स्तनपान ना कराने के क्या क्या नुकसान हैं?

इस लेख में : 

स्तनपान ना कराने के क्या क्या नुकसान हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आप) के अनुसार,
स्तनपान ना कराने से बच्चे के लिए होने वाले नुकसान:
स्तनपान ना कराने से माँ के लिए होने वाले नुकसान:
स्तनपान कराने से माँ के लिए होने वाले फायदे:
स्तनपान माँ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
फ़ॉर्मुला दूध पिलाने के क्या फायदे और नुकसान हैं?
क्या मैं अपने बच्चे को स्तनपान और फ़ॉर्मुला दूध दोनो का उपयोग कर सकती हूँ?
स्तनपान आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्यप्रद भोजन कैसे है?
नवजात शिशु को स्तन का दूध स्वादिष्ट लगता है
स्तनपान कराने वाले माताओं को स्तनपान एक प्राकृतिक जन्म नियंत्रण के रूप में कार्य करता है
स्तनपान से जुड़ी समस्या का मुझे कहां से मदद मिल सकती है?


स्तनपान ना कराने के क्या क्या नुकसान हैं?

स्तनपान ना कराना और आपके नवजात शिशु को बोतल से फ़ॉर्मुला दूध पिलाना आज आम बात हैं। लेकिन कुछ नई माताएँ इस संबंन्ध में चिंता में रहती हैं, अगर स्तनपान ना कराये तो क्या नुकसान हो सकता हैं? इस सवाल का एक सीधा जवाब यह हैं, माँ को इससे कोई प्रभाव नही पड़ता, मगर इससे आपके नवजात शिशु को बहुत प्रभाव पड़ता हैं।

स्तनपान ना कराने से माँ और बच्चे को क्या नुकसान हैं, इस सारे सवालों का जवाब इस लेख में आपको मिल जायेगा। इस लेख को पढ़ने के बाद आपके स्तनपान ना कराने को लेकर सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे। अगर आपको कोई प्रश्न का जवाब ना मिले तो नीचे कॉमेंट जरुर करे।

आईए जानते हैं स्तनपान ना कराने से माँ और उसके बच्चे को क्या क्या नुकसान होता हैं।

सबसे पहले जानते हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) स्तनपान के बारे में क्या कहते हैं।


👉 विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, जन्म के बाद से नवजात शिशु के पोषण और स्वस्थ के लिए फोर्मुला दूध के वजाय सिर्फ स्तनपान कराने की सिफारिश करती हैं।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आप) के अनुसार,


अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आप) के अनुसार,👉 नवजात शिशु को जन्म के आधे घण्टे के अंदर ही पहला स्तनपान और अगले 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए। और 6 माह बाद या एक साल के बाद आप स्तनपान के साथ ठोस खाद्य पदार्थ को अपने नवजात शिशु को देना चाहिए। ऐसा करने से नवजात शिशु को स्तनपान के रूप में एंटीबॉडी भी स्तन दूध में मिल जाता हैं, जो नवजात शिशु को किसी भी बीमारी से सुरक्षित रखने में मदद करता है।

👉 स्तनपान कराना ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं, बल्कि स्तनपान कराने से माँ और बच्चे के बीच एक भावनात्मक रुप से बंधन बनता हैं। स्तनपान कराने से नवजात शिशु अपने माँ के पास ज्यादा सुरक्षित महसूस करता हैं। और माँ को जल्दि पहचानने लगता हैं।





स्तनपान ना कराने से बच्चे के लिए होने वाले नुकसान:

  • स्तनपान को ना कराने से आपके नवजात शिशु को वो सभी पोषक तत्व नही मिलते जो स्तनपान में मिलते हैं।
  • स्तनपान ना कराने से बच्चे को एंटीबॉडी की कमी रहती हैं, जो नवजात शिशु को बीमारी से बचाव में सहायक होती हैं।
  • स्तनपान ना कराने से बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, क्योंकि स्तनपान कराने से बच्चे को दस्त लगना, पेट खराब होने की सम्भावना कम होती हैं।
  • स्तनपान ना कराने से शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मदद नही मिलती और शिशु में कान के संक्रमण, निमोनिया, बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
स्तनपान ना कराने से बच्चे के लिए होने वाले नुकसान:

  • एक अध्ययन के अनुसार, जो बच्चे स्तनपान नही करते उनका दिमाग स्तनपान करने वाले बच्चे की तुलना में कमजोर होता हैं। स्तनपान करने वाले बच्चे ज्यादा रचनात्मक बुद्धि (Creative mind)‌ वाले होते हैं।
  • स्तनपान ना कराने से बच्चो में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) का खतरा बढ़ जाता हैं।
  • सिर्फ फ़ॉर्मुला दूध का सेवन करने वाले बच्चे संभावित रूप से अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह और मोटापे जैसी स्थितियों को बढ़ावा देता हैं।
  • बच्चों में जल्द विकास में देरी होती हैं।




स्तनपान ना कराने से माँ के लिए होने वाले नुकसान:

  • बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय को पुनः पूर्व अवस्था मे लाने में समय लगता हैं।
  • स्तनपान कराने के लिए आपको फ़ॉर्मुला दूध की तरह बोतल को उबाल कर साफ करने का कोई चिंता नही रहती। आपको दूध को उबालने की चिंता नही होती।
  • फ़ॉर्मुला दूध के लिए आपको बोतल, दूध, फ़ॉर्मुला को खरीदना पड़ता हैं।
  • फ़ॉर्मुला दूध स्तन के दूध की तरह संक्रमण के खिलाफ एक सुरक्षित एंटीबॉडी प्रदान नही करता।
  • आपको हमेशा यह सुनिश्चित करना होता है, कि आपका फ़ॉर्मुला दूध सही तापमान और मिश्रण में हैं या नही।




स्तनपान कराने से माँ के लिए होने वाले फायदे:

  1. प्रसव के बाद गर्भाशय को पूर्व अवस्था मे लाना जल्द हो जाता हैं।
  2. ज्यादा कैलोरी और वसा वाले भोजन नही खाने होते, डायट कर सकते हैं। जिससे वजन कम करने में आसानी होती है।
  3. प्रसव के बाद हुई शारीरिक कमजोरी को रोक कर सभी क्षय को पूरा करता हैं।
  4. आपको कई बीमारी जैसे- स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को नही होने देता।


स्तनपान माँ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है


जो माताएँ स्तनपान कराती है, उन्हे डिम्बग्रंथि और स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। स्तनपान कराने से भविष्य में भी गठिया, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्या नही होती।

अगर आप स्तनपान कराने वाली माँ हैं, तो डॉक्टर आपको सलाह देते हैं, कि जब तक आपको आराम चाहिए, जब तक आप स्वस्थ्य रहना चाहते हैं, तो आप अपने नवजात शिशु और खुद को सुरक्षित रखने के लिए स्तनपान का चयन करे। स्तनपान कराने के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ आप दोनो माँ और आपके नवजान शिशु को प्रदान करता हैं।

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फ़ॉर्मुला दूध पिलाने के क्या फायदे और नुकसान हैं?

  • कुछ नये माता पिता के लिए, जब बच्चे को किसी चिकित्सकीय स्थितियाँ होने पर, यह जानना आवश्यक हो जाता हैं, कि आपका नवजात शिशु कितना दूध पी लेता हैं। या शिशु दूध नही पी रहा हैं। दूध को बोतल से पिलाने पर बच्चे के द्वारा दूध की सटीक माप का पता चल जाता हैं।
  • फ़ॉर्मुला दूध देने से घर का कोई भी सदस्य माँ के अनुपस्थिति में बच्चे की देखभल कर सकता हैं। जिससे माँ अगर बीमार भी हैं, तो बच्चे का खास देखभाल रखा जा सके।
  • लेकिन फ़ॉर्मुला दूध संक्रमण से नही बचाता। स्तन के दूध में एंटीबॉडी होती हैं, जो बच्चे को हर तरह के संक्रमण से बचाता हैं।


कोई भी फ़ॉर्मूला दूध स्तन के दूध के आदर्श संरचना का बिल्कुल नकल नही कर सकता हैं।



क्या मैं अपने बच्चे को स्तनपान और फ़ॉर्मुला दूध दोनो का उपयोग 

कर सकती हूँ?

क्या मैं अपने बच्चे को स्तनपान और फ़ॉर्मुला दूध दोनो का उपयोग कर सकती हूँ?➤ अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, स्तनपान एक आदर्श पोषण हैं। बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान कराने की सिफारिश की जाती हैं।

➤ बच्चे को जन्म के बाद 6 माह तक स्तनपान कराया जाता हैं, तो बच्चे का पूर्ण विकास में समर्थन करने के लिए उत्तम हैं। इसके अलावा यह अनुशंसा की जाती हैं, कि स्तनपान को लगभग 12 महीने से कम उम्र के शिशु को गाय का दूध नहीं पिलाना चाहिए, बल्कि आयरन-फोर्टिफाइड शिशु फार्मूला ही देना चाहिए। इसके लिए आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करने की आवश्यकता हैं।

➤ स्तनपान के साथ फ़ॉर्मुला दूध दोनो का अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल करना आमतौर पर डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता हैं। एक चिकित्सक या डॉक्टर आपको आज्ञा दे तो आप स्तनपान के साथ फ़ॉर्मुला का उपयोग कर सकते हैं।

➤ अगर माँ पर्याप्त दूध की आपूर्ति नही कर पा रही हैं, तो आपको बाल रोग चिकित्सक से बात करने की आवश्यकता हैं। क्योकि आमतौर पर ऐसे में चिकित्सक फ़ॉर्मुला देने की सलाह देते हैं।




स्तनपान आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्यप्रद भोजन कैसे है?

स्तनपान आपके बच्चे के लिए स्वास्थ्यप्रद भोजन कैसे है
स्तनपान कराने से नवजात शिशु को बहुत सारे स्वास्थ्य और विकासात्मक लाभ मिलता हैं। स्तनपान में मौजूद पाये जाने वाले पोषक तत्व आपके नवजात शिशु को बहुत सारी बीमारी से बचाने में मदद करता हैं, जिससे आपके नवजात शिशु का विकास बहुत जल्दी जल्दी होता हैं।


नवजात शिशु को स्तन का दूध आसानी से पच जाता हैं। स्तन के दूध से बच्चे को गैस और शूल जैसी परेशानी को रोकने में मदद मिलती हैं। स्तनपान कराने वाले बच्चे को दस्त और कब्ज नही होता हैं।


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नवजात शिशु को स्तन का दूध स्वादिष्ट लगता है


स्तनपान करना आपके नवजात शिशु को बहुत ही प्रिय होता हैं। क्योंकि स्तनपान का स्वाद बहुत ही मीठा और मलाईदार जैसा होता हैं। साथ ही माँ द्वारा खाये जाने वाले भोजन का स्वाद जैसे आप जो भी कुछ खाद्य पदार्थ खाते है, उसका एक चोथाई हिस्सा आपके स्तन के दूध में भी सामिल होता हैं।




स्तनपान कराने वाले माताओं को स्तनपान एक प्राकृतिक जन्म

 नियंत्रण के रूप में कार्य करता है

स्तनपान कराने से माताओं को सबसे बड़ा फायदा यह होता है, कि उन्हे स्तनपान के दौरान गर्भनिरोधक किसी भी दवाई की जरुरत नही होती। स्तनपान के दौरान आपको किसी प्रकार का पीरियड्स या मासिक धर्म की चिंता नही रहती। आप 6 महीने तक अपने बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपको 6 महीने तक या इससे भी अधिक समय तक गर्भनिरोधक या एक प्राकृतिक जन्म नियंत्रण के रुप में कार्य करता हैं। हालांकि, जब आप पूरी तरह स्तनपान कराना बंद कर देते हैं, तो मासिक धर्म आमतौर पर एक महीने बाद लौट आता हैं। 

स्तनपान के दौरान गर्भनिरोधक या प्राकृतिक रुप से जन्म को नियत्रण करना 98% तक प्रभावी होता हैं। 




स्तनपान से जुड़ी समस्या का मुझे कहां से मदद मिल सकती है?

👉 जब एक महिला पहली बार माँ बनती हैं, उसे स्तनपान के बारे में कुछ ज्यादा नही पता होता, और बहुत सारे प्रश्न मन में आते हैं। ऐसे में हमेशा डॉक्टर या चिकित्सक को बार बार परेशान करना उन्हे अच्छा नही लगता।
ऐसे में आपको अपने परिवार के बड़े सदस्य या नर्स या किसी अनुभवी स्तनपान कराने वाली माँ से सम्पर्क कर सकते हैं।

 👉 अगर आपको ऐसा कोई भी अनुभवी नही मिल रहा हो तो आपको पता होना चाहिए, स्तनपान के विशेषज्ञ, न्युट्रिशनिष्ट भी इस मामले में आपकी मदद कर सकते हैं। आज हर बीमारी के विशेषज्ञ मिल जाते है।

👉 स्तनपान कराने की कुछ अनुभव होने के बाद आपको दूसरी बार माँ बनने पर कोई परेशानी नही होती।

👉 अगर कोई गम्भीर समस्या हो तो आपको ऐसे में सिर्फ डॉक्टर या चिकित्सक के सम्पर्क करने की आवश्यकता हैं।


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