बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) प्रशिक्षण क्या है? (Baby Ki Potty Training)
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) क्यों देना चाहिए।(Baby Ki Potty Training)
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कब शुरू करनी चाहिए?(Baby Ki Potty Training)
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) से पहले आपको किन चीजों की जरूरत होगी?(Baby Ki Potty Training)
- पॉटी सीट : आपको पॉटी सीट की जरुरत पड़ेगी, जो बच्चों के लिए विशेषकर बनाये जाते हैं। या आप सामान्य टॉयलेट सीट पर छोटे बच्चों के लिए लगाये जाने वाला कभर या सीट लेना होगा।
- पॉटी चेयर : आप चाहें तो पॉटी चेयर का इस्तेमाल कर सकती हैं, इसमें आपके बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग देने में परेशानी नहीं होगी और आराम भी होता हैं।
- हैंड वॉस : आपको बच्चे के शौच होने के बाद हाथ धोने के लिए हैंड वॉस या साबुन या टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- कपड़े : बच्चे के शौच करने के बाद उनके पैंट बदल दे। इससे हाइजिन बना रहता हैं। बच्चे को साफ धुले पैंट ही पहनाये।
क्या बच्चे पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) शुरू करने से पहले कोई संकेत देते हैं? (Baby Ki Potty Training)
- आपका बच्चा रात को पेशाब नहीं करेगा।
- आपका बच्चा रोज दिन के समय एक ही समय पर पेशाब करता हैं।
- आपका बच्चा आराम से कुर्सी या किसी बैठने वाले स्थान पर बैठ जाता हैं, और खड़ा हो जाता हैं।
- आपका बच्चा खुद आपने पैंटको उपर नीचे कर सकता हैं।
- आपका बच्चा जब बठना और चलना शुरु करते हैं।
- आपका बच्चा आसान बातों या निर्देशों को समझता हैं।
- आपका बच्चा आपकी एक्टिंग करने लगेगा।
- आपका बच्चा गंदे या गीला कपड़ा और नैपी पहना पसंद ना करे।
बच्चों को शौच प्रशिक्षण के लिए किस तरह प्रशिक्षित करे? (Baby Ki Potty Training)
- आप पॉटी चेयर को बच्चे के खिलोनों के बीच रखे, पॉटी चेयर बच्चे पसंदीदा होना चाहिए।
- आप बच्चे को रोज पॉटी शीट पर जरूर बैठाये, जिससे शौच करते समय बच्चे को कोई डर ना लगे। लेकिन इसके लिए जबरदस्ती ना करे।
- आपको अपने बच्चे को कुछ चीजे सिखानी होगी, कैसे पॉटी शीट पर बैठने से पहले पैंट उतारना हैं।, पॉटी शीट पर बैठने के बाद कुछ इशारे करे, या बच्चे के साथ खेले।
- आपको अपने बच्चे को बताना होगा, पॉटी गन्दी होती हैं, इसे छुना नहीं हैं।
- आपको अपने बच्चे को पॉटी आने पर कुछ खास वाक्य जैसे मम्मा पॉटी, पॉटी आयी सिखाये।
- आपको अपने बच्चे के लिए भी एक विशेष शब्द या आवाज जैसे सस्स्स्स्स, शूशूशूशू की आवाज या शब्द पर मल या मूत्र त्याग करना हैं सिखाये।
- आपको अपने बच्चे के लिए आसान से आसान शब्द का उपयोग कर अपने बच्चे के लिए सिखाना होगा, जिसे आपका बच्चा अपने मल या मूत्र त्याग करने के समय ही सीखे। जैसे शुशु और पॉटी ।
- आप कुछ इशारे सिखाये, जब पॉटी लगी हो तो कैसे आपको आपका बच्चा बतायेगा। जैसे पॉटी आने पर हाथ पीछे नितंबों पर रखे।
- आपको बार बार एक नियमित अंतराल पर पॉटी शीट पर बैठा कर उपर बताये गये इशारे और शब्द का प्रयोग करे।
- आप चाहे तो यूटूब पर एनिमेशन विडियों के द्वारा भी शौच प्रशिक्षण दे सकते हैं।
- आप चाहे तो किसी बड़े भाई बहन से सीखने का मौका दे। धीरे धीरे आपका बच्चा भी वैसा ही पॉटी करना चाहेगा।
- आप बच्चे के डायपर के मल को बच्चे के पॉटी शीट पर डाले, इससे बच्चे को समझ आयेगा, कि मल त्याग करना कहा जरुरी हैं।
- अगर आपका बच्चा गलत ढ़ंग से पॉटी करे, तो आपको अपने बच्चे की गलतियों को सुधारना है।
- बच्चे के पॉटी करते समय, आपको अपने बच्चे के साथ रहना हैं।
- जब आपका बच्चा बड़ा हो जाये, तो अब आपको खुद से नितंब को पोछना या धोने के बारे में सिखाना हैं। याद रखे धोने या पोछने के क्रम लड़का और लड़कियों में अलग होती हैं। लड़कियों को ज्यादा साफ सफाई का ध्यान रखना होता हैं।
- शौच करने के बाद हाथ को अच्छे से धोने की आदत लगाये।
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने के क्या क्या फायदे हैं? (Baby Ki Potty Training)
बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग (शौच प्रशिक्षण) कराने के लिए याद रखने योग्य बाते (Baby Ki Potty Training):
जब आप अपने बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना प्रारम्भ कर दिये हो, तो हो सकता हैं, आपका बच्चा जल्दी इस प्रशिक्षण को स्वीकार ना करे। वो अब भी अपने डायपर में ही शौच कर दे। आपको सब्र रखने की जरुरत हैं।
- कभी कभी ऐसा हो सकता हैं, शुरुआत में आपका बच्चा सब समझ गया, और 2 से 3 दिन सही से पॉटी कर रहा हो, मगर खेल में व्यस्थ रहने के कारण या बच्चे के द्वारा दिये गये संकेत को आपने ना समझा और बच्चे को जोर से पॉटी आयी हो, तो वो पैंट में ही पॉटी कर देगा।
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बच्चे द्वारा शुरूआत में या कभी कभी पैंट मै पॉटी हो जाने पर आपको अपने बच्चे के साथ गुस्सा नहीं करना हैं, उन्हे प्यार से समझायें, अगली बार नहीं करना, या इससे मम्मा को परेशानी हुई, या मम्मा भी गंदी हो गयी। ऐसे उदाहरण या किसी कहानी द्वारा समझाये।
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आपको अपने बच्चे के प्रत्येक मल त्याग पर कपड़े अवश्य बदलना हैं।
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रात के समय हो सकता हैं, आपका बच्चा कोई भी गतिविधि करने के बजाय पॉटी कर दे, इसके लिए आपको पहले से तैयार रहना होगा। आप रात के समय डायपर का इस्तेमाल करे।
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जब आपका बच्चा रात को भी खुद उठ कर आपको संकेत देता हैं, तब आपको किसी प्रकार की चिंता लेने की आवश्यकता नहीं हैं।
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आप अपने बच्चे को हर आधे से एक घंटे में खुद से पॉटी के बारे में पूछे। हो सके तो हर बार पॉटी शीट पर बैठा कर देखे।
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हमेशा अपने बच्चे की छोटी छोटी अच्छी चिजों की बड़ाई बरे, कुछ गिफ्ट देने से बच्चे का उत्साह बढ़ा रहता हैं, इसी तरह आप बच्चे के इस प्रशिक्षण को सीखने के दौरान हमेशा उत्साह बढाये।
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बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना आसान नहीं होता हैं। हो सकता हैं, कभी कभी आप खुद अपने बच्चे को पॉटी प्रशिक्षण के कारण थक जाये। मगर आपको शांत रहना हैं। हमेशा साकारात्मक रहना हैं। क्योंकि पॉटी ट्रेनिंग बच्चे के विकास का एक हिस्सा हैं, और बच्चे के विकास में देर लग सकती हैं।
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हर बच्चे एक जैसे नहीं होते, इसके लिए अपने बच्चे को किसी भी दूसरे बच्चे से तुलना ना करे, इससे आप अपने मासूम बच्चे के साथ गलत करेंगे।
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बच्चे को शौच प्रशिक्षण में 3 से 6 महीने का समय लगता हैं। किसी किसी बच्चों में ज्यादा भी लग सकता हैं। इसके लिए हताश ना हो कोशिश करते रहे।
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शुरुआत में बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग मे किसी प्रकार के शोर से ध्यान बट जाता हैं। तो हमेशा शांत माहोल चुने।
- आपको अपने बच्चे के साथ इस दौरान कुछ खेल या बाते करते रहना चाहिए।
Conclusion – Baby Ki Potty Training Shuruaat Karane Ke Liye Sampurn Janakari:
उम्मीद हैं, आपको Baby Ki Potty Training या शौच प्रशिक्षण के संबंध में सारी जानकारी इस लेख में मिल गयी होगी। आपको इस लेख में पॉटी ट्रेनिंग से जुड़ी और भी जानकारी, सलाह, और ध्यान रखने वाली बाते बतायी गयी। आपके मन में कुछ सवाल या इस लेख के संबंध कुछ जानकारी शेयर करनी हो, तो जरूर नीचे कॉमेंट करे।
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