बच्चों के दाँत एक लाइन में निकले इसके लिए माँ को क्या करना चाहिए?


बच्चों के दाँत एक लाइन में निकले इसके लिए माँ को क्या करना चाहिए

इस लेख में :
बच्चे के दाँत एक लाइन में ना आने का क्या कारण हैं?बच्चों के प्राथमिक दाँत के समय दाँतों की देखभाल ना करने पर स्थायी दाँत कैसे प्राभावित होते हैं?बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े होने के कारण बच्चे को होने वाली परेशानी बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े ना हो और एक लाइन में निकले, इसके लिए क्या करे?अगर बच्चे के स्थायी दाँत टेढ़े‌-मेढ़े हो, इसको एक लाइन में सीधा करने का कौन कौन सा विकल्प हैं?


बच्चे जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं, माता पिता को बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती हैं। क्योंकि जब बच्चा छोटा होता हैं, उनको सभालना ज्यादा मुस्किल नही होता, मगर जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो थोड़े जिद्दी, नटखट, और समझदार भी हो जाते हैं। बड़े होने के बाद बच्चे ज्यादा समय बाहर खेल कूद में बीता देते हैं।  
बच्चों को लगभग 10 से 12 साल की उम्र से वयस्क दाँत या स्थायी आने लगते हैं। और स्थायी दाँत की सही से देखभाल नहीं किया जाय तो यह दाँत कभी नही बदलता।
स्थायी दाँत बच्चे के प्राथमिक दाँत या दूध के दाँत के टूटने के बाद, उसी मसूड़ों में आते हैं। और जब बच्चे के प्राथमिक दाँत टूटने में देरी, या स्थायी दाँत के लिए ज्यादा रिक्त स्थान नहीं होने पर बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े या एक लाइन में नही आते। जो माता पिता के लिए एक चिंता का विषय होता हैं।

आइए जानते हैं, बच्चे के दाँत एक लाइन में कैसे निकले, और टेढ़े-मेढ़े दाँत आने का क्या कारण होता हैं।

बच्चे के दाँत एक लाइन में ना आने का क्या 

कारण हैं?


बच्चे के दाँत एक लाइन में ना आने का क्या  कारण हैं
बच्चे दाँत के टेढ़े-मेढ़े दाँत होने के कई कारण हो सकते हैं, मगर जो सामान्य कारण हैं, बच्चों के मसूड़ों में स्थायी दाँत के लिए रिक्त स्थानों की कमी, जिसके कारण सही समय पर आ रहे स्थायी दाँत को पर्याप्त जगह नही मिलना। जब स्थायी दाँत को कोई रुकावट होती हैं, तो वह अपना स्थान से ना निकल टेढ़े-मेढ़े तरीके से निकलते हैं।
बच्चों के दाँत के टेढ़े-मेढ़े होने के कुछ बचपन की आदत, जैसे निप्पल चुसना (Pacifier), अंगूठा चूसना आदि। अंगुठे चुसने की आदत अगर लम्बे समय से हो, तो यह दाँतों को धक्का देने से दाँतों को टेढ़े-मेढ़े करने का एक कारण होते हैं।
बच्चों के दाँत एक लाइन में ना निकलने के लिए आनुवंशिकता और आनुवांशिकी भी एक भूमिका निभा सकते हैं।
टेढ़े बच्चे के दांत होने का मतलब यह नहीं हैं, कि बच्चे को स्थायी दाँत आने के कारण हो रहा हैं। यह प्राथमिक दाँत आने के समय भी हो सकता हैं। ज्यादातर यह एक साथ एक ही जगह पर भीड़ की तरह दाँत आने पर हैं।
ज्यादातर मामलों में बच्चे के एक से अधिक दाँत आने के कारण होते हैं। जब एक से अधिक दाँत आते हैं, तो वो सही पथ की वजाय किसी भी जगह से रास्ता ढ़ूंढ लेते हैं।


बच्चों के प्राथमिक दाँत के समय दाँतों की 

देखभाल ना करने पर स्थायी दाँत कैसे 

प्राभावित होते हैं?

बच्चों के स्थायी दाँत के एक लाइन में ना आने या टेढ़े-मेढ़े होने के लिए प्राथमिक दाँत द्वारा किये जाने वाले कुछ आदतों के कारण पड़ने वाले प्राभाव निम्न हैं।
बच्चों के प्राथमिक दाँत के समय दाँतों की देखभाल ना करने पर स्थायी दाँत कैसे प्राभावित होते हैं

जबड़े का आकार का छोटा होना:

बच्चे द्वारा नर्म भोजन, आधुनिक आहार जिसे चबाने के लिए कम परिश्रम करना पड़ता हैं। और यह बच्चे के जबड़े के आकार को छोटा करता हैं। 
वैज्ञानिकों का मानना हैं, बच्चे के द्वारा कब चबाने वाले भोजन को करने से जबड़ों के कम विकास, छोटे जबड़े, और दाँतों के टेढ़े-मेढ़े होने का जिम्मेदार हो सकते हैं।

मुँह या चेहरे की मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। 

बच्चे के कुछ आदतें, जो बच्चों के बार बार दोहराए जाने वाले व्यवहार में लाने से बच्चे के मुँह, चेहरे की मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। यह आदते अंगूठा चूसना, शांत करने वाला चुसनी या निप्पल या बोतल का उपयोग का लम्बे समय तक उपयोग करना, जीभ का दाँतों पर जोर लगाना, मुँह द्वारा सांस लेना आदि आदते दाँत के टेढ़े-मेढ़े होने का जिम्मेदार हो सकते हैं।

आनुवांशिकता के कारण :

अगर बच्चे के माता पिता में से किसी एक या दोनों के दाँत टेढ़े-मेढ़े थे, तो सम्भवतः इसका असर बच्चे पर पड़ता हैं।

बच्चे के दाँत की देखभाल या समय पर जाँच ना कराना :

बच्चे के दाँत की देखभाल करने का मतलब यह नहीं आप सिर्फ खुद से ही देखभाल करे, आपको अपने बच्चे के दाँतों को अच्छे दंत विशेषज्ञ के पास हर साल एक से दो बार जरूर जाँच कराना चाहिए। जिससे आपको दंत चिकित्सक बच्चे के मसूड़ों, मुँह, और भी दाँत के सम्बंधित बीमारी के बारे में पहले ही बता देंगे, जिससे बच्चे को होने वाली दाँत की बीमारी कभी नहीं होगी।

बच्चों में कुपोषण या आवश्यक विटामिन, खनिज की कमी :

बच्चों के आहार में बहुत सारी खनिज, विटामिन, कैल्शियम की मात्रा मौजूद होनी चाहिए। अगर बच्चे को जरूरी पोषण नही मिलती हैं, तो बच्चों के दाँतों पर इसका प्राभाव पड़ता हैं।

बच्चे के चेहरे पर किसी चोट लगना :

बच्चे जब बड़े हो जाते हैं, तो वह बहुत शरारती, और नटखट हो जाते हैं, और कभी कभी बच्चों के खेलने के क्रम में बच्चों को चोट लगना लगा रहता हैं। और कभी कभी मुँह या दाँत पर चोट लगने से दाँत पर प्रभाव पड़ता हैं। जिसके कारण दाँत के टेढ़े-मेढ़े होने का जिम्मेदार हो सकते हैं।


बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े होने के कारण बच्चे को 

होने वाली परेशानी :

बच्चे के टेढ़े-मेढ़े दाँत बच्चे के दैनिक जीवन को भी प्रभावित करते हैं, और कुछ बच्चे बड़े होने के बाद अपने टेढ़े-मेढ़े दाँतों के कारण आत्मग्लानी महसूस कर सकते हैं। ज्यादतर मामलों में बच्चे खाना खाते वक्त चाबाने में परेशानी का सामना महसूस करते हैं।

बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दाँतों की वजह से होने वाली समस्या निम्न हैं।

पीरियडोंटाइटिस : बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दाँत के बीच की सफाई ना होना, जिससे दाँत में सड़न, और मसूड़ों सम्बंधित बीमारी हो सकती हैं। और जब मसूड़ों को लम्बे समय तक अनुपचारित छोड़ दिया जाये, या मसूड़ों की देखभाल नही किया जाये, तो यह मसूड़ों में पीरियडोंटाइटिस जैसी गम्भीर बीमारी हो सकती हैं।

चाबाने में परेशानी: बच्चे के टेढ़े-मेढ़े होने के कारण भोजन को सही से चबाने में परेशानी होती हैं, जो पाचन सम्बंधित समस्या को बढ़ा सकता हैं।

बोलने में परेशानी : बच्चे के टेढ़े-मेढ़े दाँत होने के कारण बच्चों को सही से बोलने में परेशानी होती हैं, कई बार यह बच्चे को अपने बात को व्यक्त करने में समस्या होती हैं, जिसे आम भाषा में तोतलाना कहते हैं।


बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े ना हो और एक लाइन में 

निकले, इसके लिए क्या करे?


बच्चे के दाँत एक लाइन में निकलने के लिए निम्नलिखित टिप्स: 

नियमित रुप से बच्चे के दाँत की जाँच कराये:

बच्चे के दाँत शुरुआती दाँत आने के बाद ही बच्चे को दंत चिकित्सक के पास जाँच कराने के लिए जाना चाहिए।
दंत चिकित्सक ना केवल प्राथमिक दाँत को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे, साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे, कि बच्चे के आने वाले स्थायी या वयस्क दाँत टेढ़े-मेढ़े ना हों।
अगर आपके बच्चे के स्थायी दाँत सीधे नहीं आ रहे होंगे, तो चिकित्सक आपको अपने बच्चे को कब ऑर्थोडॉन्टिस्ट के पास भेजना है, यह बता देंगे।
इसलिए आपको बेबी केयर टिप्स के सभी लेख में अपने बच्चों को बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दी जाती हैं, एक बाल रोग विशेषज्ञ को बच्चे के देखभाल, अच्छी या बुरी आदत को पहचानने और ठीक करने में माहीर होते हैं।

बच्चे के सही और बुरी आदतों को छुड़ाना:

आप अपने बच्चे को दंत चिकित्सक के पास जाँच कराने जाते हैं, तो वहा आपको आपके बच्चे के बुरी आदतों के बारे में बता दिया जायेगा।
अगर आपके दंत चिकित्सक आपके बच्चे के बुरी आदतों के बारे में नहीं बताते तो आपको चिकित्सक को बताना होग, बच्चे के दाँत सीधे आने के सम्बंध में कोई परेशानी हैं, और बच्चे के दाँत स्वस्थ हैं या नहीं?
एक अध्ययन के अनुसार, बच्चे के आमतौर पर अंगुठे चुसने की बुरी आदत बच्चे के दाँत को एक लाइन में आने में बाधा उत्पन्न करता हैं।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (AAPD) के अनुसार, बच्चे को अंगुठे चुसने की आदत बच्चे के टेढ़े-मेढ़े दाँत होने के मुख्य कारण हैं। 
इसलिए अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री बच्चे को अंगुठा चुसने के बजाय चुसनी (पसिफायर) का उपयोग करने की सिफारिश करते हैं।

बच्चे के दाँत की देखभाल करे: 

अपने बच्चे के दाँत की देखभाल खुद भी करे, आपको अपने बच्चे को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व, खनिज, कैल्शियम, और विटामिन युक्त आहार देना चाहिए।
बच्चे के स्थायी दाँत कब आते हैं, इसके लिए नीचे के चार्ट को देखे, और साथ ही दंत चिकित्सक से अवश्य पूछे कब आपके बच्चे के स्थायी दाँत आ रहे हैं।
बच्चे के दाँत टेढ़े-मेढ़े ना हो और एक लाइन में  निकले, इसके लिए क्या करे

कुछ बच्चों के दाँत शुरुआत में टेढे होते हैं, मगर जब दाँत पूरी तरह विकसित हो जाते हैं, तो एक सीधी लाइन में आ जाते हैं। इसके लिए आपको नियमित रुप से दंत चिकित्सक से जाँच कराते रहे।

 ऑर्थोडॉन्टिस्ट के पास कब जाये :

यदि आपके बच्चे के को स्थायी दाँत आने में कोई परेशानी हो, तो दंत चिकित्सक आपको ऑर्थोडॉन्टिस्ट के पास जाने के लिए संदर्भित करता हैं। और जब आपको दंत चिकित्सक ने आपको ऑर्थोडॉन्टिस्ट के लिए संदर्भित किया हैं, तो आपको ऑर्थोडॉन्टिस्ट के पास जरूर जाना चाहिए।


अगर बच्चे के स्थायी दाँत टेढ़े‌-मेढ़े हो, इसको एक लाइन में 

सीधा करने का कौन कौन सा विकल्प हैं?


अगर बच्चे के स्थायी दाँत टेढ़े‌-मेढ़े हो, इसको एक लाइन में सीधा करने का कौन कौन सा विकल्प हैं
बच्चे के दाँत को सीधा करने के कई ऐसे विकल्प हैं, जिन्हे आप दंत चिकित्सक या ऑर्थोडॉन्टिस्ट से बात कर सकते हैं।
आमतौर पर दंत चिकित्सक ब्रेसिज का उपयोग करते हैं। ब्रेसिज हर उम्र के लोगों के लिए अच्छे तरह से उपयोग किया जाने वाला विकल्प हैं। लेकिन ब्रेसिज का उपयोग करने के लिए दाँत और मसूड़े का मजबूत होना आवश्यक हैं, जिससे ब्रेसिज दाँत को अच्छे से पकड़ सके। ब्रेसिज बच्चों के एक अच्छा विकल्प होता हैं। ब्रेसिज का उपयोग आपके द्वारा चुना जायेगा।
दाँत को सीधा करने के लिए आप सर्जरी करने का भी विकल्प अपना सकते हैं। सर्जरी कराने पर वांछित परिणाम प्राप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगता।


ब्रेसिज क्या हैं? और यह किस तरह बच्चे के दाँत को सीधा 

करने में मदद करता हैं?


ब्रेसिज एक प्रकार का क्लिप होता हैं, जो किसी भी तरह के दाँत को सीधा करने के कार्य में उपयोगहोता हैं।
ब्रेसिज क्या हैं? और यह किस तरह बच्चे के दाँत को सीधा  करने में मदद करता हैं?

ब्रेसिज के निम्नलिखित प्रकार हैं।

धातु के ब्रेसिज़ : यह एक धातु के बने ब्रेसलेट होते हैं, जो लचीले तार के होते हैं। यह ब्रेसिज अधिक जटिल दंत संरेखण मुद्दों या ज्यादा टेढ़े होने पर अच्छा विकल्प हो सकता हैं।
कुछ धातु के ब्रेसिज को सिर्फ रात में पहन कर रखा जा सकता हैं।

सिरेमिक ब्रेसिज़ : यह ब्रेसिज दाँत के रंग के होते हैं। ताकि आपके द्वारा इस्तेमाल किया गया ब्रेसिज या क्लिप किसी को पता नहीं होता।
हालांकि, इस ब्रेसेज हल्की, धुंधली और इसका आसानी से टूटने का खतरा बना रहता हैं।  

अदृश्य ब्रेसिज़ : यह ब्रेसिज पूरी तरह से अदृश्य होता हैं। इसको केवल किशोर और वयस्को के लिए बनाया गया हैं।
यह प्लास्टिक संरेखन के होते हैं, जो मुँह में आसानी से फिट करने के लिए बने होते हैं। ये किसी भी मुँह और दाँत में आसानी से फिट हो जाते हैं।

भाषिक ब्रेसिज़ : यह अदृश्य ब्रेसिज की तरह हैं। यह ब्रेसिज सभी के लिए नही हैं। इसका उपयोग करना कठिन होता हैं। और इस ब्रेसिज में अधिक समय लगता हैं।

दंत सर्जरी के द्वारा : दाँतो को सीधा करने के लिए दंत चिकित्सक आपके बच्चे के लिए एक विकल्प दे सकते हैं। इसमें ब्रेसिज पहनने के समय को कम करता हैं।
ऑर्थोडॉन्टिस्ट हड्डियों और मसूड़ों को बदलने और डिज़ाइन की गई एक मामूली शल्य प्रक्रिया के द्वारा आपके बच्चे के दाँतों की सर्जरी करने की सुझाव दे सकते हैं। 
ऑर्थोडॉन्टिस्ट बच्चे के जबड़े को वास्तविक रखने के लिए डिज़ाइन की गई अधिक सम्मिलित प्रक्रिया की सिफारिश करते हैं। 
बच्चे को दाँतों द्वारा बोलने, या चाबाने में परेशानी होती हैं, तो आपको यह सर्जरी की सिफारिश की जा सकती हैं। इस सर्जरी को ऑर्थोगाथिक सर्जरी कहते हैं। यह एक महंगा सर्जरी होती हैं।


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