से शिशु माँ को ज्यादा सुरक्षित और सपोर्टिव के रूप में पहचानता है। लगातार स्तनपान कराने से नवजात शिशु माँ की सुगंध, आवाज, त्वचा के संपर्क को महसूस करने जैसे कई तरह के भावनात्मक व्यवहार संबंधी रिस्ता मजबूत होता हैं।
- स्तनपान कराने से ना सिर्फ नवजात शिशु का भावनात्मक संबंध मजबूत हो जाता हैं। बल्कि माँ को भी अपने बच्चे के बॉडी लेंगवेज और इशारे, संकेत आसानी से समझ सकती हैं। इससे माँ अपने शिशु की देखभाल करने के लिए ज्यादा अनुभवी और आत्मविश्वास भी बढ़ जाता हैं।
- स्तनपान कराने से माँ के शरीर में अच्छे हॉरमोन का उत्पादन होना, स्तनपान कराने से दौरान माँ को नर्सिंग कराते समय माँ के शरीर में बहुत तरह के हार्मोन की बढ़ौतरी होती है, जो माँ को स्तनपान के दौरान हुई अपने बच्चे के शारीरिक और भावनात्मक स्पर्श के द्वारा होता है। दो खास हॉरमोन प्रोलैक्टिन, ऑक्सीटोसिन है। जो कि स्तनपान के दूध का उत्पादन और तनाव को कम रखने में माँ की मदद करता है।
- स्तनपान कराने से माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन हार्मोन उत्पादन होते है, जो अपने शिशु के प्रति पोषन का एहसास कराता हैं।
- जन्म के तुरन्त बाद 30 मिनट के अंदर डॉक्टर भी स्तनपान कराने की सलाह देते है, जन्म देने के तुरंत बाद स्तनपान कराने से माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन की बढ़ौत्तरी होती हैं।
- यह ऑक्सीटोसिन माँ के गर्भाशय सिकुड़ने में मदद करता हैं। और रक्तस्राव भी कम हो जाता है।
- साथ ही पिटोसिन नामक हार्मोन का भी अहम भूमिका होती है, पिटोसिन एक सिंथेटिक हार्मोन जिसका उपयोग गर्भाशय के अनुबंध को बनाए रखने तथा ऑक्सीटोसिन के साथ विलय कर गर्भाशय को सामान्य आकार में और संरचनात्मक रूप में लाता हैं।
सम्बंधित : नवजात शिशु को स्तनपान कराने में कितना समय लगता है।
स्तनपान कराने वाली माँ को वजन कम करने में कैसे मदद कर सकता है?
- शायद आपको पता नहीं होगा,कि स्तनपान काराने से माँ रोज अधिक मात्रा में कैलोरी कम करती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, स्तनपान कराने वाली माँ लगभग 500 कैलोरी प्रतिदिन बर्न कर लेती है। अगर आप चाहे स्तन के दूध को पंप का उपयोग कर रहें है, तो भी आप सामान्य मात्रा में कैलोरी बर्न करती हैं। और प्रतिदिन 500 कैलोरी बर्न करना आपके वजन को कम करने में मदद करती हैं।
- लेकिन आपको अपने वजन में फर्क देखने के लिए थोड़ा धीरज रखना पड़ सकता है। विशेषज्ञ के अनुसार, स्तनपान कराने से वजन कम दिखाई देने में समय लग सकता है। और अगर आप लगातार 6 महीने तक स्तनपान कराती है, तो आपको 6 महीनों के बाद खुद महसूस हो जाएगा, कि आपका कितना वजन घट गया है।
- अगर आप स्तनपान कराती है, तो आपको अन्य माँ जो स्तनपान नही कराती है, और फोर्मूला दूध का इस्तेमाल करती है, उनकि तुलना में स्तनपान कराने वाली माँ गर्भावस्था के दौरान बढ़े वजन को कम जल्द ही कर लेती हैं।
- स्तनपान कराने से मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी बीमरियों का खतरा लम्बे समय तक नही होता है। वास्तव में, स्तनपान कराने वाली माँ कई कैलोरी स्तनपान के दौरान कम कर लेती हैं। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बढ़े वजन को लैक्टेशन के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में शरीर उपयोग करता हैं। हलांकि स्तनपान के दौरान लैक्टेशन के लिए माँ का शरीर दूध का उत्पादन करने का कर्य करता हैं।
- गर्भावस्था के दौरान माँ के शरीर में इक्ट्ठा हुई सारी संचित वसा स्तन के दूध का उत्पादन करने के लिए उपयोग करता हैं।
- स्तनपान कराने वाली माँ को इस दौरान भूख बढ़ जाती हैं। क्योंकि दूध उत्पादन के लिए अधिक वसा और कैलोरी की आवश्यकता होती हैं।
- अगर आप जल्द ही अपने वजन में फर्क देखना चाहते है, तो आपको नियमित रुप से व्यायाम और अच्छे डायट को भी शामिल करना चाहिए। आहार और व्यायाम एवं डायट यह सभी निर्धारित करते हैं, कि आप कितनी जल्दी अपने वजन में फर्क देख सकेंगे। और आप कितना वजन कम करेंगे।
सम्बंधित : एक स्वस्थ शिशु सामान्यतः कुल कितने बार स्तनपान कर पाता है।
स्तनपान कराने से प्रसवोत्तर रक्तस्राव यूटेरस अनुबंध में मदद मिलती है।
- गर्भावस्था के दौरान माँ के गर्भाशय का आकार बहुत बढ़ जाता हैं, गर्भावस्था के दौरान गर्भ एक नाशपाती के आकार का लगभग पूरे पेट को बढ़ा देता हैं। प्रसव के बाद माँ का गर्भाशय इनवोल्यूशन की प्रक्रिया के माध्यम से गर्भ अपने सामान्य आकार में लाया जाता हैं।
- डीलिवरी के बाद प्रसवोत्तर रक्तस्राव को कम करने के लिए ज्यादा मात्रा में ऑक्सीटोसिन इस कार्य में मदद करता हैं। और स्तनपान कराने से ऑक्सीटोसिन भी माँ के शरीर में बढ़ने लगती है। और यह प्रक्रिया गर्भाशय के संकुचन को प्रोत्साहित करता है, साथ ही इससे प्रसवोत्तर रक्तस्राव अनुबंध में मदद मिलती है। और इस कार्य से गर्भाशय अपने पिछले आकार में आ जाता हैं।
- विशेषज्ञ के अनुसार, जो माँ स्तनपान कराती हैं, उन्हें सामन्यतः प्रसव के बाद रक्त की कमी होती है। और गर्भाशय का भी तेजी से संचार होता है।
स्तनपान कराने वाली माँ को अवसाद का खतरा कम हो जाता हैं।
👉 एक अध्ययन में पाया गया कि, प्रसवोत्तर अवसाद का एक कारण हैं। जो कि प्रसव के तुरंत बाद विकसित हो सकता है। और इससे 15% महिलाएँ प्रभावित होती हैं। और जो महिलाएँ प्रसव के बाद अच्छी तरह स्तनपान कराती हैं। उन्हें प्रसवोत्तर अवसाद का विकास करने की संभावना कम रहता हैं।
👉 हालांकि, जिन्हें प्रसव के बाद प्रसवोत्तर अवसाद का अनुभव हो जाता हैं, स्तनपान कराने में समस्या हो सकता हैं। प्रसव के बाद माँ के शरीर में हार्मोन का परिवर्तन होता है, सबसे स्पष्ट परिवर्तन हैं, बच्चे के जन्म और स्तनपान के दौरान ऑक्सीटोसिन की मात्रा का बढ़ना।
👉 ऑक्सीटोसिन एक ऐसा हार्मोन परिवर्तन है, जो लम्बे समय तक विरोधी चिंता से प्रभावित करता हैं। इससे मस्तिष्क क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं, जिससे पोषण और विश्राम की जरुरत होती हैं।
👉 स्तनपान कराने वाली माँ में प्रसवोत्तर अवसाद के विकास की सम्भावना को कम करता हैं। माँ के शरीर में जो ऑक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ना माँ और शिशु के बीच देखभाल और बंधन को प्रोत्साहित करता है।
👉 स्तनपान कराने से मासिक धर्म के समय को देर करता हैं। विशेषज्ञ केली के अनुसार, अगर माँ सिर्फ स्तनपान कराया है, तो यह अण्डोत्सर्ग (Ovulation) में देरी करेगा। यानि, गर्भाशय में अण्डाशय बनने में देरी करेगा। जिससे मासिक धर्म में भी देरी होगी। स्तनपान कराने से माँ के शरीर में प्रोलैक्टिन का स्राव करता है। जिससे एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) को प्रभावित करता है। जिसके कारण अण्डोत्सर्ग में देरी होती हैं। जब प्रोलैक्टिन का स्तर नीचे आता हैं, तो अण्डोत्सर्ग में देर नही करेगा। जिससे मासिक धर्म पुनः होता सकता है। और अगर आप लगातार स्तनपान कराते हैं, तो कई महीनों तक अण्डोत्सर्ग में देरी होती है। और तब तक मासिक धर्म रुक जाता हैं। जो माताएँ लगातार अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, उन्हें प्रसव के बाद 6 से 8 महीनों तक के लिए मासिक धर्म रुक जाता हैं।
स्तनपान कराने से प्राकृतिक रूप से जन्म-नियंत्रण या एक गर्भनिरोधक हैं।
➤ जैसा कि आप जानते होंगे बिना अण्डोत्सर्ग (Ovulation) के गर्भ धारण नही किया जा सकता। और स्तनपान के दौरान अण्डोत्सर्ग (Ovulation) रुक जाता हैं। जिसे सामान्य भाषा में मासिक धर्म के नाम से जानते है। स्तनपान कराने वाली माँ को स्तानपान कराने से मासिक धर्म की वापसी मे देर होता है, जिससे जल्द गर्भधारण करने की समस्या नही रहती, और बिना किसी गर्भनिरोधक गोली के प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के बीच के समय को बढ़ाने में मदद करती है। स्तनपान कराना एक गर्भनिरोधक का प्राकृतिक रूप है,जिससे कोई साईड इफेक्ट नही होता।
➤ केली कहती है, कि 6 महीने तक एक नवजात शिशु को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए, आप कोई अन्य बोतल या फार्मूला नहीं दे सकते है। और रात को नवजात शिशु को स्तनपान कराना “स्तनपान कराने वाली आदत” (Lactation Amenorrhea Method) लगाना फायदेमंद होता हैं। आपको अपने बच्चे को स्तनपान कराकर ही सुलाना चाहिए। अगर आप अधिक समय तक रात को अपने नवजात शिशु को स्तनपान नही कराती है, तो यह अण्डोत्सर्ग ovulation के वापसी जल्द कर सकता है। जिससे गर्भाशय में अण्डाशय बनने लगेगी।
➤ अगर आप जन्म को नियंत्रण करना चाहते है, तो आपको हमेशा रात को अवश्य ही अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराना चाहिए। जिससे जल्द गर्भधारण करने की समस्या नही रहती, और बिना किसी गर्भनिरोधक गोली के प्राकृतिक रूप से गर्भधारण के बीच के समय को बढ़ाने में मदद करती है।
स्तनपान कराने से आप कुछ बचत भी कर सकते हैं।
स्तनपान कराना पूरी तरह मुफ्त हैं। स्तनपान कराने से आप खुद के लिए बहुत बचत कर सकते हैं, आपको दूध के फोर्मुला बनाने के लिए कुछ भी खर्च नही करना पड़ेगा। और आप स्तनपान कराने के लिए ज्यादा कुछ परिश्रम भी नही करना पड़ेगा। स्तनपान कराके आप निम्नलिखित बचत कर सकते हैं।
- आपको किसी भी बोतल या फोर्मुला पर पैसे खर्च नही करने पड़ते।
- आप को कभी भी दूध के लिए परेशानी नही उठानी पड़ती।
- आप अपना समय बोतल को साफ और वंध्यीकरण या रोगाणुरहित ( Sterilizing) करने से बचा सकते हैं।
- आपको रात को उठ कर बोतल का फोर्मुला तैयार करने को उठना नहीं पड़ता।
- अगर आप कही दूर लम्बे सफर पर या किसी रिस्तेदार के यहाँ जा रहे हैं तो आपको किसी बोतल और दूध की परेशानी नहीं होती।
- सबसे महत्वपुर्ण स्तनपान एक सामान्यतः गर्म होता है, और आपको फोर्मुला के लिए हमेशा ईंधन की जरुरत होती हैं।
सारांश :-
- अगर आप स्तनपान कराने में असमर्थ है, या कोई कारणवस आप स्तनपान नही कराते है, तो आप अपने बच्चे के लिए फोर्मुला का इस्तेमाल कर सकते हैं। फोर्मुला में भी सारी पोषक तत्व मौजूद होते है।
- स्तनपान कराना माँ और बच्चे दोनो के लिए स्वास्थ्य लाभ है, स्तन के दूध में एंटिबोडिज और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते है, जो आपके बच्चे की सुरक्षा सभी तरह की बिमारियों से लड़ने में करता हैं।
- स्तनपान कराना माँ को बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ तो है ही साथ ही स्तनपान माँ को अपने बच्चे के साथ सम्बंध स्थापित करने में मदद करता हैं। जो माँ को हर तरह की खुशी देता है, और अवसाद से दुर रखता है।
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संदर्भ:-
Benefits of Breastfeeding for the Mother By Tensteps
Benefits of Breastfeeding for Mom By Healthy Children
What are the benefits of breastfeeding for mums? By Medela
11 Benefits of Breastfeeding for Both Mom and Baby By Healthline
The Benefits of Breastfeeding for Baby & for Mom By Cleveland Clinic
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