Navajaat Shishu Ko Solid Food Kab Aur Kya Dena Chaahie
Navajaat Shishu Ko Solid Food Kab Aur Kya Dena Chaahie: नवजात शिशु का ठोस आहार, जिसे आम भाषा में अन्नप्राशन के नाम से भी जानते हैं। जब बात अन्नप्राशन की आती हैं, हमारे भारत देश में अन्नप्राशन बच्चे के जन्म के बाद छह माह बाद बच्चे के मामा से खिलाया जाने वाला पर्व होता हैं, जिसमे बच्चे को 56 तरह के पकवान चांदी या सोने के बर्तन में थोड़ा थोड़ा चम्मच के द्वारा खिलाया जाता हैं।
मगर कुछ बच्चों का विकास धीरे-धीरे होने के कारण उन्हे ठोस आहार देना सही नही होता। ऐसे बच्चे छह महीने को ठोस आहार लेना सही नही होता। और कुछ बच्चे बहुत जल्दी जल्दी विकास करते हैं, उन बच्चों को छह महीने से पहले भी ठोस आहर दिया जा सकता हैं।
ऐसे में सवाल उठता हैं, कैसे जाने आपको कब अपने नवजात शिशु को ठोस आहार शुरु करना चाहिए? और बच्चे को पहला आहार क्या देना चाहिए।
आइए जानते हैं, बच्चे के ठोस आहार, Navajaat Shishu Ko Solid Food Kab Aur Kya Dena Chaahie से जुड़ी सारे सवालो के जवाब इस लेख में।
अन्नप्राशन या ठोस आहार क्या होता हैं? (Navajaat Shishu Ko Solid Food Kya Hai?)
ठोस आहार एक सामान्य खाद्य पदार्थ हैं, जिससे नवजात शिशु को आवश्यक पोषक तत्व मिलता हैं। वैसे तो स्तनपान में सारे पोषक तत्व मिल जाते हैं, मगर जब नवजात शिशु 4 से 6 महीने का हो जाता हैं, तो बच्चे को और पोषक तत्व के लिए सिर्फ स्तनपान के अलावा अन्न जैसे खाद्य पदार्थ को देना आवश्यक होता हैं। क्योंकि सिर्फ फ़ॉर्मुला दूध या माँ द्वारा दिया जाने वाला स्तनपान बच्चे के अच्चे विकास के लिए पर्याप्त नही होता।
नवजात शिशु का अन्नप्राशन क्यों शुरु करना चाहिए?
(Navajaat Shishu Ko Solid Food kyon dena chahiye)
आमतौर पर बच्चे जब 4 से छह महीने के हो जाते हैं, तो वह कुछ भी खाने के लिए उत्सुक हो जाते हैं। इसलिए बच्चे को 4 से 6 माह में ठोस आहार या अन्नप्राशन का शुरु करना अच्छा होता हैं।
नवजात शिशु को ठोस आहार खिलाने की शुरुआत कब करनी चाहिए?
(Navajaat Shishu Ko Solid Food kab dena chahiye?)
आमतौर पर नवजात शिशु को ठोस पदार्थ बच्चे के जन्म के बाद छह माह बाद होता हैं। इसे समय हर माँ को पता होता हैं, अपने बच्चे को अन्न्प्राशन छह महीने बाद किया जाता हैं। क्योंकि इस दौरान नवजात शिशु को कोई भी ठोस पदार्थ देने में कोई समस्या नही होती। क्योंकि नवजात शिशु का पाचन तंत्र 4 से 6 महीने में ठोस खाद्य पदार्थ को पचाने के लिए सक्षम होता हैं।
बच्चे को छह महीने के उम्र ठोस खाद्य पदार्थ को निगलने के लिए शारीरिक कौशल भी आ जाता हैं।
विशेषज्ञ और वैज्ञानिक के अनुसार,
- इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (IAP) और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार बच्चे को 6 माह के बाद अन्नप्राशन या ठोस आहार की शुरुआत करना ठीक होता हैं।
- एक शोध के अनुसार बच्चे के जन्म के 17 से 27 वां सप्ताह के बीच अन्नप्राशन किया जा सकता हैं।
- ध्यान दे: आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से अवश्य बात कर के सुनिश्चित करना है, कि आपके शिशु के लिए कौन सा सप्ताह या महीना अन्नप्राशन या ठोस आहार के लिए उचित हैं। हो सकता हैं, आपके बाल रोग विशेषज्ञ अपर बताये गये समय से अलग ज्यादा या कम समय में भी आपको अपने बच्चे को अन्नप्राशन की शुरुआत करने को कहा जा सकता हैं।
- एक अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स (AAP) के शोध में यह भी पाया गया कि, बिना डॉक्टए पूछे ठोस पदार्थ की शुरुआत 4 महीने में किया गया, उस बच्चे को मोटापा का खतरा बढ़ गया।
- इसलिए 4 महीने के पहले तो कभी भी बच्चे को कोई ठोस खाद्य पदार्थ नही दे। इससे ना सिर्फ बच्चे के पाचन तंत्र को भी असर पड़ता हैं। हमेशा ठोस आहार को पाँच से छह महीने के बाद ही करना चाहिए। या आप अपने बाल रोग विशेषज्ञ या पीडियाट्रिशन से सम्पर्क करे।
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मुझे अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाने की शुरुआत कैसे करनी चाहिए?
(Mujhe Kaise Navajaat Shishu Ko Solid Food dena chahiye)
- आपको धीरे धीरे ही अपने बच्चे को ठोस आहार की शुरुआत करनी चाहिए।
- कभी भी अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाने के लिए किसी एक अनाज से शुरुआत करनी चाहिए।
- 2 से 3 दिन एक ही प्रकार का ठोस आहार दे, जिससे पता चल सके कि आपके बच्चे को उससे एलर्जी तो नही हो रही?
- जो भी आनाज आप अपने बच्चे को खिलाने वाले हैं, उसे पीसकर, मसल कर, और पका कर या भाप कर खिलाना चाहिए।
- आपको शुरुआत में नमक या चीनी का बिल्कुल भी प्रयोग नही करना हैं।
- आपको अपने बच्चे का पहला निवाला पर ही अपने बच्चे की प्रतिक्रिया को जाँचना है, इसलिए आप एक छोटे चम्मच से सबसे छोटा निवाना से शुरु करे।
- अगर आपका शिशु पहला चम्मच खाने के बाद अच्छी प्रतिक्रिया करे, तो ही दूसरा चम्मच खिलाये, आगर आपके बच्चे की प्रतिक्रिया इनकार करती हो, तो और मत खिलाये।
- आप चाहे तो खुद चख या खा सकते हैं, इससे आपके बच्चे को सही भोजन मिल रहा या स्वाद कैसा हैं, पता चल जायेगा।
- आपको अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाने के लिए कोई जोर जबरदस्ती नही करनी चाहिए। अगर उसे पसंद नही, तो दो सप्ताह बाद दूसरा अनाज से शुरुआत कर सकते हैं।
मुझे अपने बच्चे को कितनी बार और कितना खिलाना चाहिए?
(Navajaat Shishu Ko Solid Food kab aur kitna dena hai?)
आपको अपने बच्चे को कितना भोजन खिलाना हैं, यह बच्चे की उम्र पर निर्भर करता हैं। अगर आपने बच्चे को 4 माह में ही खिलाना शुरु कर दिया हैं, तो आपको अपने बच्चे के 4 माह के समय ज्यादा नही खिलाना हैं, सिर्फ 4 माह या उससे ज्यादा उम्र के बच्चे को पूरे दिन में एक बार ही खिलाना हैं, और मात्र एक सामान्य चम्मच से एक चम्मच तक ही खिला सकते हैं।
अगर आपने अपने बच्चे को 6 माह की उम्र में खिलाना शुरु किया हैं, तो आप एक सामान्य चम्मच से 2 से 4 चम्मच तक खिला सकते हैं। और पूरे दिन में 2 बार से अधिक नही खिलाना हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा बच्चा ठोस आहार खाने के लिए तैयार हैं?
(Kaise jane ki Navajaat Shishu Ko Solid Food ki jarurat hai?)
सभी बच्चे एक समान नही होते, कुछ बच्चों का विकास धीरे-धीरे होता हैं, कुछ बच्चों का जल्द्। ऐसे में कैसे पता करे, आपका शिशु का विकास सही हो रहा हैं या नही? और क्या आपका बच्चा ठोस आहार के लिए तैयार हैं, या नही?
- ऐसी स्थिती में आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करना ही उचित होगा, मगर यहाँ कुछ संकेत बताये गये हैं, आपको इन्हें भी जाँचना चाहिए।
- आपके नवजात शिशु का वजन उसके जन्म के समय वाले वजन से दौगुना होना चाहिए।
- आपका नवजात शिशु अब किसी भी कुर्सी पर सीधा बैठने में सक्षम होना चाहिए। (बच्चे को खिलाने वाली कुर्सी)
- आपका नवजात शिशु आपके दैनिक खाने वाले भोजन को बड़े ध्यान से देखता हो, और जब भी आप खाये तो आपका बच्चा वहाँ खाने के लिए पहुँच जाए।
- इन सभी संकेत को आप देख चुके हो, और आपका शिशु छह माह का भी हो गया हो, तो भी आपको अपने डॉक्टर से बात करना सही रहेगा, क्योंकि बच्चे में ठोस आहार को पचाना आसान नही होता। इसलिए बच्चे के पाचन तंत्र परिपक्व जाँच कराना उचित होता हैं।
मुझे किस तरह के ठोस आहार से अपने बच्चे को खिलाने की शुरुआत करनी चाहिए?
सभी नवजात शिशु समान नही होते, हर नवजात शिशु अलग अलग होता है, किसी में जल्द पचाने की गुण पहले से मौजूद होता हैं, कुछ बच्चे जल्दी नही पचा सकते, आपको अपने बच्चे के पचान तंत्र के अनुसार ही भोजन देना चाहिए। आपको इस बारे में डॉक्टर से बात करने की आवश्यकता हैं।
वैसे तो ठोस खाद्य पदार्थ को खिलाने के लिए भारत में अन्नप्राशन की परंपरा के अनुसार मनाया जाता हैं, जिसमें पुरे भारत में हर राज्य की अलग अलग परंपरा हैं।
कुछ जगह पर अन्नप्राशन को चावल से शुरु किया जाता हैं, चावल से बनी पकवान जैसे खीर। लेकिन आपको इसका भी ध्यान रखने की आवश्यकता हैं, कि आपको अपने बच्चे के भोजन में उसके एक साल का होने तक ना तो चीनी और ना ही नमक का उपयोग करना हैं। अगर आपको अपने स्वाद बढ़ाने की चिंता हैं, तो आप स्तनपान या फ़ॉर्मुला दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। और यह बच्चे के लिए भी अच्छा हैं, आपका बच्चा स्तनपान या फ़ॉर्मुला दूध का स्वाद को अच्छे से पहचनता हैं।
आप चाहे दिये गये निम्नांकित भोजन से शुरुआत कर सकते हैं।
- आपको अपने बच्चे को नरम और हल्का भोजन देना चाहिए। जैसे – दलिया, पिसे या मसले हुई सब्जियाँ, या फल।
- आपको अपने छह माह के नवजात शिशु को मसालदार भोजन नही देना चाहिए।
- पकी हुई सब्जियाँ जिसे पूरी तरह पिसी गई हो। जैसे गाजर, कद्दू, गोभी आदि। चाहे तो स्टार्च वाली सब्जियाँ जैसे आलू, शकरकंद, और जिमकंद आदि।
- कुछ फलो का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे- केला, सेब, नाशपती, और आम आदि। जिसे पूरी तरह पीसा गया हो।
- कुछ अनाज जैसे- चावल, साबूदाना, सूजी, और रागी आदि को भी आप पका कर पीसा हुआ ही इस्तेमाल करे।
- जब तक कि आपका शिशु एक साल का नही हो जाता आपको उसे सभी खाद्य पदार्थ को पीस कर ही देना है।
- कोई भी एक खाद्य पदार्थ को ही अपने बच्चे को खिलाये। आपको अगर कुछ नया भोजन खिलाना हो तो आप पाँचवे दिन खिलाये। इससे अगर आपके बच्चे को किसी आनाज या भोजन से एलर्जी होती हैं, तो आपको पता चल जायेगा।
- और अपने बच्चे को एक साल का होने तक शहद नही दे। और ना ही बच्चे के भोजन में शहद को मिलाये।
जब आपके शिशु को चबाने या निगलने का कौशल हो जायेगा, तो आपको पीसी हुई खाद्य पदार्थो को देने की आवश्यकता नही हैं। बच्चे के लिए 12 महीने तक भोजन को पूरी तरह पीस कर या मसल कर प्यूरी बना कर ही खिलाएँ।
क्या छह माह के पहले मैं अपने बच्चे को ठोस आहार दे सकती हूँ?
( Kya 6 Mahine se pehle Navajaat Shishu Ko Solid Food dena chahiye?)
आमतौर पर इस सवाल का जवाव बाल रोग चिकित्सक से लिया जाये तो आपके बच्चे के लिए स्वस्थ्य होगा। हालांकि, अगर आप लगातार अपने नवजात शिशु को अच्छे से स्तनपान करा रही हैं, और आपका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। और आपके बच्चे का वजन भी बढ़ रहा हैं, तो आप अपने स्तनपान करवाने में कोई परेशानी नही हो और इससे आप अच्छा महसूस कर रहे हों, तो भी बेहतर हैं, आप छह महीने के बाद ही अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाना शुरु करे।
हाँ, अगर आपके बाल रोग चिकित्सक आपको चार से छह माह के बीच ठोस आहार को खिलाने की सलाह दे, तो आप अपने बच्चे को अपने चिकित्सक अनुसार ठोस आहार दे सकते हैं। मगर चिकित्सक भी इस बात पर जरुर जाँच करेंगे:
- क्या बच्चे का वजन बढ़ रहा हैं?
- क्या बच्चे के स्तनपान करने के बाद भी वह भूखा हैं?
- क्या आपका बच्चा पहले से ही बाहर की खाद्य पदार्थ जैसे फ़ॉर्मुला दूध पी रहा हो?
हालांकि, आपके डॉक्टर जाँच के बाद भी कुछ दिन और स्तनपान कराने की सलाह दे सकते हैं।
अगर आपका बच्चा फ़ॉर्मुला दूध लेता हैं, तो डॉक्टर कोई नया फ़ॉर्मुला दूध देने के लिए सलाह देंगे।
हालांकि, चिकित्सीय कारण से भी अगर छह माह से पूर्व ठोस खाद्य पदार्थ खिलाना पड़े, तो भी चार महीने के बाद ही अपने बच्चे को अन्न्प्राशन कराये। आप अपने बच्चे को कभी भी छह माह से पूर्व ठोस आहार देना बच्चे को संक्रमण या इनफेक्शन या एलर्जी का खतरा बढ़ सकता हैं।
बच्चे को ठोस आहार खिलाते समय कौन कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
(Navajaat Shishu Ko Solid Food dete samay sawadhani)
आपका नवजात शिशु अभी बहुत छोटा सा हैं, आपको अपने बच्चे को अन्नप्राशन या ठोस आहार खिलाते समय निम्न सावधानियाँ बरतनी जरुरी हैं।
- आपको हमेशा अपने बच्चे को सीधा और सामने बैठाकर ही कुछ भी खाद्य पदार्थ खिलाये।
- बच्चे को जमीन पर बैठा कर और अपनी गोद में लेकर भी खिला सकते हैं, किसी कुर्सी पर बच्चे के चंचल व्यवहार के कारण गिरने का खतरा होता हैं।
- अपने बच्चे को भोजन खिलाने से पूर्व सारे जरूरी समान पहले से एकत्रित कर ले। जैसे पानी, चम्मच, मुँह पोछने के लिए कपड़ा आदि को अपने बच्चे को भोजन कराने वाली जगह पर रखे।
- आप चाहे तो अपने पर्टनर को अपनी सहायता के लिए बोले।
- पूरी तरह पका हुआ भोजन ही बच्चे के लिए स्वस्थ हैं।
- अगर आप अपने बच्चे को फल या कोई सब्जी खिला रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करे कि, उस फल में कोई बीज या छिलका पहले से निकाल लिये हो।
- बच्चे को खिलाये जाने फल, सब्जी को पूरी तरह धो कर ही खिलाये।
- जिस भी बर्तन का इस्तेमाल करे, उसे अच्छी तरह से स्वच्छ रखे।
- बच्चे के लिए बनाये जाने वाले, खिलाये जाने वाले सभी बर्तन को कीटाणुमुक्त करे।
- बच्चे को प्यार और दुलार से कहानी या एक्टिग कर के खिलाये।
- आपको अपने बच्चे को हमेशा नरम और बिना नुकिला चम्मच से ही भोजन कराना चाहिए। आपको बच्चे के ओठ, मसूड़ो को बचाये रखना हैं।
- बच्चे के लिए बनाया गया भोजन बनने के 2 घंटे के अंदर ही बच्चे के लिए सुरक्षित हैं। 2 घंटे के पहले के भोजन को बच्चे को ना खिलाये।
- बच्चे को हमेशा ताजा भोजन कराये।
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