किस बीमारी में माँ को अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए?

Kis Beemaaree Mein Maa Ko Apane Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie

Kis Beemaaree Mein Maa Ko Apane Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie
Kis Beemaaree Mein Maa Ko Apane Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie

किस बीमारी में माँ को अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए?

(Kis Beemaaree Mein Maa Ko Apane Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie)

किस बीमारी में माँ को अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए?Kis Beemaaree Mein Maa Ko Apane Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie: नयी माताओं को अक्सर एक प्रश्न हमेशा आता है, कि कौन सी बीमारी में या किस किस बीमारी में अपने नवजात शिशु को स्तनपान नहीं कराना चाहिए। जो नई माताओं के लिए एक चिंता का विषय होती हैं। माँ अपने बच्चे के लिए हमेशा चिंतित रहती हैं। वो कभी अपने बच्चे के साथ कोई भी खतरा या जोखिम नही लेना चाहती।
➤ जब आपका नवजात शिशु बहुत छोटा हो या अभी 6 महीने भी नहीं हुआ हो, तो नवजात शिशु का स्तनपान को रोकना बहुत माँ के लिए बहुत दुर्लभ होता हैं। ऐसे में डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं, कि कीसी भी बिमारी में स्तनपान जारी रखना चाहिए। क्योंकि आपका शिशु अभी बहुत छोटा हैं, और वो अभी भी स्तनदूध ही एक मात्र भोजन करता हैं। 
➤ डॉक्टर रूथ लॉरेंस के अनुसार, माँ को कुछ गंभीर बीमारी के अलावा, और किसी भी बीमारी में स्तनपान नहीं रोकना चाहिए। गंभीर बीमारी जैसे- एच.आई.भी(HIV), एच.टी.एल.वी-1 (HTLV-1) आदि और स्तनपान सिर्फ तभी कराये, जब आपको गंभीर बीमारी ना हों।
➤ कुछ साधारण बीमारी के दौरान आप स्तनपान करा सकते हैं। जैसे गले में खरास, फ्लू, बुखार, ठंड आदि और भी बीमारियों में स्तनपान को नही रोकना चाहिए। लेकिन आपको अपने डॉक्टर या चिकित्सक से सुझाव लेना आवश्यक है, कि वो कौन कौन सी बीमारी हैं, जिस समय आपको स्तनपान नहीं रोकना चाहिए।
आईए जानते हैं, अगर स्तनपान के दौरान माँ बीमार हो तो क्या करना चाहिए।

क्या मैं बीमार होने पर अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हूँ?

Bimari mai Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie: यह प्रश्न हर माँ के लिए एक चिंता का विषय हैं, लेकिन इस बारे मे विशेषज्ञ के अनुसार, माँ अक्सर किसी भी तरह के बीमारी से ग्रस्त होने पर अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराना नहीं चाहती हैं, क्योंकि नयी माताओं के मन में डर बना होता हैं, कि उनके स्तनपान कराने पर उनका शिशु भी बीमार हो सकता हैं। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं, माँ के बीमार होने पर भी आपकी बीमारी आपके शिशु में नही फैलेगा।
  • विशेषज्ञ के अनुसार, माँ अगर सर्दी, जुकाम, फ्लू, बुखार, दस्त, और उल्टी या मास्टिटिस आदि तरह के बीमारी के होने पर आपको स्तनपान को रोकना नही चाहिए। आपका बच्चा स्तनपान के माध्यम से आपके किसी भी तरह के संक्रमण से बीमार नही हो पायेगा। वास्तव में आपका स्तन दूध आपके नवजात शिशु के लिए एंटीबॉडी के तरह होगा।
  • आपका स्तनपान कराना आपके नवजात शिशु के लिए सुरक्षित कवच के तरह काम करता हैं। स्तनपान के द्वारा आपका शिशु सुरक्षात्मक एंटीबॉडी की दैनिक खुराक ले रहा हैं। हालांकि, आपको खांसने, छींकने या अपनी नाक बहने के बाद
  • अपने हाथों को हमेशा धोना और स्वच्छता और सफाई रखने की आवश्यकता हैं।
  • हलांकि आपके बीमार होने के बाद भी स्तनपान कराना आपको पूरी तरह थका देने वाला होगा। आपको अपना ज्यादा देखभाल रखने की आवश्यकता हैं।
  • आप अपने परिवार के सदस्यों को कहें, संभव हो, तो अपके बच्चे की देखभाल करने में मदद करें।
  • आपको अपने स्तन के दूध की चिंता करने की आवश्यकता नही हैं, आपका शरीर दूध की आपूर्ति करता रहेगा। वैसे भी आपको अचानक स्तनपान बंद नही करना चाहिए।
किस बीमारी में बच्चे को स्तनपान नही कराना चाहिए?

(Kis Bimari mai Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie)

Kis Bimari mai Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie:  जैसा कि आप जान गये होंगे, कि कुछ सामान्य बीमारी में स्तनपान जारी रखने की सिफारिश या सुझाव दिया जाता है। मगर कुछ ऐसी गंभीर बीमारी हैं, जिसके दौरान स्तनपान को अस्थायी रूप से रोकना ही एक मात्र उपाय हैं। जब आप गंभीर बीमारी से ग्रसित होंगे तो डॉक्टर कभी भी आपको स्तनपान कराने की अनुमती नही देगा। आमतौर पर महिलाओं को एचआईवी (HIV), सेप्टिसीमिया और एचएलटीवी-1 (HTLV-1) जैसी गंभीर बीमारियां और कैंसर के लिए रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी या आपके स्तन पर घाव, या तपेदिक, खसरा या सेप्टिसीमिया जैसे संक्रमण का होना आदि में अगर आप स्तनपान कराते है तो आपके नवजात शिशु में स्तन दूध के माध्यम से यह रोग प्रसारित हो सकते हैं।
➤ आपको अपने किसी भी प्रकार के गंभीर बीमारी के होने या अपने बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए विशेषज्ञ या चिकित्सक से सम्पर्क करना एक मात्र उचित उपाय हैं। आपको बिना किसी चिकित्सक के सलाह के आपको अपने बच्चे को स्तनपान नही कराना चाहिए।

क्या स्तनपान के दौरान दवाइयाँ लेना सुरक्षित है?

👉ज्यादातर बीमारियो में बिना दवा लिए कुछ समय बाद कम हो जाती है। ऐसे में सम्भव हो तो आपको स्तनपान के दौरान दवा का उपयोग ना करने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन दवा की बहुत ही आवश्यकता हो, तो सुनिश्चित करना चाहिए, कि वह दवा चिकित्सक द्वारा परामर्श किया गया हो। ज्यादातर स्तनपान कराने के दौरान चिकित्सक कम अवधि तक के प्रभाव वाले दवा के परामर्श देते हैं।
👉नयी माँ को यह सुनिश्चित करना चाहिए, कि आपको अपने डॉक्टर के परामर्श या सुझाव के कोई भी दवा नही लेना चाहिए। आपको अपने डॉक्टर से विशिष्ट मार्ग दर्शन के अलावा कोई भी दवा स्तनपान के दौरान हानिकारक हैं।

स्तनपान कराने वाली माँ को अगर बुखार हो तो?

  • विशेषज्ञ के अनुसार, ठंड या बुखार के दौरान स्तनपान कराना सुरक्षित है। आमतौर पर खांसी, सर्दी, बुखार या खरास में सामन्यतः आपके स्तनपान कराने पर बीमारियों को प्रसारित नहीं करेगा। हालांकि, आपके बच्चे को आपके करीब रहने से आपके शिशु को बीमार या संक्रमण का खतरा हैं। इसलिए आपको खांसी, सर्दी, बुखार या खरास के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता हैं।
  • किसी भी सामान्य बीमारी जैसे बुखार आदि का संक्रमण स्तनपान के द्वारा बच्चे में फैलना काफी दुर्लभ हैं। मगर बाहरी सम्पर्क से बीमारी फैलने का खतरा होने की सम्भावना अधिक हैं।
  • लेकिन विशेषज्ञ के अनुसार, स्तनपान एक एंटीबॉडी की तरह कार्य करता हैं, अगर आपका नवजात शिशु स्तनपान का सेवन करता हैं, तो उसे किसी भी तरह का संक्रमण का खतरा नही रहता। ऐसे में स्तनपान नवजात शिशु के लिए वरदान से कम नही होता, जो आपके शिशु के बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं।

क्या डेंगू बुखार में स्तनपान कराना चाहिए?

👉डेंगू बुखार में स्तनपान कराना कितना सुरक्षित है, इस बारे में डॉ. सरोजा बालन कहती हैं, जो कि एक नवजात विज्ञानी और बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इनका कहना हैं, कि डेंगू बुखार में स्तनपान कराना सुरक्षित हैं।
👉एक अध्ययन के अनुसार, डेंगू वायरस का स्तन दूध मे मौजूद होने की सम्भावना हैं, और साथ ही वायरस के संभावित संचरण विधि स्तन दूध में पाया जा सकता हैं। एक शोध का यह भी कहना हैं कि स्तनपान के बाद बच्चा डेंगू वायरस से संक्रमित पाया जा सकता हैं।
👉अगर माँ डेंग़ू से संक्रमित होती हैं, तो स्तन दूध में डेंगू वायरस का संचरण का खतरा नगण्य के बराबर हैं।
👉एक अध्ययन के अनुसार, स्तन के दूध में कोलोस्ट्रम पाया जाता हैं, जो एंटी-डेंगू एंटीबॉडी हो सकते हैं, और यह नवजात शिशु को वायरस से बचाने में मदद करता हैं।
👉डब्ल्यूएचओ (WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, माँ को डेंगु होने पर भी नवजात शिशु को स्तनपान कराना उचित हैं। स्तनपान कराने से नवजात शिशु को संक्रमित वायरस से बचाती हैं। स्तनपान में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व और एंटीबॉडी नवजात शिशु को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाती हैं। और शिशु की रक्षा करती हैं। साथ ही स्तन दूध बच्चे में निर्जलीकरण को रोकने का कार्य करती हैं।
👉अगर आप डेंगू से बीमार होने के बावजूद अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं, तो आपका शरीर भी दूध उत्पादन करने में कमी नही करता हैं। 
👉यदि आप अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराने में असमर्थ हैं, तो आप अपने शिशु के लिए फार्मूला दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। फार्मूला दूध कैसे बनाना हैं, इस बारे में आप डॉक्टर से सलाह ले कर रखे।
स्तनपान कराने वाली माँ के लिए डेंगू के उपाय:
  • अगर आपको डेंगू हैं, और आपको स्तनपान के बारे में सटीक जानकारी चाहिए, तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करनी चाहिए।
  • यदि माँ को डेंगू का तेज बुखार है, और शारीरिक रुप से कमजोरी है, तो ऐसे में आपको स्तनपान नही कराना चाहिए।
  • स्तनपान कराने वाली माँ को अपने डॉक्टर से पहले से यह जानकारी रखनी चाहिए, कि फार्मूला दूध कैसे बनानी चाहिए, और डेंगू के समय फोर्मूला का इसतेमाल करे।
  • माँ को चाहिए, कि अपने डॉक्टर से स्तन के दूध के भंडारण और स्तन के दूध पंपिंग जैसी विकल्पो पर सही जानकारी लें।
  • यदि आपका नवजात शिशु फोर्मूला दूध नही पीता तो आप अन्य माँ के स्तन के दूध  का उपयोग कर सकते हैं। 

क्या टायफाईड होने पर स्तनपान करा सकते हैं?

👉विशेषज्ञ मीनल आचार्या जो कि एक न्यूट्रिशनिस्ट हैं, उनका कहना है, आप टायफायड होने पर अपने नवजात शिशु को स्तनपान करा सकते हैं। स्तन के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं। जो किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने में मदद करता हैं। इसलिए आपको स्तनपान जारी रखने की सलाह दी जाती हैं।

👉रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र और कई स्वास्थ्य पेशेवर संगठन के अनुसार, एक स्तनपान कराने वाली माँ को दिये गये टायफायड के टीके से माँ और शिशु के सुरक्षा को प्रभावित नहीं करते हैं। 

👉डॉक्टर फिलिप एल सांचेज़ जो कि ऑरलैंडो में एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ हैं, वे कहते है, कि टायफायड होना एक स्वच्छता ना रखने के कारण होता हैं। जो कि मल के कारण दूषित हाथ से फैलता हैं। मगर इलाज करने पर कुछ हफ्तों में ठीक भी हो जाता हैं। और स्तनपान कराने में किसी भी तरह का संक्रमण होने का कोई प्रासंगिक कारण नहीं होना चाहिए। स्तनपान के द्वारा बच्चे को एंटीबॉडी मिलती हैं, जो बच्चे को संक्रमण से होने वाली खतरों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

👉विशेषज्ञ मैरा जेसिका मेडेलिन-पेना के अनुसार, टायफायड बुखार एक संक्रमक है। इससे बचाव के लिए आपको अच्छी तरह घर की सफाई रखनी चाहिए। हाथ को अच्छी तरीके से साफ करनी चाहिए।
क्या तपेदिक (टी.बी.) के लक्षण होने पर बच्चे को स्तनपान नही कराना चाहिए? (Kya T.B ke lakshan mai Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie)
T.B Mai Bachche Ko Stanapaan Nahin Karaana Chaahie: विशेषज्ञ डॉक्टर सरोजा बालन जो कि एक नवजात विज्ञानी और बाल रोग विशेषज्ञ हैं। वह कहतीं हैं। अगर आप दो सप्ताह से टीबी की दवा ले रहे हों, तो आपको स्तनपान सुरक्षित है ।
➤ लेकिन विशेषज्ञों के किये एक शोध के अनुसार, एक माँ हाल ही में डायगनोसिस की है, या ये तपेदिक का इलाज नही हो सकता हैं, और यह अभी भी सक्रिय है, तो उन माताओं को अपने नवजात शिशु से दूर ही रहना चाहिए। आपके दूर रहने के वजह  से आपके नवजात शिशु भी इस बीमारी से सुरक्षित रहेगा। यह उन सभी माताओं के लिए हैं जिन्हे तपेदिक की सक्रिय बीमारी हुई हैं। चाहे वह स्तनपान कराती हैं, या फोर्मुला दूध का बोतल से।
➤ अगर आपको अपने बच्चे को दूर करने में कोई परेशानी हो तो आप सभी तरह के सावधानी को अपना कर अपने नवजात शिशु का ख्याल रख सकते हैं। आपको अपने बाल रोज चिकित्सक आपको अपने नवजात शिशु के लिए दवा या कुछ निवारक उपाय बतायेंगे। आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करने की आवश्यकता हैं। आपके बाल रोग विशेषज्ञ आपको सही उपचार और सावधानी के बारे में बता देंगे।

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