नवजात शिशु का सिर विकसित होने में कितना समय लगता हैं।
क्या नवजात शिशु को राई के तकीये पर सुलाना सुरक्षित हैं?
नवजात शिशु को पेट के बल लेटाना (Tummy Time) देने से क्या फायदा होता हैं?
नवजात शिशु को कब और कैसे पेट के बल लेटा सकते हैं।
नवजात शिशु को स्तनपान कराते समय सिर का किस तरह ध्यान दे?
क्या नवजात शिशु की सिर का मालिश कर सकते हैं।
नवजात शिशु के सोते समय शिशु के सिर का ध्यान कैसे रखे?
नवजात शिशु के सिर को गोल करने के टिप्स :
निष्कर्ष :
नवजात शिशु के सिर को गोल बनाना या शिशु के सिर के आकार को लेकर हर माता पिता को चिंता होती हैं, और सभी नवजात शिशु का जन्म के बाद सिर का आकार का बदलना या सिर का आकार अजीब या अलग सा होना सामान्य बात हैं।
नवजात शिशु की सिर की हड्डी या खोपड़ी की हड्डी बहुत ही नाजूक, नर्म और लचीली होती हैं। और शिशु की खोपड़ी का नर्म और लचीला होना, डीलीवरी के दौरान शिशु को जन्न मार्ग से बाहर आने में मदद करती हैं। और इस प्रक्रिया को डॉक्टर मोल्डिंग के नाम देते हैं।
नवजात शिशुओं की सिर की हड्डियाँ जुड़ने में समय लगता हैं, इसलिए आपको शिशु के सोने और स्तनपान के समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए, नहीं तो नवजात शिशु के सिर का आकार बिगड़ सकता हैं। और माता पिता की जिम्मेदारी होती हैं, कि शिशु के सिर का खास ख्याल रखे।
आइए विस्तार से जानते हैं, शिशु के सिर के आकार को गोल किया जाए, और नवजात शिशु के सिर के आकार के बिगड़ने के क्या कारण हैं।
नवजात शिशु के सिर का आकार बिगड़ने के क्या कारण हैं?
नवजात शिशु के सिर का आकार बिगड़ने के निम्न कारण हैं।
- जब डिलीवरी हो रही होती हैं, और नवजात शिशु की जन्म हो रही होती हैं, तो संकरी जन्न मार्ग से शिशु का सिर बाहर आने के लिए सिर मोल्ड हो सकता हैं।
- नवजात शिशु के जन्म के बाद नवजात शिशु के लेटने और सोने का स्टाइल भी नवजात शिशु के सिर को बिगाड़ने का कारण होता हैं। जब शिशु एक ही करवट में या पीठ के बल सोता हैं, तो जिस तरफ ज्यादा दवाब होता हैं, उस जगह सिर चिपटा हो जाता हैं।
- यदि आपकी नवजात शिशु प्रीमैच्योर डिलीवरी से हुई हैं, तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरुरत हैं। क्योंकि प्रीमैच्योर बेबी के सिर की हड्डी सही से विकसित नहीं हुई होती हैं, इसलिए शिशु की सिर की हड्डी बनने तक शिशु के लिए आप राई के दानों से बनी तकिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नवजात शिशु के सिर के आकार का बिगड़ना गर्भ में भी हो सकता हैं। नवजात शिशु की गर्भ में विकास होता हैं, और सिर के विकास के लिए जरूरी होता हैं, एम्निओटिक फ्लूइड। और एम्निओटिक फ्लूइड की कमी से नवजात शिशु के सिर का आकार बिगड़ सकता हैं।
- एक और महत्वपूर्ण कारण यह भी हैं, नवजात शिशु के सिर के बिगड़ने का कि जब आप के गर्भ में जुड़वा या तीन बच्चे हो तो शिशु को गर्भ में विकास होने में जगह की कमी हो जाती हैं।
- जरूरी नहीं कि नवजात शिशु के सिर का आकार गर्भ से या डिलीवरी के समय ही बिगड़ती हैं। कई बार ऐसा भी होता हैं, कि नवजात शिशु के सिर का आकार जन्म के बाद गोल हो, मगर कुछ दिन या महींनो के बाद शिशु के सिर का आकार बिगड़ जाता हैं। यह आमतौर पर शिशु के हमेशा पीठ के बल सोने के बाद शिशु के पीछे का सिर का भाग समतल हो जाता हैं।
- यदि नवजात शिशु के सिर के पीछे के भाग चिपटा या समतल हो, तो इसे ब्रेकिसेफेली (Brachycephaly) के नाम से जानते हैं, और यदि शिशु एक साइड होकर सोता हैं, तो इसे प्लेजियोसेफेली (Pleocephaly) के नाम से जानते हैं।
- शिशु के सिर में साइड के समतल हिस्से को डॉक्टरी भाषा में प्लेजियोसेफेली और सिर के पिछले समतल हिस्से को ब्रेकिसेफेली कहते हैं। शिशु के सिर का बिगड़ा हुआ आकार कुछ खास चिंता का विषय नहीं है।
नवजात शिशु का सिर विकसित होने में कितना समय लगता हैं।
नवजात शिशु का जब जन्म होता हैं, तब नवजात शिशु के सिर की हड्डी या खोपड़ी बहुत ही नर्म और नाजूक होती हैं। जो कि डिलीवरी के समय संकरी जन्न मार्ग से शिशु को बाहर आने में नवजात शिशु के सिर को मोल्ड होकर गुजरता हैं। इसलिए नवजात शिशु की खोपड़ी बहुत ही नर्म होती हैं।
नवजात शिशु की खोपड़ी को पूरी तरह विकसित होने में 9 से 18 महीने लगते हैं। और इस दौरान शिशुओं में स्थितीय प्लेगियोसेफली (Positional plagiocephaly) विकसित हो सकता हैं। स्थितीय प्लेगियोसेफली का मतलब सिर के पीछे या किनारे साइड के भाग का समतल होना।
हालांकि, स्थैतिक प्लेगियोसेफली (Static plagiocephaly) से नवजात शिशु के मस्तिष्क के विकास पर कोई नुकसान नहीं पहुँचाता हैं।
कृपया ध्यान दें: यदि आप नवजात शिशु के सोने के तरीकों में बदलाव करे, जैसे कि शिशु को अकेले सोने ना दे, हमेशा शिशु को पीठ के बल ना सुलाये, आप कभी कभी बाये किनारे और दाये किनारे भी करवट कराये। आप इस तरह से नवजात शिशु के सोने में सावधानी रखे तो, शिशु की अचानक मृत्यु (Sudden Infant Death Syndrome) का खतरा कम होता हैं।
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क्या नवजात शिशु को राई के तकीये पर सुलाना सुरक्षित हैं?
नवजात शिशु के जन्म के बाद से ही आपको राई के दाने या सरसों के बीज से बने तकिये का इस्तेमाल करना चाहिए। सरसों या राई के दाने से बना तकिया शुरुआती महीनों में नवजात शिशु के सिर के लिए फायदेमंद रहता हैं।
आप इसे घर पर ही खुद से बना सकते हैं। बस एक सूती के कपड़े में राई के दाने को भर के छोटा सा शिशु के सिर के आकार का तकिया बनाये, जिसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं।
यह तकिया नवजात शिशु के लिए भी बहुत आरामदायक होता हैं, क्योंकि जब नवजात शिशु अपना सिर को घुमाता या मोड़ता हैं, तो राई से बना तकिया शिशु के सिर के वजन के अनुसार सेट हो जाता हैं, जिससे शिशु के एक ही भाग में ज्यादा वजन नहीं पड़ता हैं। और नवजात शिशु का सिर गोल आकार में होता हैं।
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नवजात शिशु को पेट के बल लेटाना (Tummy Time) देने से
क्या फायदा होता हैं?
नवजात शिशु के सिर के विकास के साथ साथ शरीरिक विकास में भी पेट के बल लेटाना या खेलना नवजात शिशु के लिए बहुत लाभदायक होता हैं।
पेट के बल लेटाने से नवजात को निम्नलिखित फायदे होते हैं।
- पेट के बल लेटाने से नवजात शिशु के कंधे, गर्दन, हाथ के मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
- पेट के बल लेटाने से नवजात शिशु अपने सिर को घुमाने के लिए सिखता हैं।
- इससे नवजात शिशु के पीठ को आराम मिलता हैं।
- पेट के बल लेटाने से दूध पीने के बाद शिशु को गैस हो जाता हैं, उसे निकालने के लिए शिशु की यह मदद करता हैं।
- सबसे महत्वपूर्ण पेट के बल लेटाने से नवजात शिशु के सिर को भी आराम मिलता हैं, क्योंकि सारा दिन शिशु सिर के बल लेटा रहता हैं, और शिशु के सिर का पीछे का हिस्सा चपटा हो जाता हैं।
नवजात शिशु को कब और कैसे पेट के बल लेटा सकते हैं।
नवजात शिशु को पेट के बल लेटाने की विधि के लिए बहुत सारे आपको जन्म के बाद से ही बोल सकते हैं, मगर आपको इसके लिए इंतेजार करना हैं, आपका शिशु खुद आपको इसके लिए संकेत देता हैं।
आपका शिशु खुद बार बार पेट के बल पलटने लगता हैं, और खेलने लगता हैं, जो कि एक संकेत होता हैं, कि शिशु अब पेट के बल खेलने को तैयार हैं।
शुरुआती समय यानि जन्म के बाद ही पेट के बल लेटाना खतरनाक हो सकता हैं, क्योंकि नवजात शिशु की शरीर बहुत ही नाजुक होता हैं, और जन्म के एक माह तक शिशु पेट के बल लेटाने के लिए सुरक्षित नहीं होता हैं।
हालांकि इस बारे में आप डॉक्टर से पूरी जानकारी ले, और तब ही पेट के बल लेटाने की शुरुआत करे। आपको कोई भी नयी आदत नवजात शिशु के साथ अपनाने के पहले अवश्य बाल रोग चिकित्सक से संपर्क करने की आवश्यकता हैं।
यदि आप बाल रोग चिकित्सक के पास जायेंगे, तो वो आपके बेबी की जाँच करेगा, और यह बतायेगा, कि आपका बेबी पेट के बल खेलाने के लिए तैयार हैं, या नही। और साथ ही आपको आपके नवजात शिशु को किस तरह पेट के बल खेलाना चाहिए, यह भी सुनिश्चित हो जायेगा।
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नवजात शिशु को स्तनपान कराते समय सिर का किस तरह ध्यान
दे?
नवजात शिशु को स्तनपान कराते समय आपको शिशु को एक ही तरीके से लगातार स्तनपान नहीं कराना चाहिए, आपको दोनो स्तनों का प्रयोग करने के साथ साथ शिशु के सिर को कभी बाये, तो कभी दाये किनारे के भार पर रखे।
क्योंकि, शिशु हमेशा एक ही जैसे लम्बे समय तक स्तनपान करता हैं, तो शिशु को एक भाग के सिर पड़ ज्यादा दबाव पड़ता हैं। इसलिए बार बार शिशु के सिर के भर को बदलते रहे।
स्तनपान कराने के पश्चात आप शिशु को बर्प या पेट के गैस निकालने के लिए आप कंधे पर रखे, यह शिशु के सिर के लिए लाभदायक होता हैं, कि जब आप अपने कंधे पर शिशु का सिर रखते हैं, तो शिशु के सिर को आराम मिलता हैं, और सिर पर एक ही भाग में वजन भी नहीं पड़ता हैं।
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क्या नवजात शिशु की सिर का मालिश कर सकते हैं।
वैसे नवजात शिशु की सिर का मालिश करना खतरनाक हो सकता हैं, क्योंकि नवजत शिशु के सिर हड्डी या खोपड़ी बनने में 18 महीने लगता हैं, यदि आप मालिश के दौरान सिर पर कहीं भी दबाव डाल देंगे तो शिशु को कुछ और समस्या हो सकती हैं।
आप सिर पर तेल लगा सकते हैं, और मालिश भी हल्के हाथ से करे, जिससे नवजात शिशु के सिर को दबाना ना पड़े।
आप हमेशा एक अनुभवी वयक्ति से ही अपने नवजात शिशु की मालिश कराये, नहीं तो, आपके नवजात शिशु के सिर की समस्या होने का खतरा हो सकता हैं।
जरुरत हो, तो आप बाल रोग विशेषज्ञ से ही पहले इस बारे में बात कर ले।
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नवजात शिशु के सोते समय शिशु के सिर का ध्यान कैसे रखे?
नवजात शिशु के सिर को नवजात शिशु के सुलाने के समय ही आप ध्यान रख सकते हैं, क्योंकि एक नवजात शिशु 18 घंटा सोता हैं, इसलिए आप नवजात शिशु के सिर का ख्याल सोते वक्त रख सकते हैं।
आपको नवजात शिशु के सिर को सोते वक्त एक ही भाग में दबाव पड़ने पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
आमतौर पर नवजात शिशु के सिर का आकार पीछे से चिपटा या समतल हो जाता हैं, जो कि नवजात शिशु के 18 घंटे पीठ के बल सोने के कारण होता हैं। इसलिए आप अपने नवजात शिशु को तीनों तरीके से सुलाये, तीनों तरीकों का मतलब कभी बाये किनारे, कभी दाये किनारे, और कभी पीठ के बल सुलाये।
जब नवजात शिशु के सिर के सभी हिस्सों में समान बल पड़ेगा, तो नवजात शिशु का सिर हमेशा गोल रहेगा।
साथ हीं आप इस दौरान सरसों के दाने, या राई के दाने के तकिये का इस्तेमाल भी करे। यह नवजात शिशु के करवट बदलने पर सिर को सहायता प्रदान करता हैं।
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नवजात शिशु के सिर को गोल करने के टिप्स :
नवजात शिशु के सिर को गोल करने के लिए उपर बताये गये तरीकों को अपनाये या बाल रोग चिकित्सक से सलाह ले। इससे आपके नवजात शिशु के सिर को गोल करने के लिए पर्याप्त होता हैं।
और साथ ही आप नीचे दिये गये टिप्स को भी फोलो जरूर करे।
- यदि आपका नवजात शिशु का तुरंत जन्म ही हुआ हैं, तो उसे पीठ के बल ही लेटाये। आप तुरंत जन्मे बेबी को करवटे नहीं दिला सकते हैं। आप सरसों के बीज, या राइ के दाने के तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- जब आपका बेबी आपके साथ हो, और आप भी उसी के साथ लेटे हों, तो आप अपने बेबी को सावधानी पूर्वक, और प्यार से कभी बाये, कभी दाये और कभी पीठ के करवटे बदल सकते हैं। मगर इसके लिए आप अपने बेबी के साथ हो, और यह कुछ ही सेकेण्ड या 1 मिनट के लिए करे।
- आप अपने बेबी को पेट के बल लेटाये और खेले। यदि आपका बेबी बहुत छोटा हैं, तो आप अपने नवजात शिशु को अपने गोद में कंधे के बल शिशु के सिर को रख कर भी टम्मी टाइम दे सकते है।
- आप अपने नवजात शिशु के सिर पर तेल से मालिश कर सकते हैं, लेकिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखना है। आप अपने नवजात शिशु के सिर की मालिश पूरे प्यार से और हल्के हाथ से करे।और आप जब भी सिर की मालिश करे तो यह गोल शेप में करे, ताकि जब शिशु की खोपड़ी का विकास हो, तो यह गोल आकार में हो।
- आप जब भी अपने नवजात शिशु को स्तनपान करा रहे हैं, तो आप नर्सिंग के समय दोनो स्तनों से बारी बारी दूध पिलाये, इससे शिशु के सिर के एक ही किनारे पर लम्बे समय तक दबाव नहीं पड़ेगा।
- जब आपका नवजात शिशु 3 महीने का हो जाये, तो आप उसके लिए U आकार या बीच में खाली जगह वाली तकिये को बाजार से खरीद सकते हैं। ध्यान रहे यह U shape या बीच में खाली जगह वाली तकिया शिशु के लिए आराम अदायक और कोमल हो।
- आपके नवजात शिशु के सिर का आकार सही नहीं हैं, तो आप अपने बाल रोग चिकित्सक से संपर्क करे। आप उनसे पूछ सकते है, कि आपके नवजात शिशु को किसी विटामिन की कमी हो रही हैं क्या?
- आमतौर पड़ नवजात शिशु को स्तनपान के स्तनपान के द्वारा सारी विटामिन और मिनिरल्स मिल जाते हैं, लेकिन कुछ शिशु को हड्डी के मजबूती के लिए अलग से विटामिन डी की जरुरत पड़ती हैं।
निष्कर्ष :
आपने इस लेख में जाना कि नवजात शिशु के सिर के आकार को गोल रखने के लिए कौन कौन से उपाय करना लाभदायक होगा, और आपके नवजात शिशु के सिर को गोल रखने के लिए क्या करना चाहिए, और साथ ही किन किन कारणों से नवजात शिशु के सिर का आकार बिगड़ सकता हैं।
उम्मीद हैं आपको इस लेख के माध्ययम से सारी जानकारी मिल गयी होगी। यदि आपका कोई सुझाव या अनुभव हो, तो नीचे कॉमेंट जरूर करे। और अपना कीमती अनुभव शेयर करे। साथ ही आप इस लेख को अपने मित्र, या संबंधी को जरूर शेयर करे। धन्यवाद!!
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