छह माह के नवजात शिशु का वजन कितना होना चाहिए?
6 महीने के नवजात शिशु की लम्बाई कितनी होनी चाहिए?
6 महीने के नवजात शिशु के विकास के माइल्सटोन क्या हैं?
6 महीने के नवजात शिशु कितनी देर नींद लेता हैं।
6 महीने के नवजात शिशु 24 घंटे में कौन कौन सी गतिविधियाँ करता हैं?
6 महीने के नवजात शिशु को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ?
6 महीने के नवजात शिशु कितना दूध पीता हैं?
6 महीने के नवजात शिशु को कौन से टीके लगाये जाते हैं।
6 महीने के नवजात शिशु की इंद्रियों का विकास
6 महीने के बेबी को क्या खिलाना चाहिए?
यदि आप अपने शिशु को पहली बार ठोस आहार देते हैं, तो किन बातों का ध्यान रखे?
6 महीने के नवजात शिशु की स्वच्छता का ध्यान कैसे रखे?
आप अपने 6 महीने के नवजात शिशु के विकास में कैसे सहयोग कर सकते हैं?
6 महीने के नवजात शिशु को डॉक्टर के पास कब ले जाना आवश्यक होता हैं?
निष्कर्ष
6 Month ka Newborn baby Development in hindi :
आपका नवजात शिशु अब छह महीने का हो गया हैं। छह माह का नवजात शिशु अब आधे साल की उम्र का नवजात शिशु होता हैं। आपका शिशु अब पहले से और भी तेज हो गया हैं, और अब और भी जिज्ञासु हो गया हैं।
छह माह का नवजात शिशु शारीरीक, मानसिक और भावनात्मक रूपों से विकास कर रहा होता हैं, आप अपने शिशु में जन्म के बाद से अब तक बहुत सारे बदलाव देख सकते हैं।
नवजात शिशु के लिए छठा महीना बहुत सारे नये बदलाव भरा होता हैं। आपका छह माह का शिशु ठोस पदार्थ की शुरुआत करने के साथ साथ शिशु की छह माह में दाँत भी दिखने शुरु हो जाते हैं। और शिशु के पहले कदम भी इसी महीने से शुरु हो जाते हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं, छह महीने के नवजात शिशु के विकास और वृद्धि के बारे में, साथ ही बेबी केयर टिप्स की इस लेख में आप जानेंगे, छह महीने के नवजात शिशु की शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक विकास के बारे में, शिशु की नयी भोजन शैली, स्वास्थ्य, स्वच्छता का ध्यान कैसे रखे, और भी अन्य जानकारी के बारे में विस्तार से इस लेख में जानेंगे।
आपके 6 महीने का नवजात शिशु क्या क्या कर सकता हैं।
aapake 6 month ka Newborn baby kya kya kar sakataa hai?
आपका छह माह का नवजात शिशु अब बहुत जल्दी जल्दी बढ़ रहा हैं। आपको यह भी खुशी हो रही होगी, कि आपका शिशु कैसे जन्म के बाद से एक नन्हा सा शिशु से छह महीने का हो गया हैं। छह माह का शिशु जन्म के समय की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा वृद्धि कर चुका हैं।
यदि शिशु की विकास की बात करे तो आपका शिशु चाह माह के बाद निम्न संकेत देता हैं।
- आपका शिशु अब ठोस आहार खाना शुरु कर देता हैं।
- शिशु अब खुद पलटने और बैठने के साथ साथ अपने नन्हे से घुटनों पर चलना भी सीख रहा हैं।
- आपके शिशु की दाँत भी इस उम्र में आने लगती हैं।
- आपका शिशु अब कहानी सुनना, जाने सुनना, और आपके साथ खेलना भी पसंद करता हैं।
छह माह के नवजात शिशु का वजन कितना होना चाहिए?
6 month ke baby ka weight kitna hona chahiye?
आपके नवजात शिशु की वजन की बात करे, तो आपका शिशु जन्म के समय के वजन से दोगुना से भी ज्यादा होता हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 6 महीने के नवजात शिशु की औसतन वजन निम्न प्रकार है।
बेबी गर्ल की औसतन वजन 5.6 कि.ग्रा. से 7.5 कि.ग्रा होती है।
और बेबी बॉय का औसतन वजन 6.2 कि.ग्रा. से 8.2 कि.ग्रा. तक हो सकता है
6 महीने के नवजात शिशु की लम्बाई कितनी होनी चाहिए?
6 month baby growth in hindi :
नवजात शिशु की वजन और लम्बाई दोनो की ही विकास बहुत तेज गति से होती है।
नवजात शिशु की लम्बाई की बात करे, तो वेरी वैल फैमीली के अनुसार, एक नवजात शिशु छह महीने तक हर महीने एक इंच वृद्धि करता है, वहीं छह महीने के बाद शिशु की वृद्धि दर आधी हो जाती हैं, इसका मतलब नवजात शिशु चाह महीने के बाद हर महीने आधे इंच की वृध्दि करता हैं।
छह महीने के नवजात शिशु की लम्बाई निम्न है,
बेबी गर्ल की औसतन लम्बाई 65.7 से.मी. और,
बेबी बॉय की औसतन लम्बाई 67.6 से.मी. होती हैं।
नोट : उपर बताये गये वजन और लम्बाई एक औसतन परिणाम हैं। यदि आपका नवजात शिशु उपर बताये गये संख्या की वजन और लम्बाई का नहीं हैं, तो आपको परेशान या चिंता करने कई आवश्यकता नहीं हैं, आप अपने बाल रोग चिकित्सक से इस बारे में बात करे।
6 महीने के नवजात शिशु के विकास के माइल्सटोन क्या हैं?
6 mahine ke Newborn ka vikash ke Milestone kya hai?
आपको अपने छह महीने के नवजात शिशु की विकास का मील का पत्थर जानने के लिए इस लेख को ध्यान से पढ़े।
आपको तो पता ही होगा, आपका शिशु हर महीने विकास कर रहा हैं, लेकिन आपको अपने नवजात शिशु की अच्छे से विकास हो, इसके लिए आपको अपने नवजात शिशु कि विकास के मील का पत्थर को जाना आवश्यक होता हैं। नवजात शिशु की मील का पत्थर में आपको शिशु की शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक बदलाव के बारे पता चलता हैं।
नवजात शिशु की विकास का मील का पत्थर निम्न प्रकार हैं।
• 6 माह के नवजात शिशु सामाजिक और भावनात्मक विकास
• 6 माह के नवजात शिशु के मस्तिष्क विकास और संचार विकास
• 6 माह के नवजात शिशु के शारीरिक विकास
6 माह के नवजात शिशु सामाजिक और भावनात्मक विकास :
आपके छह महीने के नवजात शिशु की सामाजिक और भावनात्मक विकास निम्न प्रकार हैं।
- आपका नवजात शिशु 6 महीने के होने के बाद बहुत तेज हो जाता हैं, आपका शिशु जिसके पास ज्यादा समय बीताता हैं, जिसके साथ खेलता हैं, और शिशु जिसको पहचानता हैं। उसके पास शिशु खुद को सुरक्षित महसूस करता है। और जो शिशु के लिए अजनबी हैं, या पहली बार शिशु से मिला है, उसके साथ शिशु असुरक्षित महसूस करता हैं।
- 6 महीने का शिशु ज्यादा से ज्यादा गतिविधि करता हैं, आपका शिशु आपके साथ खेलना ज्यादा पसंद करेगा।
- 6 महीने का शिशु आपके मूड और व्यवहार के अनुसार प्रतिक्रिया देता हैं, जैसे कि यदि आप अपने नवजात शिशु के साथ मुस्कुरा कर बात करते हैं, तो आपका शिशु भी मुस्कुरा देगा। यदि आप अपने शिशु को गुस्सा करते हैं, तो आपका शिशु आपसे डरता हैं। कई बार शिशु को डाटने पर शिशु आपको भी डाटता हैं, या उचे आवाज में भप कहता हैं। और सबसे अच्छा तब लगता हैं, कि जब आप दुखी हो, तो आपका शिशु आपको देख खुद भी रोने लगता हैं, और आपका दुख बाटने लगता हैं।
6 माह के नवजात शिशु के मस्तिष्क विकास और संचार विकास
आपका शिशु अब 6 महीने का हो गया हैं, आपके शिशु में मस्तिष्क के विकास में बहुत ज्यादा बदलाव देखे जा सकते हैं।
यहाँ शिशु के मस्तिष्क के विकास के बारे में निम्न बाते बतायी गयी हैं।
- जब आपका शिशु 6 महीने का हो जाता हैं, तो आपको बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती हैं। जैसे कि आपका शिशु फर्स पर पड़ी किसी भी वस्तु को मुँह में डाल लेता हैं, वो चाहे, कचड़ा, खिलौने, या अन्य कोई जहरीली वस्तु भी हो सकती हैं।
- आपका 6 महीने का शिशु अपने आस पास की आवाजों का नकल करना सीख जाता हैं, जैसे कि कुछ शब्द जो आपके द्वारा या किसी गाना की शब्दों को आपका शिशु दोहराता हैं।
- आपका शिशु जब 6 महीने का हो जाता हैं, तो आपका शिशु अपना नाम सुनकर प्रतिक्रिया देता हैं, या शिशु का नाम पुकारने पर आपका शिशु मुड़ कर, या आवाज निकालकर आपको प्रतिक्रिया देता है।
- आपका शिशु 6 महीने के होने पर बहुत तरह के आवाज निकालने लगते हैं। आपका शिशु आसान आसान शब्द को बोलते हैं, जैसे कि दादा, मामा, मम्मा आदि। शिशु बहुत तरह के शब्दों को जानने की कोशिश करता हैं।
- आपका नवजात शिशु किसी भी पास में रखे वस्तु को पकड़ लेता हैं, या उस चीज को जानने की कोशिश करता हैं, कई बार ऐसा करने के कारण आपका शिशु आपका कोई वस्तु को तोड़ भी सकता हैं।
- आपका नवजात शिशु आपकी ध्यान को अपनी अपने और करने का तरीका सीख जाता हैं, आपका शिशु आपका ध्यान अपने ओर करने के लिए रो कर, या तरह तरह के आवाज निकालना सीख जाते हैं।
- आपका शिशु आपके लिए मदद करना सीख जाता हैं। यदि आप अपने नवजात शिशु से कुछ माँगते है, या किसी सामान को लाने को बोलते हैं, तो आपको आपका शिशु उस सामान को आप तक पहुँचाने में आपकी मदद करेगा।
6 माह के नवजात शिशु के शारीरिक विकास :
आपके नवजात शिशु 6 महीने होने के बाद आपके शिशु की मांशपेशियाँ मजबूत हो जाती हैं। 6 माह के बाद शिशु की आँख, हड्डियाँ, दाँत, और पाचन तंत्र भी स्वास्थ्य होने लगती हैं।
यहाँ नवजात शिशु के शारीरिक विकास के बारे में निम्न जानकारी बतायी गयी हैं।
- 6 महीन के बाद नवजात शिशु की आँखों का विकास होने लगता हैं, जिससे शिशु हर तरह की रंगों को समझ सकता हैं। इस उम्र में शिशु की देखने की शक्ति बढ़ जाती हैं। इस उम्र में आपका शिशु रंग के बीच फर्क करना सीख जाता हैं।
- आपका शिशु इस उम्र में किसी वस्तु को देखने के बाद अच्छे लगने पर उस वस्तु तक पहुँचने और उस वस्तु को पकड़ कर जानने की इच्छा हो जाती हैं।
- आपका शिशु इस उम्र में अपने सभी उँगलियों का इस्तेमाल करना सीख जाता हैं।
- आपका नवजात शिशु अब बिना सहारे के बैठने की कोशिश करते हैं। और कई बार बिना सहारे कुछ समय के लिए बैठ भी जाते हैं।
- आपको तो पता ही होगा, 6 महीने के बाद नवजात शिशु की दाँते आने लगती हैं। आप अपने नवजात शिशु की मसूड़ों की जाँच कर सकते हैं। मसूड़ों में आपको शिशु के दाँत के आने के पहचान मिल जायेंगे।
- और साथ ही शिशु इस उम्र में ठोस आहार की शुरुआत करता हैं। लेकिन आपका शिशु किसी भी तरह का ठोस आहार नहीं खा सकता।
- अधिक जानकारी के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करे, और पूछे कि आप अपने नवजात शिशु को किस तरह की ठोस आहार से भोजन को शुरु कर सकते हैं।
6 महीने के नवजात शिशु कितनी देर नींद लेता हैं।
6 months old baby sleeping development in hindi :
आपका नवजात शिशु भले ही 6 माह का हो गया हैं, लेकिन शिशु के अच्छे विकास और सेहत के लिए शिशु की नींद बहुत आवश्यक होता हैं। और यह आपको ध्यान देना हैं, कि आपका शिशु पूरी नींद ले रहा हैं, या नहीं।
आमतौर पर नवजात शिशु 6 महीने के बाद नहुत कम नींद लेता हैं, जैसे कि शिशु जन्म के बाद के महीने में लेता था। शिशु का विकास और वृद्धि शिशु के नींद की शैली में बदलाव लाता हैं। 6 महीने के बाद शिशु 6 से 8 घंटे की नींद लेता हैं।
आपका शिशु शायद इससे ज्यादा भी नींद ले सकता हैं, यह चिंता करने का विषय नहीं हैं। आपके शिशु को दिन के समय भी नींद ले सकता हैं।यह शिशु की थकावट पर निर्भर करता हैं। यदि आपको ऐसा लगे, कि आपका शिशु ज्यादा नींद नही ले रहा है, तो आप सीधा बाल रोग चिकित्सक के पास जाकर अपने शिशु की जाँच कराये।
6 महीने के नवजात शिशु 24 घंटे में कौन कौन सी गतिविधियाँ
करता हैं?
6 month baby Activity in hindi :
आपका शिशु 6 महीने पहले की तुलना में ज्यादा गतिविधियाँ करता हैं। अब आप अपने बेबी को संभाल नहीं पाये ऐसा शरारत और नटखट गतिविधि करेगा। जो कभी कभी आपको नारज और कभी कभी आपका मन को खुश कर देने वाला होता हैं।
आपके नवजात शिशु की एक दिन की रुटीन में शिशु क्या क्या गतिविधि करता हैं।
• 7 बजे सुबह :- आपका शिशु इस समय में उठ जाता हैं, और उठते ही शिशु दूध पीते हैं। यदि आपका शिशु ठोस आहार खाना शुरु कर दिया हैं, तो आप अपने नवजात शिशु को ठोस आहार भी दे सकते हैं। शुरुआत में आप अपने शिशु फल, फलों का जूस, और नर्म ठोस आहार दे। लेकिन आप सुबह सिर्फ स्तनपान ही कराये।
• 9 बजे सुबह :- इस समय आपका शिशु कुछ घंटों के लिए सो सकता हैं। लगभग 45 मिनट से 1:30 घंटे तक।
• 10 बजे सुबह :- इस समय आपका शिशु फिर से जाग जाता हैं, और दुसरी भार दूध पीता हैं।
• 11:30 बजे सुबह :- यदि आप अपने शिशु को समय दे तो खेल सकते हैं, यदि आपका शिशु चाहे तो दूसरी बार नींद ले सकता हैं। इस बार आपका शिशु कुछ समय के लिए ही सोता हैं।
• 12:30 बजे दिन :- इस समय आपका शिशु दुसरी बार भोजन के लिए तैयार हो जाता हैं, इस समय आप अपने शिशु को ठोस आहार दे सकते हैं। लेकिन आपको ज्यादा ठोस आहार नही देनी चाहिए।
• 2 बजे दिन :- इस समय आपका शिशु सो जाता हैं।
• 4 बजे दिन :- इस समय आपका शिशु एक्टिव होता हैं, खेलना पसंद करता है। आप अपने शिशु को दुबारा भोजन के लिए पूछ सकते हैं।
• 6 बजे शाम :- रात्री भोजन, आप सभी मिलकर भोजन कर सकते हैं।
• 7 बजे रात :- यह शिशु के सोने का समय होता हैं। आपको अपने शिशु को लोरी सुनाकर, बेड या पालना में लेटाना चाहिए। आधे घंटे के अंदर ही आपका शिशु सो जाता हैं।
6 महीने के नवजात शिशु की अन्य गतिविधियां :-
आपका शिशु 6 महीने का होने पर बहुत सारे गतिविधियाँ करता हैं, यहाँ शिशु द्वारा किये जाने वाले सभी गतिविधि को बताया गया हैं, जो आपको अपने शिशु के विकास में मदद करता हैं।
- आपका 6 महीने का नवजात शिशु अब इस उम्र में ताली बजाना सीख जाता हैं, यदि शिशु बहुत खुश हो तों वह ताली बजाकर अपनी उत्साह को व्यक्त करता हैं।
- शिशु इस उम्र में परिवार के सभी सदस्यों को पहचान जाते हैं। और उनके साथ खेलना पसंद करते हैं। आपका शिशु आपके साथ खेलना पसंद करता हैं। इस उम्र में आपके शिशु को कपड़े से खेलना अच्छा लगता हैं। जैसे कि आप शिशु के मुँह पर कपड़ा रखे, तो आपका शिशु खुद उसे हटाने की कोशिश करेगा। जैसा कि आपने एक टी.वी. के प्रचार में सुना होगा, पर्दे में रहने दो, पर्दा ना गिराओं, परता जो गिर गया, तो मॉइश्चर उड़ जायेगा।
- आपका शिशु हर तरह के रंगों के बीच अंतर समझने लगता हैं। और रंग बिरंगी खिलौने शिशु को बहुत पसंद आते हैं। आप शिशु को गाना बजने वाला, ढ़ोल बजाने वाला, और भी अन्य खिलौने जिससे शिशु को कुछ सीखने का मौका मिले, आप अपने शिशु को वो खिलौने ला कर दे।
- आप चाहे तो, चित्रों वाली किताब से शिशु को कहानी सुना सकते हैं। शिशु चित्रों द्वारा नयी नयी चीज को सीखता हैं।
- आपके शिशु को गाना सुनाना अच्छा लगता हैं। कई बार शिशु गाने सुनकर नाचना चाहता हैं।
- शिशु को आपसे बाते करना सबसे प्रिय होता हैं, आप अपने शिशु से ज्यादा से ज्यादा बात करे, आपका शिशु आपको हर बार प्रतिक्रिया देता हैं।
6 महीने के नवजात शिशु को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ?
6 mahine ke navajaat shishu ko hone waali health issues?
आपका शिशु कई तरह की गतिविधि करता हैं, फर्श पर पड़े किसी भी तरह की वस्तु या चीज को मुँह में ले लेता हैं, और कई अन्य मौसम बदलाव के कारण शिशु को स्वास्थ्य समस्याएँ हो जाती हैं। नीचे कुछ जरूरी स्वास्थ्य समस्या के बारे में बतलाया गया हैं, जो आपको अपके नवजात शिशु को 6 महीने के दौरान ध्यान देने की जरुरत होती हैं।
नवजात शिशु को मौसमी बदलाव के कारण बुखार की समस्या हो सकती हैं, लेकिन आपको शिशु के बुखार को नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए, क्योंकि आपका शिशु अभी भी बहुत नाजुक होता हैं, यदि शिशु को हल्का भी बुखार हो, तो आपको बाल रोग चिकित्सक के पास जाना चाहिए। इसके लिए आपको हमेशा घर पर डिजिटल थर्मामीटर रखना चाहिए।
नवजात शिशु को 6 महीने के दौरान डायरिया की समस्या हो सकती हैं, डायरिया संक्रमण के कारण होता हैं, यह शिशु के बार बार किसी भी गंदी वस्तु को मुँह में लेने के कारण होता हैं। कई बार शिशु को दस्त, उल्टी, और डायरिया एक ही समय हो जाता हैं।
शिशु को कान में दर्द की भी समस्या देखी जा सकती हैं। आपका शिशु यदि दूध पीते हुए असहज, या रोता हैं,तो आपको इसकी जाँच करनी चाहिए, आपके शिशु को कान में गंदगी जमा होने के कारण कान में दर्द की समस्या देखी जाती हैं।
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6 महीने के नवजात शिशु कितना दूध पीता हैं?
6 month old baby feeding in hindi?
आपका शिशु जैसे जैसे बड़ा हो रहा हैं, उसकी खुराक भी बढ़ती जा रही होती हैं। लेकिन 6 महीने के बाद शिशु ठोस भोजन भी शुरु कर देता हैं, तो शिशु की दूध पीने में कमी देखी जा सकती हैं।
अगर आप अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराती हैं, तो आपके 6 महीने का नवजात शिशु स्तनपान के साथ साथ हल्का ठोस आहार भी लेना शुरु कर देता हैं। 6 महीने के बाद शिशु 700 से 800 मि.ली. स्तनपान पी सकता हैं।
यदि आपने नवजात शिशु को फॉर्मूला दूध पीलाती हैं, तो या भी लगभग 800 मि.ली. तक फॉर्मूला दूध पी सकता हैं।
नोट :- आपका शिशु उपर बताये गये दूध की मात्रा से ज्यादा दूध भी पी सकता हैं, यह शिशु की विकास और गतिविधि और वृद्धि पर निर्भर करता हैं। यदि आपका शिशु दूध पीने में उत्सुकता नहीं दिखाये, तो आपको इस बारे में आप बाल रोग चिकित्सक से संपर्क करे।
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6 महीने के नवजात शिशु को कौन से टीके लगाये जाते हैं।
6 mahine ke navajaat shishu ko kon si Vaccine lagayi jaati hai?
आप अपने नवजात शिशु को मन से टीके नहीं लगा सकते हैं, आपको अपने नवजात के जन्म के समय एक टीकाकरण की सारणी, और शिशु की हर महीने जाँच कराने की रूटिन चेकअप की फाइल दिया गया होगा। आपको उसमें सारी जानकारी मिल जायेगी।
यदि 6 महीनेके नवजात शिशु को टीकाकरण की बात करे, तो शिशु को 6 महीने के बाद ओपीवी 1, और हेप-बी 3 टीका दिया जाता हैं।
कई बार 6 महीने के बाद शिशु की टीकाकरण जन्म से 6 महीने के बीच कोई टीका के छूटजाने, या जो टीका शिशु को लगाया जा चुका हैं, उस आधार पर शिशु के विकास के जाँच के अनुसार टीका बढ़ाया जाता हैं। आपको कोई भी टीका के बारे में अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए।
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6 महीने के नवजात शिशु की इंद्रियों का विकास:
6 mahine ke navajaat shishu ki sense development:
6 महीने के नवजात शिशु के इंद्रियों की विकास को जानना सबसे जरूरी होती हैं, क्योंकि इस उम्र में आपके शिशु में बहुत खास बदलाव आता हैं। जिसमें शिशु की इंद्रियाँ भी जुड़ी होती हैं।
नीचे शिशु की सभी इंद्रियों के विकास के बारे में जानकारी बतायी गयी हैं।
6 महीने का नवजात शिशु अब ज्यादा दूर और साफ देख सकता हैं, इस उम्र में शिशु रंगों के बीच अंतर समझ सकता हैं। और कोई भी घुमती या चलती वस्तु को देख कर समझ सकता हैं, जैसे कि चलती हुई गेंद, या अन्य खिलौने। इस उम्र में शिशु किसी भी वस्तु के रंग को पहचान कर पसंद कर सकता हैं।
6 महीने के बाद आपका नवजात शिशु सभी तरह के आवाज को सुन कर पहचानने लगता हैं, और कोई भी ऐसे शब्द जो रोज लिये जाते हैं, उसे समझ कर सीखने की कोशिश करता हैं। कुछ ऐसे शब्द जो शिशु को बोलने में आसान हो, उसे शिशु सुन कर बोलने की कोशिश करता हैं।
नवजात शिशु 6 महीने के बाद किसी वस्तु की सुगंध, या दुर्गंध को महसूस कर सकता हैं। उसे समझ नही कि कौन सा सुगंध अच्छा हैं, और कौन सा बुरा।
इसके साथ ही 6 महीन का नवजात शिशु किसी भोजन के स्वाद को भी जान जाता हैं, चूँकि आपका शिशु अभी ही ठोस आहार लेना शुरु किया हैं, इसलिए शिशु को अच्छे और खराब भोजन में अंतर नही समझ पाता हैं। इसलिए शिशु हर तरह की वस्तु को मुँह में ले लेता हैं। आपको अपने नवजात शिशु को 10 महीन तक कोई भी नमक युक्त भोजन नहीं देना चाहिए।
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6 महीने के बेबी को क्या खिलाना चाहिए?
6 month ke baby ko kya khilana chahiye? (6 month baby food in hindi. )
आपका 6 महीने का नवजात शिशु अब धीरे धीरे ठोस खाद्य पदार्थ की ओर बढ़ रहा होता हैं, ऐसे नये माता पिता को पता नहीं होता, कि ठोस खाद्य पदार्थ शिशु 6 महीने में शुरु कर तो लेता हैं, लेकिन एक बार में व्यस्क व्यक्तियों की तरह नहीं खाता हैं।
6 महीने में शिशु की पाचन तंत्र तो विकसित हो जाती हैं, लेकिन एक बार में बहुत ज्यादा ठोस पदार्थ के लिए शिशु का शरीर अभी नहीं खा सकता हैं। आपको अपने शिशु को धीरे धीरे ठोस पदार्थ को खिलाना चाहिए।
आप अपने नवजात शिशु को दूध भी पिलाती रहे, और हल्के हल्के ठोस पदार्थ भी खिलाये जो नर्म हो, और जो आपका शिशु हजम कर सके।
यहा कुछ ठोस पदार्थ की मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी हैं, कि आप अपने शिशु को कितनी मात्रा में ठोस आहार खिला सकते हैं।
यदि आप अपने नवजात शिशु को अनाज दे रहे हैं, तो आप इसे पूरे एक दिन में सिर्फ 4 से 8 चम्मच ही खिलाये, आप हर महीने धीरे धीरे बढ़ा सकते हैं, लेकिनअभी जबरदस्ती ना करे।
यदि आप सब्जियों की प्यूरी बनाये हैं, तो यह भी पूरे एक दिन में सिर्फ 4 से 8 चम्मच।
यदि आप अपने शिशु को फलों की प्युरी खिला रहे हैं, तो आप इसे भी पूरे दिन भर में सिर्फ 4 से 8 चम्मच।
यदि आप अपने नवजात शिशु को प्रोटीन वाले भोजन दे रहे हैं, तो आपको यह बहुत कम मात्रा में ही देना है, यानि 1 से 6 चम्मच पूरे एक दिन में।
आप अपने नवजात शिशु को पानी भी पिलाये, यह आधे से एक कम की मात्रा में होनी चाहिए। यानि 125 मि.ली से 250 मि.ली तक।
नोट :- आप अपने नवजात शिशु को पहली बार ठोस खाद्य पदार्थ दे रहे हैं, तो आपको अपने बाल रोग चिकित्सक से इस बारे में जरूर सलाह लेनी चाहिए।
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यदि आप अपने शिशु को पहली बार ठोस आहार देते हैं, तो किन
बातों का ध्यान रखे?
आप अपने नवजात शिशु को पहली बार खाद्य पदार्थ दे रहे है, तो आपको कुछ सावधानी रखनी आवश्यक हैं।
आप जब भी अपने नवजात शिशु को किसी भी खाद्य पदार्थ की खिलाने की सोच रहे हैं, हैं, तो आप एक ही प्रकार का भोजन 2 से चार दिन लगातार दे, इससे आपके शिशु को किसी तरह की परेशानी का पता चल जायेगा। जैसे कि यदि आपने अपने शिशु को फल की प्यूरी देना शुरु किया हैं, तो सिर्फ आप दो चार दिन फल की प्यूरी ही खिलाये।
आप अपने नवजात शिशु के लिए आयरन युक्त भोजन से शुरूआत कर सकते हैं।
आप चाहे तो, शुरुआत में अपने शिशु को ठोस खाद्य पदार्थ स्तनपान के दूध में मिलाकर दे। यदि आप फॉर्मुला दूध देती हैं, तो सामान्य दूध में दे। आपका शिशु अब स्वाद को पहचानता हैं, स्तनपान या जो दूध हमेशा से पीता आ रहा हैं, वही स्वाद मिलने पर आपका शिशु उस भोजन को चाव से खाता हैं।
आप अपने शिशु को शहद कभी नही दे। यह शिशु के लिए खातरनाक होता हैं। क्योंकि शहद में जीवाणु और विषाणु पाये जा सकते हैं।
आप धीरे धीरे सभी तरह की पौष्टिक ठोस आहार लगा सकते हैं। लेकिन एक बार में एक ही।
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6 महीने के नवजात शिशु की स्वच्छता का ध्यान कैसे रखे?
6 mahine ke navajaat shishu ki hygiene ka dhyaan kaise rakhe?
आपका शिशु अब बहुत ज्यादा गतिविधि करता हैं, ऐसे में शिशु की स्वच्छता का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी होता हैं। क्योंकि स्वच्छता शिशु को हमेशा स्वस्थ्य रखता है।
यहाँ निम्न 6 महीने के नवजात शिशु की स्वच्छता के लिए सावधानी के बारे में बताया गया हैं।
- आप अपने नवजात शिशु को मौसम के अनुसार नियमित नहाये, यदि ठंड और बरसात का मौसम हो, तो हल्के गर्म पानी में कपड़े भीगा कर शरीर को पोछ दे।
- आप अपने नवजात शिशु की कपड़ों को हमेशा बदलते रहे।
- आप अपने शिशु की सो कर उठने के बाद आँखों की सफाई कर सकते हैं, इसके लिए आप कोमल या नर्म कपड़ा या वाइप्स से शिशु की आँखों को पोछे।
- नवजात शिशु की नाखून शिशु के लिए ही खतरनाक हैं, इसलिए शिशु की नाखून को नियमित काटते रहे।
- नवजात शिशु की नैपी को चेक करे, और हमेशा चार घंटे में बदल दे।
- नवजात शिशु किसी भी खिलौने को मुँह में ले लेता है, इसलिए सभी खिलौने को गर्म पानी में उबाल दे।
- इस उम्र में शिशु की दाँत आना शुरु हो जाती हैं, इसलिए आपको मसूड़ों का भी खास ध्यान रखना चाहिए। आप एक नर्म कपड़े से शिशु के मसूड़ों की सफाई करे। यदि दाँत आ गये हैं, तो हर बार दूध पिलाने के बाद साफ जरूर कर दे। आप अपने शिशु को धीरे धीरे ब्रश की आदात लगा दे। आमतौर पर शिशु एक साल में ब्रश करना सीख सकता हैं।
आप अपने 6 महीने के नवजात शिशु के विकास में कैसे सहयोग
कर सकते हैं?
aap apane 6 mahine ke navajaat shishu ke vikaash mai kaise suppport kar sakate hai?
6 महीने के नवजात शिशु के विकास में माता पिता के सहयोग की आवश्यकता होती हैं। इसलिए आपके लिए यहाँ कुछ टिप्स जिससे आप अपने नवजात शिशु की विकास में सहयोग कर सकते हैं।
- आप अपने नवजात शिशु के साथ जितना समय बिता सकते हैं बिताये।
- आप अपने नअवजात शिशु को पेट के बल जरूर लेटाये, इसे टम्मी टाइम (Tummy Time) के नाम से भी बाल रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं।
- आप अपने नवजात शिशु के साथ सिर्फ घर पर ही ना खेले कभी कभी बाहर पार्क में घुमने जाये, इससे शिशु नये चीजों और बाहरी चीजों को जानेगा।
- आप अपने नवजात शिशु को कहानी सुना सकते हैं।
- आप जब अपने नअवजात शिशु से बात करेंगे, तो आपका शिशु आपसे बोलने की कोशिश करता हैं।
- आप शुरुआत में अपनी नवजात शिशु को स्क्रीन का आदि ना बनाये, जितना हो सके मोबाइल, युट्युब से दूर रखे।
सम्बंधित : नवजात शिशु को ठोस आहार कब और क्या देना चाहिए ?
6 महीने के नवजात शिशु को डॉक्टर के पास कब ले जाना
आवश्यक होता हैं?
6 mahine ke navajaat shishu ko kab Doctor ke paas le jaanaa chaahiye?
यहाँ नवजात शिशु के लिए कुछ आपातकालीन स्थिति के बारे में बताया गया हैं, ऐसी स्थिति में आपको अपने नवजात शिशु को बाल रोग चिकित्सक के पास तुरंत ले जाना जरूरी होता हैं।
- यदि आपका नवजात शिशु अब तक किसी भी खिलौने या चीजों के प्रति उत्साह नहीं दिखाता हैं, तो आप तुरंत बाल रोग चिकित्सक से संपर्क करे।
- यदि आपका शिशु अभी तक हंसना मुस्कुराना जैसी प्रतिक्रिया नहीं करता हैं, तो आपको अपने नवजात शिशु को बाल रोग चिकित्सक के पास जरूर ले जाना चाहिए।
- यदि आपका शिशु आपके या किसी भी अन्य परिवार के सदस्य के प्रति कोई भी प्रतिक्रिया ना दे, तो आपको अपने नवजात शिशु को तुरंत बाल रोग चिकित्सक से इस बारे में बात करनी चाहिए।
- यदि आपका शिशु अब तक किसी खिलौने या वस्तु को सही से या नहीं पकड़ता हैं, तो यह शिशु की पकड़ने की क्षमता नहीं विकसित हो रही इस बार में संकेत करता हैं। आपको अपने नवजात शिशु बाल रोग चिकित्सक के पास जाँच के लिए ले जाना चाहिए।
- यदि आपका शिशु आपके बैठाने, या किसी सहारे के बाद भी बैठ नहीं पाता तो बाल रोग विशेषज्ञ से इस बारे में बात करे।
- यदि आपका शिशु पूरे दिन रोता रहता हैं, तो आपको बाल रोग चिकित्सक के पास जरूर जाना चाहिए।
- यदि आपका शिशु सो भी नहीं पाता हैं, तो यह शिशु की किसी परेशानी के बारेमें बताता हैं।
- यदि आपका शिशु ठोस आहार खाने के बाद उल्टी कर दे, तो आप बाल रोग चिकित्सक से संपर्क करे।
- यदि आपका शिशु लगातार रोने के साथ कुछ खा पी ना रहा हो, और साथ में सो भी नहीं पाता हैं, तो आपके शिशु को पेट, या किसी अन्य शारीरिक समस्या हो सकती हैं।
- यदि आपके शिशु को डायरिया और दस्त हो, तो भी आपको बाल रोग चिकित्सक के पास जाने में देर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि डायरिया उर दस्त होने पर शिशु की शरीर की पानी खत्म होने लगती हैं, और शिशु कमजोर हो जाता हैं।
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निष्कर्ष :-
आपने इस लेख में जाना कैसे नावजात शिशु के विकास के बारे में जिसमें नवजात शिशु कि शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, और मस्तिष्क विकास के बारे मे, साथ ही इस लेख में आपके सीख नवजात शिशु की इंद्रियों का विकास, शिशु के नीद, शिशु की दूध की मात्रा, शिशु इस उम्र में कौन कौन से ठोस पदार्थ शुरु कर सकता हैं, और ठोस पदार्थ शुरु करने से पहले आपको कौन कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। इसके साथ शिशु की गतिविधि, शिशु की स्वच्छता, और शिशु की स्वास्थ्य के बारी में सावधानियों के बारी में। आपको यह लेख पसंद आया तो आप इस लेख को अपने मित्र, परिवार के साथ शेयर करे, अपने सुझाव और अनुभव हमे नीचे कॉमेंट में लिखे। धन्यवाद!!
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