क्या मुझे बच्चे की दूध की बोतल को कीटाणुरहित करना चाहिए? | Baby Care Tips


क्या मुझे बच्चे की दूध की बोतल को कीटाणुरहित करना चाहिए  Baby Care Tips



इस लेख में:

क्यों नवजात शिशु के बोतल को कीटाणुरहित करना जरुरी हैं?
कितनी बार बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करना चाहिए?
बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित कैसे करना चाहिए?
आपको दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करने से पहले कुछ सावधानी बरतनी हैं।
बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने का तरीका और टिप्स :
दूध की बोतलो को कीटाणुमुक्त करने के बाद क्या करना चाहिए?
यदि आप बाहर कही घुमने जाये, तो बोतल को कैसे कीटाणुमुक्त रखे:
मुझे कब तक दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करना चाहिए?
ध्यान देने वाले कुछ खास बाते:


अगर आप अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाते हैं, तो आपको अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए, हर तरह के संक्रमण और बीमारियों, से दूर रखने के लिए अपने बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित  रखना अति आवश्यक हैं। आपके बच्चे के एक साल हो जाने तक उसे कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता हैं। ऐसे में बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित  रखना आपकी पहली प्राथमिकता हैं।

यदि आप अपने बच्चे के दूध के बोतल को हमेशा साफ और कीटाणुरहित नही रखते हैं, तो उस बोतल में विषाणु, जीवाणु और परजीवी जैसे कीटाणु जमा हो जायेंगे। और यह आपके नवजात शिशु को बीमार बहुत बीमार बनाने के लिए काफी हैं। विषाणु, जीवाणु और परजीवी जैसे कीटाणु यदि जमें हुए रह जाते हैं, तो आपके बच्चे को दस्त, डायरिया, ज्यादा गम्भीर उलटी और तालु में संक्रमण (Thrush) जैसी गम्भीर बीमारी हो सकता हैं।

आपको अपने बच्चे को पूरी तरह सुरक्षित रखना अति आवश्यक हैं, एक नवजात शिशु बहुत कम्जोर होता हैं, और आसानी से संक्रमण हो जाता हैं।
आईए जानते हैं, शिशु की बोतलों को कीटाणुरहित  से जुड़ी सारे सावालों के जवाब।


क्यों नवजात शिशु के बोतल को कीटाणुरहित करना जरुरी हैं?

नीचे कुछ जरुरी टिप्स बताये गये हैं, जिससे आप आसानी से समझ जायेंगे, कि क्यों आपको बच्चे की बोतल के उपयोग करने से पहले उसे कीटाणुरहित  करना आवश्यक हैं।

नवजात शिशु के बोतलों में आसानी से कीटाणु जमा हो जाते हैं, और किटाणु बच्चे के दूध पीने के दौरान बच्चे के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे उल्टी, दस्त और भी बहुत सारी गम्भीर बीमारी जैसी समस्या आपके बच्चे को हो सकती हैं।

बच्चे के जन्म लेने के बाद ही बच्चे के शरीर में मौजूद सारे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाते हैं। इसलिए डॉक्टरो द्वारा जन्म के आधे घंटे के अंदर स्तनपान कराने के लिए शिफारिस की जाती हैं, जिससे स्तनपान में मौजूद सारे रोग प्रतिरोधक, रोग प्रतिकारक बच्चे को संक्रमण से बचा सके।

सामान्य पानी से धुलने के बाद भी बोतलों में कीटाणु रह जाते हैं, इसलिए बच्चे के बोतलों को कीटाणुरहित  रखना अति आवश्यक हैं। और नवजात शिशु के बोतल को कीटाणुरहित  करने से सभी तरह के रोगाणु और जीवाणु खत्म हो जाते हैं। 

एक नवजात शिशु बहुत ही नाजुक होते हैं, जिसके कारण शिशु को आसानी से संक्रमण हो जाता हैं। 


कितनी बार बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करना चाहिए?


बच्चे के बोतल को कितनी बार कीटाणुरहित करना हैं, इस विषय पर हर विशेषज्ञों की अलग अलग विचार हैं, और बाल रोग विशेषज्ञ बच्चे के बोतल को कीटाणुरहित करने के निम्न दिशानिर्देश देते हैं।

अमेरिकन अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार, 


बच्चे के दूध पिलाने के बाद हर उपयोग पर कीटाणुरहित करना आवश्यक हैं। आपको गर्म पानी और साबुन से बच्चे के बोतल को धोना चाहिए। 

अमेरिकन अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (AAP) का यह भी कहना हैं, जैसे हम बड़े जब भी अपना भोजन खाते हैं, तो अपने बर्तन को अच्छी तरह साफ रखते हैं। उसी प्रकार बच्चे के बोतल को भी बच्चे के लिए पर्याप्त रूप से साफ करना आवश्यक हैं।

कितनी बार बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करना चाहिए


बाल रोग चिकित्सक के अनुसार,

बाल रोग चिकित्सक का कहना हैं, आपको कई तरह के बच्चे के बोतल बाजार में मिल जायेंगे। कुछ बोतलों को सिर्फ एक बार कीटाणुरहित करने से सुरक्षित नही होता, उसे हर बार कीटाणुरहित करना पड़ता हैं। हालांकि, कुछ ऐसे अच्छे गुणवत्ता की बोतल होते हैं, जिन्हे सप्ताह में एक बार कीटाणुरहित करने से सुरक्षित रहता हैं।

आपको अपने बच्चे के किसी भी सेहत और सुरक्षा के मामलों में नज़रंदाज नही करना चाहिए। बच्चे के बोतल को कीटाणुरहित करना, बच्चे के स्वास्थ्य के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली में मदद करने वाला हैं। 


बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित कैसे करना चाहिए?

  1. बच्चे के बोतल को कैसे कीटाणुरहित रखना हैं, यह बच्चे के माता पिता पर निर्भर करता हैं, बच्चे के दूध के कीटाणुरहित करने से हर तरक के वाइरस, बैक्टैरिया को खत्म कर देता हैं।
  2. बच्चे के लगातार बोतल से दूध पीने फिर खुले वातावरण में आने से बच्चे के दूध के बोतल के ढक्कन, निप्पल, चुसनी में आँखों से ना देखे जाने वाले रोगाणु चिपक जाते हैं।
  3. बच्चे के बोतल को कीटाणुरहित करने के लिए बहुत सारे तरीके होते हैं, आपको जो आसान, और पसंद हो, उसे चुने क्योंकि आपको रोज ही यह काम करना हैं। 
  4. बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने का तरीका कई तरह के होते हैं। जैसे- पानी में उबालना, माइक्रोवेव मे या भाप द्वारा, साफ कर सकते हैं।


आपको दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करने से पहले कुछ 

सावधानी बरतनी हैं।

  1. आपको सबसे पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करनी हैं।
  2. साथ ही उस जगह को भी साफ कर ले, जहाँ बोतल को कीटाणुमुक्त किया जायेगा।
  3. बच्चे के इस्तेमाल किये गये बोतल को अच्छी तरह से साफ पानी से साफ कर दे।
  4. फिर आपको बर्तन धोने वाले साबुन के पानी से इसे धो दे।
  5. सुनिश्चित करे कि, आपको बच्चे के दूध या फ़ॉर्मुला देने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले सभी उपकरन को अच्छी तरह धोना हैं, जैसे: बोतल, बोतल के ढ़क्कन, निप्पल, निप्पल के रिंग, दुध को घुलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला चम्मच आदि।
  6. हालांकि, आपको बच्चे के दूध पी कर खत्म कर देने के तुरंत बाद ही धो देने चाहिए, जिससे बोतल में दूध के जमने, सूखने के परेशानी का सामना ना करना पड़े।
  7. आप चाहे, तो आप गर्म पानी, साबुन वाला पानी और ब्रश का इस्तेमाल कर सकती हैं।
  8. निप्पल को अच्छी तरह साफ करे, आमतौर पर निप्पल जल्दी गंदा हो जाता हैं, और दूध भी सूख जाने के बाद कीटाणुमुक्त के बाद भी वैसा ही रहता हैं।
  9. साबुन से धुल जाने के बाद, सुनिश्चित करे साबुन का अंश अच्छी तरह हट गया हैं।
  10. आप जिस भी कपड़े या टिस्यू पेपर का इस्तेमाल करे, अगर वह गंदा हो तो कभी भी इसे उपयोग ना करे। 

बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने का तरीका और

 टिप्स :

बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने के निम्नलिखित तरीके हैं।

बोतल को पानी में उबाल कर कीटाणुरहित करना:

यह तरीका पूरे दुनिया में सबसे पुराना तरीका हैं, जो आज भी उपयोग किया जाता हैं। यह तरीका सबसे मशहूर होने के साथ साथ सबसे आसान तरीका हैं।
    बोतल को पानी में उबाल कर कीटाणुरहित करना:
  1. आपको के कीटाणु युक्त बोतल, बोतल के ढक्कन और निप्पल को सबसे पहले सामान्य बर्तन धोने वाले साबुन से धो लेना चाहिए।
  2. अच्छी तरह से धोने के बाद एक बड़े बर्तन में पानी भर कर बोतल, बोतल के ढक्कन और निप्पल को डाल दे, सुनिश्चित करे इस बर्तन को आपको ढ़क कर उबालना हैं।
  3. आपको दूध के बोतल को उबालते समय ध्यान देना हैं, कि पानी में डुबोते समय कोई भी बुलबुला बोतल के अंदर ना हो।
  4. हालांकि, आपको अपने बच्चे के लिए एक नए बर्तन को खरीद लेना चाहिए, जिसे आप सिर्फ आपने नन्हे शिशु के सारे उपकरणों को कीटाणुमुक्त बनाये।
  5. अब बोतल, बोतल के ढक्कन और निप्पल से भरे बर्तन को तेज आँच में पाँच से दस मिनट तक उबाले।
  6. उबालने के बाद जब बर्तन का पानी ठंडा हो जाये, तो आप अपने हाथ को साबुन से धो लेने के बाद निकाले।
  7. जब तक कि, आपको दूध की बोतल की आवश्यकता ना हो, आप इसे उबाले हुए पानी में रहने दे।
  8. अब बोतल, बोतल के ढक्कन और निप्पल को एक साफ बर्तन मे रख कर रेफ्रिजरेटर में रखे दे। कुछ देर बाद आप इसे अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  9. अगर आप अपने दूध के बोतल को उबालने के तुरंत बाद इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बोतल के अंदर के पानी को हिलाकर, या झाड़ कर पानी बाहर निकाल दे।
  10. दूध के बोतल को कभी भी किसी कपड़े से ना पोछे। इससे कपड़े के दूषित कण बोतल के अंदर चिपक जायेंगे, जो कि की बोतल को फिर से कीटाणु युक्त बना देंगे। 
  11. आपको इस तरीके को इस्तेमाल करने के लिए, एक बात का ध्यान रखना आवश्यक हैं, बोतलको हमेशा उबालने के बाद कुछ ही समय बाद निप्पल कट-फट जाता हैं। अन्य तरीको की तुलना में उबालने वाली तरीके से निप्पल जल्दी ही खराब हो जाती हैं।
इस तरीके से आप बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित कर के अपने स्तन के दूध या फ़ॉर्मुला दूध को भर कर अपने बच्चे को दे सकते हैं। 


रासायनिक या कैमिकल के द्वारा दूध के बोतल को कीटाणुरहित करना: 

रासायनिक या कैमिकल के द्वारा दूध के बोतल को कीटाणुरहित करनाइस तरीके का उपयोग करने से पहले आपको पहले तरीके के अनुसार दूध के बोतल, और जिस बर्तन में आप दूध के बोतल को कीटाणुरहित करना चाहते हैं, उसे अच्छी तरीके से साबुन धोना जरूरी हैं।
  1. रासायनिक तरीका एक आधुनिक तरीका हैं, जिसे सही मात्रा और अनुपात में पानी में मिला कर दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने के लिए उपयोग करते हैं। यह एक जीवाणुनाशक रसायन हैं, जो दूध पिलाने वाली बोतल को कीटाणुरहित करने के नाम से आपको पास के कोई भी दवा दुकान में मिल जायेगा। और यह जीवाणुनाशक रसायन बच्चे द्वारा मुँह में लेने वाला बोतल के निप्पल के लिए भी सुरक्षित होता हैं।
  2. जीवाणुनाशक रसायन के उपयोग के लिए आपको कमरे के तापमान जितना पानी का उपयोग करनी होती हैं।
  3. जीवाणुनाशक रसायन के उपयोग के लिए जीवाणुनाशक रसायन को पानी के साथ मिश्रण बनाना है, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि पानी और रसायन का अनुपान को दिए गये दिशा निर्देश का सावधानी से पालन करना चाहिए।
  4. अब इस मिश्रण में बोतल, बोतल के ढ़क्कन, बोतल निप्पल को इस मिश्रण में पूरी तरह अंदर डुबो दे। 
  5. डुबोते समय ध्यान रखना चाहिए, बोतल या बोतल के ढ़क्कन, बोतल निप्पल में कोई झाग, बुलबुला ना हो।
  6. आपको इस रसायन मिश्रण में  बोतल या बोतल के ढ़क्कन, बोतल निप्पल उतनी देर ही रखना हैं, जितनी देर उस रसायनिक रोगाणुनाशक के पैकेट में लिखा हो। आमतौर पर यह आधे घंटे तक होती हैं।
  7. आप चाहे तो इस मिश्रण में बोतल या बोतल के ढ़क्कन, बोतल निप्पल को तब तक डूबो कर रखे, जब तक आप दूध के बोतल का उपयोग नही करते।
  8. जब आपको दूध की बोतल का उपयोग करना हो, तब आप मिश्रण से बोतलको निकाल लें। और इसमें बचे पानी को प्राकृतिक रुप से ही सुखाये।
  9. बच्चे के दूध के बोतल को कीटाणुरहित करने के बाद कभी भी किसी भी कपड़े का उपयोग ना करे। यह बोतल को पुनः दूषित कर सकता हैं।


भाप (इलैक्ट्रिक स्टीम) द्वारा दूध की बोतल को कीटाणुरहित करना:

भाप (इलैक्ट्रिक स्टीम) द्वारा दूध की बोतल को कीटाणुरहित करना:भाप (इलैक्ट्रिक स्टीम) द्वारा दूध की बोतल को कीटाणुरहित करने की प्रक्रिया बिलकुल उबालने वाली प्रक्रिया की तरह ही हैं, और बोतल बनाने वाले उत्पादक भी इसी भाप द्वारा कीटाणुरहित करने की शिफारिस करते हैं। इस प्रक्रिया में सिर्फ वाष्प द्वारा ही बोतल की कीटाणु को खत्म किया जाता हैं। इसमें बहुत जल्द और अच्छी तरह बोतल को कीटाणुमुक्त किया जाता हैं। इस तरीके में सामान्यतः 2 मिनट लगता हैं।  

  1. भाप या इलैक्ट्रिक स्टीम द्वारा बोतल को कीटाणुरहित करने के लिए सबसे बोतल, ढ़क्कन, निप्पल को बर्तन वाले साबुन से धो ले।
  2. इस तरीके को इस्तेमाल करने से पहले ही सभी दिशा निर्देश को पढ़ ले।
  3. बोतल को उलटा रखे, ताकि भाप बोतल के अंदर आ सके।
  4. इलैक्ट्रिक स्टीम द्वारा दूध की बोतल को कीटाणुमुक्त करने का मशीन आप बाजार से खरीद सकते हैं।
  5. इस मशीन में बच्चे के खाने पीने के सभी उपकरणों को भी कीटाणुमुक्त किया जा सकता हैं।
  6. आपको जब तक दूध की बोतल की आवश्यकता ना हो आप उसे इलैक्ट्रिक स्टीम में ही छोड़ दे।
  7. अगर आप बोतल को इसी इलैक्ट्रिक स्टीम में छोड़ दे तो बोतल को छह घंटे तक कीटाणुमुक्त रखा जा सकता हैं।
  8. इलैक्ट्रिक स्टीम बहुत प्रकार के होते हैं, कुछ दूध की बोतल के अलावा, बच्चे के अन्य उपकरण के साथ साथ छह बोतल को एक साथ कीटाणुरहित बनाने में मदद करते हैं।

माइक्रोवेव द्वारा दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त बनाना :

आप अपने बच्चे के दूध की बोतल को कीटाणुमुक्त बनाने के लिए आपके किचन में पहले से मौजूद माइक्रोवेव अवन का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इसकी चिंता करने की आवश्यकता नही हैं, कि आपके बच्चे के दूध का बोतल माइक्रोवेव में नष्ट हो जायेगा। माइक्रोवेव भी आपको उपर बताये गये भाप मशीन की तरह ही कार्य करता हैं। हालांकि, प्रति दिन तरह तरह के व्यंजन बनने वाले या भोजन को गर्म करने के लिए उपयोग किया जाने वाला माइक्रोवेव बच्चे के दूध की बोतल को कीटाणुरहित बनाने के लिए सही नही होगा। जब आपका बच्चा 1 साल से कम हैं, तब तो यह लगभग असंभव है।

  1. माइक्रोवेव में दूध की बोतल को कीटाणु मुक्त करने से पहले आपको पहले माइक्रोवेव को अंदर से अच्छी तरह साफ करनी होगी।
  2. आपको ब्रोसिल ग्लास वाले बर्तन का इस्तेमाल करना हैं।
  3. इस बर्तन में दूध की बोतल को आधा पानी भर देना हैं। साथ ही ब्रोसिल ग्लास वाले बर्तन में भी पानी भरे और बोतल के ढ़क्कन और निप्पल को डुबो कर माइक्रोवेव में रखे।
  4. अब आपको माइक्रोवेव को एक से डेढ़ मिनट के लिए उच्च तापमान पर चालू कर दे।
  5. डेढ मिनट बाद माइक्रोवेव को बंद कर दे, जब ब्रोसिल बर्तन पूरी तरह सामान्य तापमान पर हो जाये, तो उपर बताये तरीको के अनुसार बोतल को प्राकृतिक रूप से सुखाये। और कभी भी किसी कपड़े का इस्तेमाल ना करे।
  6. इस तरीके में आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा, कि आपको बोतल खोल कर ही ब्रोसिल के बर्तन में रखना हैं।
  7. माइक्रोवेव में कीटाणुमुक्त करना एक खतरनाक हैं, सम्भव हो तो इस तरीके को दुर्लभ या कभी कभी इस्तेमाल करे।


ठंडे पानी के द्वारा दूध के बोतल को कीटाणुरहित बनाना:

यह तरीका भारत में ज्यादा लोकप्रिय नही हैं। और ठंडे पानी से कीटाणुमुक्त करने के लिए कुछ टैब्लेट को पानी के साथ मिश्रण कर दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त किया जाता हैं।

ठंडे पानी के द्वारा दूध के बोतल को कीटाणुरहित बनाना:दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करने के इस तरीके के लिए आपको स्टेरलाजिंग सोल्यूशन या टैब्लेट को खरीदना होगा। जैसा कि उपर बताया गया कि यह ज्यादा लोकप्रिय नही हैं, इसलिए यह आपको आसानी से नही मिलने वाला।

  1. आपको इस सोल्यूशन या टैब्लेट को ठंडे पानी में मिलाकर घोल बनाये।
  2. इस घोल में कीटाणु अधिक प्रभावी ढ़ंग से नष्ट होते हैं।
  3. आप इस मिश्रण को 24 घंटे तक कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मगर 24 घंटे के बाद इसे बदल दे।
  4. इसके लिए आप किसी साफ और स्वच्छ बाल्टी या प्लास्टिक के किसी बर्तन जिसे ढ़का जा सके, का उपयोग करे।
  5. हालांकि, आपको एक ही प्लास्टिक के बर्तन का उपयोग बार बार नही कर सकती। क्योंकि यह प्लास्टिक को प्रभावित करता हैं।
  6. बाल्टी में यह तरीका का उपयोग करने के लिए आपको किसी वस्तु या प्लेट से बाल्टी को ढ़क देना आवश्यक होता हैं। जिससे बोतल पानी में अच्छी तरह डूब जाये।
  7. इस तरह आप बोतल को सिर्फ तीस मिनट ही बोतल को इस मिश्रण में डूबोए रखे।
  8. और सोल्यूशन या टैब्लेट में दिये गये दिशा निर्देश का पालन करे।
स्तेरलाइज करने का मुख्य फायदा यह भी हैं, स्तेरलाइज होने के बाद किसी तरह की कीटाणु, विषाणु, जीवाणु के साथ साथ कोई भी गंध, बदबू या स्वाद भी खत्म हो जाता हैं।



दूध की बोतलो को कीटाणुमुक्त करने के बाद क्या करना चाहिए?

  1. आपको जब भी दूध तैयार करना हो, तब ही आप बोतल को इलैक्ट्रिक स्टीम मशीन या स्टेरलाइज किये गये बर्तन से बाहर निकाले।
  2. जब तक जरुरत ना हो आप स्टेरलाइजर किये गये बर्तनमें रहने दे। 
  3. जब आपको बोतल में दूध भरना हो तो, जिस जगह, मेज, टेबल को साफ कर कीटाणुरहित बनाना आवश्यक हैं। साथ ही अपने हाथ को भी साबुन से धो कर सुखा लेना चाहिए।
  4. बोतल, ढ़क्कन, निप्पल को किसी कीटाणुरहित वस्तु, चिमटे से ही बाहर निकाले।
  5. ध्यान रहे, कीटाणुमुक्त की गई बोतलों को अधिक समय तक बाहर रखना नही चाहिए।
  6. हालांकि, इलैक्ट्रिक स्टीम मशीन में बोतल रखने का स्टैड होता है, जिससे दोबारा कीटाणु बोतल में जल्दी नही लगता।



यदि आप बाहर कही घुमने जाये, तो बोतल को कैसे कीटाणुमुक्त

 रखे:

  • ऐसे में आपको बच्चे के दूध को गर्म रखने वाले वैक्यूम फ्लास्क थर्मस खरीदना चाहिए। 
  • आपको उस थर्मस को स्टेरलाइज करने की आवश्यकता नही हैं।
  • हाँ, बस इस थर्मस को साबुन पानी से अच्छी तरह साफ कर दे। आप चाहे तो गर्म पानी को साबुन के साथ मिला कर धो सकते हैं।
  • आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए, साबुन का अंश अच्छा से साफ हो गया हो, अगर साबुन का अंश थोड़ा भी रह गया, तो उसमें रखा दूध खराब या फट जायेगा।
  • आपको अपने नवजात शिशु के लिए एक अलग थर्मस का उपयोग करना चाहिए।

मुझे कब तक दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करना चाहिए?

  1. आमतौर पर दूध के बोतल को बच्चे के जन्म के 2 महीनों तक ऐसा करना चाहिए। नही तो आप अपने बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जब तक आपका शिशु बोतल से दूध पी रहा हैं, तब तक बोतल को कीटाणुमुक्त करना आवश्यक है। 
  2. बोतलों में जब दूध रह जाता हैं, या दूध की बोतल अच्छी तरह से साफ नही होती है, और कुछ अवशेष बाकी रह जाने के कारण कीटाणु, जीवाणु पैदा हो जाते हैं। जो कि आपके बच्चेके लिए खतरनाक हो सकता है, या आपके बच्चे कर बीमार कर सकता हैं। 
  3. यदि आप सोच रहे है, कि जब आपका बच्चा छह महीने के बाद ही हर तरह के भोजन कर रहा हैं, तो यह बच्चे के लिए सामान्य हो कि बोतल को बिना कीटाणुमुक्त किये इस्तेमाल करे। मगर यह आपके बच्चे के लिए एक बीमारी को निमंत्रण देने जैसा विचार हैं। ऐसा करने से आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं।
  4. एक नवजात शिशु के अंदर प्रतिरक्षण प्रणाली (इम्यून सिस्टम) विकसित बहुत धीरे होता हैं। हालांकि, एक साल बाद प्रतिरक्षण प्रणाली (इम्यून सिस्टम) अच्छे से काम करती हैं, मगर आपको अपने बच्चे के लिए उनके दूध के बोतल को कीटाणुमुक्त करना ही सबसे अच्छा विकल्प हैं। जन्म के बाद 12 महीनों तक बच्चे को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता हैं।
  5. बच्चे के एक साल होने के बाद बच्चे के शरीर में एंटीबॉडीज का उत्पादन शुरु हो जाता हैं। जिससे आपका बच्चा आपका शिशु हानिकारक कीटाणुओं के संक्रमण के प्रति अधिक प्रतिरोधी होने लगता हैं।
  6. इसलिए आपको अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बच्चे के दूध की बोतल, और भी उपकरण, पैसिफायर को कीटाणुमुक्त करना चाहिए, जब तक आपका बच्चा बोतल से दूध पीना बंद नही किया हो।

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ध्यान देने वाले कुछ खास बाते:

  • जब भी आप अपने बच्चे के दूध के बोतल को साफ कर रही हों, उस समय अपने बच्चे को इस सब से दूर रखे। जिस भी स्थान, मेज, टेबल पर आप कीटाणुमुक्त कर रही हों, वह जगह गर्म होती हैं, आपके बच्चे के लिए सबसे खतरनाक हो सकता हैं।
  • आपने बच्चे को दुर्घटना से बचाने के लिए, कीटाणुमुक्त करने वाली जगह से अपने बच्चे को बचाएँ। इलेक्ट्रिक स्टीम को इस्तेमाल करते समय अत्यधिक भाप और गर्माहट होती हैं, जो कि उबलते पानी से भी अधिक विनाशकारी हैं।
  • दूध की बोतल के निप्पल बहुत ही लचीले, और कोमल होते हैं, जो हमेशा गर्म करने के बाद खराब हो जाते हैं। दूध की बोतल के निप्पल बोतल की तुलना में ज्यादा गर्मी मे जल्दी खराब हो जाते है।
  • बोतल को खरीदते समय आपको ध्यान रखना चाहिए, कि बोतल टॉक्सिन और बी.पी.ए. से रहित हो। बोतल में टॉक्सिन और बी.पी.ए. होने से ये रासायन बच्चे के दूध में घुलकर बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता हैं।
  • काँच की बोतल, प्लास्टिक की बोतल से अच्छा होता हैं, हालांकि, यह जल्दी टूट सकता हैं, मगर काँच की बोतल कितनी भी तापमान में कीटाणुमुक्त करने के लिए सुरक्षित हैं।
  •  दूध की बोतल को एक सप्ताह में 1 से 2 बात कीटाणुमुक्त करे। अगर आपके घर में पानी किसी भी तरह से अस्वच्छ आता हैं, तो हर दो दिन में बोतल को कीटाणुमुक्त बनाये।
  • बच्चे के दूध पिलाने वाली सभी उपकरण को कीटाणुमुक्त करना जरुरी हैं। 
  • आपको बच्चे के कम से कम 12 महीने होने तक दूध की बोतल को कीटाणुमुक्त करना आवश्यक हैं। हालांकि, जब तक आपका बच्चा बोतल से दूध पीता हो तब तक बच्चे के बोतल को कीटाणुमुक्त करने में कोई बुराई नही हैं।
  • आपको बच्चे के बोतल को कीटाणुमुक्त करने के लिए रात का समय चुनना सही होता हैं, या तो आप एक से अधिक दूध की बोतल को पहले से ही रखे।
  • नये माता पिता के लिए शुरुआत में अधिक परेशानी भरा होने वाला हैं, मगर आपको अपने नवजात शिशु की सुरक्षा के लिए कुछ परेशानी उठाना अच्छा हैं।


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