बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरुआत करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी



बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरुआत करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी

इस लेख में  :

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) प्रशिक्षण क्या है?
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) क्यों देना चाहिए।
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कब शुरू करनी चाहिए?
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) से पहले आपको किन चीजों की जरूरत होगी?
क्या बच्चे पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरू करने से पहले कोई संकेत देते हैं?
बच्चों को शौच प्रशिक्षण के लिए किस तरह प्रशिक्षित करे?
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने के क्या क्या फायदे हैं?
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने के लिए याद रखने योग्य बाते:



जब आपका बच्चा बड़ा होने लगता हैं, तो माता पिता उन्हे आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। जिसके लिए कई तरह की प्रशिक्षण माता पिता अपने बच्चे को देते हैं। और शौच प्रशिक्षण उन प्रशिक्षण में से एक अहम प्रशिक्षण हैं। जिससे आपका बच्चा ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनता हैं। साथ ही आपका बच्चा कई तरह के बीमारी से बचा रहता हैं।

पॉटी ट्रेनिंग यानि शौच प्रशिक्षण आपके बच्चे को स्वस्थ विज्ञान यानि हाइजिन रखता हैं। शौच प्रशिक्षण के द्वारा बच्चे को डायरिया जैसे बीमारी से बचाया जा सकता हैं। डायरिया जैसी बीमारी गंदगी के कारण फैलता हैं, इसलिए साफाई का ज्ञान, हाइजिन से डायरिया जैसी बीमारी को दूर रखा जा सकता हैं।

पॉटी ट्रेनिंग आपके बच्चे के लिए एक परवरिश भी हैं। जिससे आपका बच्चे का खुद से शौच करने और साफ सफाई में रहने की आदत हो जाती हैं। लेकिन इससे पहले आपको बहुत सारे तथ्यों को जानना जरूरी हैं। इस लेख में आपको आपके बच्चे के लिए शौच प्रशिक्षण के बारे में सारी जानकारी मिलेगी, जिसमें पॉटी ट्रेनिंग के लिए कैसी कैसी तैयारी करनी चाहिए, कब आपके बच्चे को शौच प्रशिक्षण की शुरुआत करनी चाहिए।, पॉटी ट्रेनिंग से आपके बच्चे को होने वाले फायदे कौन सी हैं। और आपको पॉटी ट्रेनिंग की शुरुआत करने के लिए कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

आईए जानते हैं, आप अपने बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरुआत करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) प्रशिक्षण

 क्या है?

बच्चो को शौच प्रशिक्षण देना एक प्राकृतिक स्वच्छता हैं। शौच प्रशिक्षण बच्चे को कम उम्र में पॉटी ट्रेनिंग या बच्चे को शौचालय जाने का अभ्यास कराना हैं। 

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को एक साल की उम्र के बाद डायपर इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं। जिससे कि बच्चे के शौच या पेशाब आने के इशारों को समझ कर पहले ही बच्चे को बाथरुम ले जाते हैं।

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) क्यों देना

 चाहिए।

आप अपने बच्चे को शौच प्रशिक्षण देने से आपका बच्चा शरीर से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ, या मल मूत्र आदि के आने पर खुद ही शौच करना सीख जाता हैं, या शौच आने पर आपको बताता हैं। साथ ही आपका बच्चा टॉयलट सीट का प्रयोग करना सीखता हैं।

शौच प्रशिक्षण देने का मतलब यह नहीं, कि आपका बच्चा एक साल के होने के बाद खुद ही शौचालाय में जाकर मल मूत्र त्याग करेगा। शौच प्रशिक्षण देने से आपके बच्चे को शौच या मल मूत्र के आने के संकेत को समझ जायेगा, जिससे आपके बच्चे को डायपर का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना पड़ेगा।

हालांकि, जब आपका बच्चा 18 महीने से 3 साल के बीच शौचालय जाना भी शुरु कर देगा। क्योंकि एक साल की उम्र में आपका बच्चा सही से चलना नहीं सीखता हैं, इस समय वह सिर्फ घुटनों के बल चलता हैं, और हमेशा सहारे की जरुरत होती हैं। मगर 2 साल से 3 साल के बीच आपका बच्चा चलना शुरु कर देता हैं।

जब बच्चे की उम्र 18 महीने का होता हैं, बच्चे में मल मूत्र के दबाव को नियंत्रित करने की क्षमता विकसित हो जाती हैं।

  

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कब 

शुरू करनी चाहिए?

बच्चों को शौच प्रशिक्षण देने के लिए ज्यादा जरुरी हैं, कि आप अपने बच्चे के शौच प्रशिक्षण सही समय पर दे। बच्चे का विकास जन्म के बाद शुरु हो जाता हैं, रोज आपका बच्चे का विकास का शिलशिला चलता रहता हैं।

बच्चे के पॉटी ट्रेनिंग का सही समय 18 महीने से 24 महीने में शुरु हो जाना चाहिए। आमतौर पर इस उम्र में आपका बच्चा खुद ही आपको संकेत देना शुरु कर देता हैं।

वैसे तो आप जब चाहे अपने बच्चे को शौच प्रशिक्षण दे सकते हैं, मगर आपको अपने बच्चे के विकास के चरणों पर ध्यान देना भी आवश्यक हैं।

विशेषज्ञ के अनुसार, बच्चे को बहुत जल्द शौच प्रशिक्षण को शुरु करना नहीं करना चाहिए। आपका बच्चा शारीरिक और भावनात्मक तौर पर शौच प्रशिक्षिण के लिए तैयार होना चाहिए।


बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) से पहले

 आपको किन चीजों की जरूरत होगी?

बच्चों की पॉटी ट्रेनिंग के लिए आपको कुछ निम्नलिखित चीजों की जरुरत पड़ेगी।
पॉटी सीट : आपको पॉटी सीट की जरुरत पड़ेगी, जो बच्चों के लिए विशेषकर बनाये जाते हैं। या आप सामान्य टॉयलेट सीट पर छोटे बच्चों के लिए लगाये जाने वाला कभर या सीट लेना होगा।
आमतौर पर बच्चों के लिए आने वाले पॉटी सीट पर बच्चे आराम से बैठ जाते हैं, और इसमें बच्चे के पैर जमीन तक पहुँच जाते हैं, जो बच्चों की साइज की होती हैं।
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) से पहले आपको किन चीजों की जरूरत होगी

पॉटी चेयर : आप चाहें तो पॉटी चेयर  का इस्तेमाल कर सकती हैं, इसमें आपके बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देने में परेशानी नहीं होगी और आराम भी होता हैं।

हैंड वॉस : आपको बच्चे के शौच होने के बाद हाथ धोने के लिए हैंड वॉस या साबुन या टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं।

कपड़े : बच्चे के शौच करने के बाद उनके पैंट बदल दे। इससे हाइजिन बना रहता हैं। बच्चे को साफ धुले पैंट ही पहनाये। 

आपको अपने सुविधानुसार सुनिश्चित करे आपको कौन कौन चीजों की जरुरत पड़ेगी। क्योंकि यह सामान्य जरुरत की चीजे हैं, हो सकता हैं, आपके बच्चे के लिए और भी जरुरत की सामान की तैयारी करनी होगी।

क्या बच्चे पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरू

 करने से पहले कोई संकेत देते हैं?

आपको अपने बच्चे के पॉटी ट्रेनिंग कराने से पहले जाँच की अवश्य करे, कि आपका बच्चा पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार हैं।
आपको आपका बच्चा कुछ संकेत दे कर बतायेगा, कि वह पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार हैं?
यहाँ कुछ निम्नलिखित बच्चों की संकेत बताये गये?
  1. आपका बच्चा रात को पेशाब नहीं करेगा।
  2. आपका बच्चा रोज दिन के समय एक ही समय पर पेशाब करता हैं।
  3. आपका बच्चा आराम से कुर्सी या किसी बैठने वाले स्थान पर बैठ जाता हैं, और खड़ा हो जाता हैं।
  4. आपका बच्चा खुद आपने पैंटको उपर नीचे कर सकता हैं।
  5. आपका बच्चा जब बठना और चलना शुरु करते हैं।
  6. आपका बच्चा आसान बातों या निर्देशों को समझता हैं।
  7. आपका बच्चा आपकी एक्टिंग करने लगेगा।
  8. आपका बच्चा गंदे या गीला कपड़ा और नैपी पहना पसंद ना करे।

बच्चों को शौच प्रशिक्षण के लिए किस तरह

 प्रशिक्षित करे?

आपको अपने बचपन के समय याद होगा, आपके माता पिता एक ‘सस्स्स्स्स्’ की आवाज से आपको मूत्र त्याग करने के लिए इस्तेमाल करती थी। अब आपको भी अपने बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग के लिए एक पैटर्न तैयार करना हैं।

इसके लिए आपको अपने बच्चे के गतिविधि पर नजर रखे। जैसे कि कब आप्का बच्चा मल या मूत्र त्याग करता हैं। जब आपका बच्चा मल या मूत्र त्याग करता हैं, तो वह कैसा मुँह बनाता हैं, या कैसी इशारे देता हैं। बच्चे अक्सर सो के उठने के बाद मूत्र त्याग करना पसंद करते हैं।


अगर आप अपने बच्चे के इशारों को समझने लगी हैं, तो आप नीचे दिये गये बातों को अपनाये।
बच्चों को शौच प्रशिक्षण के लिए किस तरह प्रशिक्षित करे

  1. आप पॉटी चेयर को बच्चे के खिलोनों के बीच रखे, पॉटी चेयर बच्चे पसंदीदा होना चाहिए।
  2. आप बच्चे को रोज पॉटी शीट पर जरूर बैठाये, जिससे शौच करते समय बच्चे को कोई डर ना लगे। लेकिन इसके लिए जबरदस्ती ना करे।
  3. आपको अपने बच्चे को कुछ चीजे सिखानी होगी, कैसे पॉटी शीट पर बैठने से पहले पैंट उतारना हैं।, पॉटी शीट पर बैठने के बाद कुछ इशारे करे, या बच्चे के साथ खेले।
  4. आपको अपने बच्चे को बताना होगा, पॉटी गन्दी होती हैं, इसे छुना नहीं हैं।
  5. आपको अपने बच्चे को पॉटी आने पर कुछ खास वाक्य जैसे मम्मा पॉटी, पॉटी आयी सिखाये।
  6. आपको अपने बच्चे के लिए भी एक विशेष शब्द या आवाज जैसे सस्स्स्स्स, शूशूशूशू की आवाज या शब्द पर मल या मूत्र त्याग करना हैं सिखाये।
  7. आपको अपने बच्चे के लिए आसान से आसान शब्द का उपयोग कर अपने बच्चे के लिए सिखाना होगा, जिसे आपका बच्चा अपने मल या मूत्र त्याग करने के समय ही सीखे। जैसे शुशु और पॉटी ।
  8. आप कुछ इशारे सिखाये, जब पॉटी लगी हो तो कैसे आपको आपका बच्चा बतायेगा। जैसे पॉटी आने पर हाथ पीछे नितंबों पर रखे।
  9. आपको बार बार एक नियमित अंतराल पर पॉटी शीट पर बैठा कर उपर बताये गये इशारे और शब्द का प्रयोग करे। 
  10. आप चाहे तो यूटूब पर एनिमेशन विडियों के द्वारा भी शौच प्रशिक्षण दे सकते हैं।
  11. आप चाहे तो किसी बड़े भाई बहन से सीखने का मौका दे। धीरे धीरे आपका बच्चा भी वैसा ही पॉटी करना चाहेगा।
  12. आप बच्चे के डायपर के मल को बच्चे के पॉटी शीट पर डाले, इससे बच्चे को समझ आयेगा, कि मल त्याग करना कहा जरुरी हैं।
  13. अगर आपका बच्चा गलत ढ़ंग से पॉटी करे, तो आपको अपने बच्चे की गलतियों को सुधारना है।
  14. बच्चे के पॉटी करते समय, आपको अपने बच्चे के साथ रहना हैं।
  15. जब आपका बच्चा बड़ा हो जाये, तो अब आपको खुद से नितंब को पोछना या धोने के बारे में सिखाना हैं। याद रखे धोने या पोछने के क्रम लड़का और लड़कियों में अलग होती हैं। लड़कियों को ज्यादा साफ सफाई का ध्यान रखना होता हैं।
  16. शौच करने के बाद हाथ को अच्छे से धोने की आदत लगाये।

बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने 

के क्या क्या फायदे हैं?

बच्चे को शौच प्रशिक्षण कराने के सबसे ज्यादा फायदे माता पिता को होता हैं। माता पिता को ज्यादा डायपर पर खर्चा करने की आवश्यकता नहीं  होती हैं। साथ ही ना तो हमेशा बच्चे के अचानक कहीं भी कभी भी पॉटी करने की चिंता। 

बच्चे के अचानक पॉटी करने के वजह से माँ को हमेशा बच्चे पर ध्यान देते रहना पड़ता हैं, क्योंकि डायपर में भी पॉटी करने से बच्चे को संक्रमण का खतरा रहता ही हैं। हमेशा साफ सफाई ही एक मात्र स्वस्थ्य रहने का तरीका होता हैं।

बच्चे की त्वचा में इस दौरान संवेदनशीलता बढ़ता हैं, और जलन भी कम रहता हैं। बच्चे के विकास का एक चरण पॉटी ट्रेनिंग भी हैं।
पॉटी ट्रेनिंग के और भी फायदे होते हैं, जिनके लिए अभी भी शोध हो रहे हैं।


बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने 

के लिए याद रखने योग्य बाते:

👉 जब आप अपने बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना प्रारम्भ कर दिये हो, तो हो सकता हैं, आपका बच्चा जल्दी इस प्रशिक्षण को स्वीकार ना करे। वो अब भी अपने डायपर में ही शौच कर दे। आपको सब्र रखने की जरुरत हैं।

👉 कभी कभी ऐसा हो सकता हैं, शुरुआत में आपका बच्चा सब समझ गया, और 2 से 3 दिन सही से पॉटी कर रहा हो, मगर खेल में व्यस्थ रहने के कारण या बच्चे के द्वारा दिये गये संकेत को आपने ना समझा और बच्चे को जोर से पॉटी आयी हो, तो वो पैंट में ही पॉटी कर देगा।

👉 बच्चे द्वारा शुरूआत में या कभी कभी पैंट मै पॉटी हो जाने पर आपको अपने बच्चे के साथ गुस्सा नहीं करना हैं, उन्हे प्यार से समझायें, अगली बार नहीं करना, या इससे मम्मा को परेशानी हुई, या मम्मा भी गंदी हो गयी। ऐसे उदाहरण या किसी कहानी द्वारा समझाये।

👉 आपको अपने बच्चे के प्रत्येक मल त्याग पर कपड़े अवश्य बदलना हैं।

👉 रात के समय हो सकता हैं, आपका बच्चा कोई भी गतिविधि करने के बजाय पॉटी कर दे, इसके लिए आपको पहले से तैयार रहना होगा। आप रात के समय डायपर का इस्तेमाल करे।

👉 जब आपका बच्चा रात को भी खुद उठ कर आपको संकेत देता हैं, तब आपको किसी प्रकार की चिंता लेने की आवश्यकता नहीं हैं।

👉 आप अपने बच्चे को हर आधे से एक घंटे में खुद से पॉटी के बारे में पूछे। हो सके तो हर बार पॉटी शीट पर बैठा कर देखे।

👉 हमेशा अपने बच्चे की छोटी छोटी अच्छी चिजों की बड़ाई बरे, कुछ गिफ्ट देने से बच्चे का उत्साह बढ़ा रहता हैं, इसी तरह आप बच्चे के इस प्रशिक्षण को सीखने के दौरान हमेशा उत्साह बढाये।

👉 बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना आसान नहीं होता हैं। हो सकता हैं, कभी कभी आप खुद अपने बच्चे को पॉटी प्रशिक्षण के कारण थक जाये। मगर आपको शांत रहना हैं। हमेशा साकारात्मक रहना हैं। क्योंकि पॉटी ट्रेनिंग बच्चे के विकास का एक हिस्सा हैं, और बच्चे के विकास में देर लग सकती हैं। 

👉 हर बच्चे एक जैसे नहीं होते, इसके लिए अपने बच्चे को किसी भी दूसरे बच्चे से तुलना ना करे, इससे आप अपने मासूम बच्चे के साथ गलत करेंगे।

👉 बच्चे को शौच प्रशिक्षण में 3 से 6 महीने का समय लगता हैं। किसी किसी बच्चों में ज्यादा भी लग सकता हैं। इसके लिए हताश ना हो कोशिश करते रहे। 

👉 शुरुआत में बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग मे किसी प्रकार के शोर से ध्यान बट जाता हैं। तो हमेशा शांत माहोल चुने।

👉 आपको अपने बच्चे के साथ इस दौरान कुछ खेल या बाते करते रहना चाहिए।

उम्मीद हैं, आपको बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग या शौच प्रशिक्षण के संबंध में सारी जानकारी इस लेख में मिल गयी होगी। आपको इस लेख में पॉटी ट्रेनिंग से जुड़ी और भी जानकारी, सलाह, और ध्यान रखने वाली बाते बतायी गयी। आपके मन में कुछ सवाल या इस लेख के संबंध कुछ जानकारी शेयर करनी हो, तो जरूर नीचे कॉमेंट करे।


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