छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें

Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka – छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें:- 

छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानेंBachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka: जब पहली बार एक नवजात शिशु जन्म लेता है तो पुरा परिवार बहुत सारी खुशीयों से भर जाता है और नई माता-पिता के लिए यह पल सुकून देने वाला है। जब आपका शिशु इस दुनिया मे आता है तो सबसे ज्यादा खुशी शिशु के माता पिता को होता है।
एक बच्चे के जन्म के बाद बहुत सारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मगर सबसे पहली बड़ी जिम्मेदारी एक नई माता पिता के लिए होती है शिशु को नहलाना।
पहली बार बने माता-पिता के लिए अपने बच्चे को नहलाना आसान नही होता है मगर इस जिम्मदारी को हर माता पिता को जल्द ही उठानी होती है। क्योंकि हर बार आपकी मदद के लिए डॉक्टर या नर्स या कोई भी हमेशा नही करेगा। इसके लिए आपको अपने छोटे से बच्चे को नहलाने की जिम्मेदारी उठानी होगी।
नये माता पिता को अपने बच्चे को नहलाने की ज्यादा जानकारी नही होती है। इसी कारण यह हर नयी माता पिता के लिए एक चिंता का विषय है।
Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka:
जब एक बच्चा जन्म लेता है तो शिशु का शरीर बहुत ही कोमल और नाजुक होता है। जिसके लिए हर माता पिता को शिशु के नहाने से लेकर हर छोटी देखभाल के लिए खास ध्यान रखना होता है। ज्यादातर नवजात शिशु को नहाते समय खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि नवजात शिशु अभी अभी जन्म लिया है और नवजात शिशु को नहलाना किसी चुनौती से कम नहीं।
छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें
नवजात शिशु को पानी से डर लगता है जिसके कारण शिशु ज्यादातर नहाते समय रोना शुरु कर देता है। बच्चे का रोना शुरु करना सीधा संकेत है कि बच्चे को डर लग रहा है। या बच्चे को कोई परेशानी हो सकती है।
बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने के लिए बेबी केयर टिप्स का यह लेख आपकी काफी मदद कर सकता है। 

यहाँ नवजात शिशु को नहलाने के विषय में विस्तार से बताया गया है। साथ ही क्रमशः  बच्चे को क्यो नहलाना चाहिए?, बच्चे को नहलाने का तरीका।, कैसे बच्चे को पहली बार नहलाया जाए?, कैसे नहाते समय अपने बच्चे को सहयोग कर सकते है।, बच्चे के जन्म से 6 महीने तक के बच्चे को कैसे नहलाया जाए?, 3 से 4 साल के बच्चे को कैसे नहलाया जाए।,  नहलाने से पहले क्या तैयारी करना चाहिए।, नहाते समय क्या करना है?, क्या क्या ध्यान रखना है। कौन से टिप्स जरुरी है।, शिशु के नहलाने के बाद क्या करना है? 

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आइए विस्तार से जानते हैं, कि अपने नवजात शिशु को कैसे नहलाया जाए।

आपका नवजात शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है। जो जल्द ही बाहरी प्रदूषकों और बैक्टीरिया के कारण संक्रमित हो सकती है। बैक्टीरिया और प्रदुषण हवा से फैलते है। 

बच्चे को नहलाना क्यों जरूरी होता है (Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka):-

बच्चे को नहलाना जितना जरुरी है उतना ही जरुरी आपको यह जानना भी जरुरी है कि अपने बच्चे को नहलाया इतना महत्वपुर्ण क्यो है। आपको पता ही होगा एक नवजात शिशु की त्वचा कितनी नाजूक और संवेदनशील होता है। नवजात शिशु की त्वचा जितनी कोमल होती है उतनी ही शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
बच्चे के जन्म के बाद की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है, जिससे शिशु की त्वचा पर इकट्ठा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म वाले एंटीबॉडीज भी शिशु की शरीर मे मौजूद नहीं होते हैं। और जिसके लिए शिशु को नहलाना जरुरी है। छोटे बच्चे को नहलाने से बच्चे की त्वचा से बैक्टीरिया व अन्य रोगाणुओं से दूर हो जाते है। और बच्चे की त्वचा साफ होने के साथ-साथ त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते है जो बच्चे की त्वचा से पसीने के द्वारा शरीर के विषैले पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते है।
बच्चे को नहलाने के बाद बच्चा भरपूर नींद लेता है। एक अध्ययन से पता चला कि नहाने के बाद नींद की गुणवत्ता मे काफी बढोत्तरी हो जाती है। चाहे यह बड़ों की हो या फिर किसी नवजात शिशु की नहाने के बाद सभी को अच्छी नींद आती है।
Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka
Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka

मेरे नन्हे से बच्चे का पहला स्नान कब होगा ?:-

  • अगर आपका शिशु तुरंत जन्म लिया है तो यह बच्चे को नहलाने का सही समय नही है जब एक बच्चा जन्म लेता है तब बच्चा गर्भ मे होता है और जन्म लेने के बाद सप्ताह तक स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पुरे शरीर को पोछ देना चाहिए।
  • ज्यादातर अस्पताल आपको पहली बार सारी सुविधा प्रदान करती है जैसे कि अस्पताल मे डॉक्टर या नर्स पहली बार स्तनपान करवाने या बच्चे की त्वचा पर लगे एमनियोटिक द्रव्य, रक्त या अन्य तत्व को पौंछ कर उसे साफ करने में मदद करती हैं। जबतक बच्चे का उसके शरीर का तापमान कम नहीं हो जाता बच्चे को नहीं नहलाया जा सकता।
  • जन्म के तुरंत बाद बच्चे को नहलाने से बच्चे के शरीर का तापमान के कारण बच्चा बीमार पड़ सकता है। अधिकांश डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चे को जन्म के एक दिन बाद ही नहलाया जाए।
  • अगर आप अपने बच्चे को स्वयं नहलाना चाहती हैं, तो आपको घर जाने तक का इंतजार करना चाहिए। क्योंकि घर पर आपको परिवार के सदस्य और अनुभवी बड़े आपको सहयोग कर सकते है। 
  • याद रहे: बच्चे को शुरुवाती 6 महीना ज्यादा ठंडे या गर्म पानी से नही नहलाना चाहिए। बच्चे को हल्के गुनगुने पानी से नहलाए।

क्या गर्भनाल हटने से पहले नवजात शिशु को नहलाना सही है ? :-

बच्चे के नाभी नाल जो कि शिशु के जन्म के समय से होता है। नाभी नाल को गर्भनाल भी कहते है। बच्चे की नाभी को काटा जाता है और घाव को सुखने मे 1 सप्ताह तक का समय लगता लगता है। जब तक बच्चे की नाभी नाल सुख जाए और हट जाए तब आप अपने बच्चे को स्पंज स्नान या गीले कपड़े से ही पोछे। और किसी भी तरह का घाव मे पानी लगने से संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। इसीलिए गर्भनाल हट जाने के बाद ही बच्चे को नहलाना उचित है।

पहले सप्ताह बच्चे को स्वच्छ रखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? :-

Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka: पहले सप्ताह बच्चे की गर्भनाल सूख कर हट जाने तक या गिरने तक आपको अपने बच्चे को स्पंज स्नान कराना चाहिए। 

स्पंज स्नान क्या है?

बच्चे के शरीर को हल्के गर्म पानी से गीले स्पंज या कपड़े से या गीली रुई से सिर से लेकर पांव तक पुरा शरीर पोंछ कर साफ करना चाहिए। और आप जब भी बच्चे को स्पंज स्नान कराने जा रहे है तो आप विशेष कर ध्यान देना चाहिए । बच्चे के शरीर के हर कोने की अवश्य साफ सफाई करे। जैसे कि गर्दन, बाजू और घुटनो तथा जन्नांग के पास।

बच्चे को पहली बार नहलाने के लिए इंतजार क्यों करना चाहिए?

विशेषज्ञ के अनुसार, जन्म के 12-24 घंटे बाद ही किसी भी बच्चे को नहलाया जाए। और बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ डालेगा। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जन्म के तुंरत बाद शिशु को नहीं नहलाना चाहिए। 

बच्चे को नहलाने के लिए कौन सा समय उचित है? :-

नई माता-पिता को अपने नन्हे से बच्चे के लिए बहुत चिंता होती है। और इस वजह से नयी माता पिता के मन मे बहुत से प्रश्न आते रहते है। जैसे कि माता पिता के मन मे हमेशा आता है अपने नन्हे से बच्चे को कौन से समय मे नहलाना सबसे उचित है। वैसे तो एक दिन मे आप कभी भी अपने नन्हे से बच्चे को नहला सकते है।
मगर पुरे दिन का एक ऐसा समय चुनें, जब आप अपने नन्हे से बच्चे को अपना पूरा समय दे सकें। हालांकि, बच्चे को सुबह के समय नहलाना काफी अच्छा है, मगर अपने बच्चे को नहलाने का केवल यही सही समय नहीं है। 
अगर आपके बच्चे की सभी जरुरतें पूरी हो गयी हैं, तो इस बात की संभावना है, कि बच्चा नहाने का भरपूर आनंद लेगा।

शिशु को नहलाने का समय एक निश्चित समय होना जरूरी है।:-

  1. शाम के समय नहलाने से आपके बच्चे को सोने के लिए तैयार करने का अच्छी युक्ती हो सकती है। शाम के समय नहलाने से आपके बच्चे को दिन भर त्वचा के संपर्क में आए बैक्टीरिया को हटाने का अच्छा विकल्प हो सकता है।
  2. सुबह के समय नहलाने से आपके बच्चे को नहलाते समय उसके साथ हँस–खेल सकते हैं।
  3. दोपहर के समय नहलाने से आपके बच्चे के शरीर के तापमान को ठंडा करने के लिए बहुत सहायक होता है।
  4. रात के समय या अंधेरे होने के बाद बच्चे को नहलाना अच्छा नही है इससे बीमारियाँ होने का खतरा रहता है।
  5. बच्चे को नहलाने का एक ऐसे समय का तय करें, जब आप दोनो माता पिता पूरी तरह फ्री हों। यह जरुरी है कि माता पिता पूरा समय बच्चे पर ध्यान केंद्रित करने में समर्थ हों।
  6. आपको मौसम का भी खास ख्याल रखना है। मौसम अगर सर्दियों का है, तो जब तक धूप ना निकले और तापमान सामान्य ना हो, तब तक बच्चे को ना नहलाएं।

 

शिशु को नहलाने का समय एक निश्चित समय होना जरूरी है

याद रखे :-

  • बच्चा अगर भूखा हो या तुरंत दुध पिया हो तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए।
  • बच्चे को अगर बुखार हो या किसी तरह की बीमारी जैसे सर्दी खाँसी है तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए।
  • बच्चे को अगर त्वचा संबंधी समस्या है, तो तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए और  डॉक्टर से परामर्श लेंना चाहिए ।

मुझे कितनी बार अपने बच्चे को नहलाना चाहिए ? :-

नई माता-पिता के मन में भी यह सवाल होता है कि अपने बचचे को कितनी बार और किस समय नहलाया जाए।

आईए जानते है विशेषज्ञों क्या कहते है ?

  • बच्चे को सप्ताह में सिर्फ तीन दिन नहलाना काफी है। बच्चों को रोजाना नहलाने की आवश्यकता नहीं है।
  • और अगर आप अपने बच्चे को रोजाना डायपर के बदलने पर साफ करती हैं और आपको अपने बच्चे का नियमित रूप से डायपर को बदलते है, तो आपको शिशु को रोजाना नहलाने की जरूरत नहीं है।
  • बच्चा जब घुटनों के बल पर चलने लगता है तब बच्चा ज्यादा गंदा होता है। अगर आपका बच्चा जब तक घुटनो के बल ना घसिटने लगे , तब तक बच्चे को सप्ताह में तीन दिन नहलाना उचित है। बच्चा अगर ज्यादा गंदा न हो तो बच्चे को हर रोज नहलाने की जरूरत नही।

 

बच्चे को नहलाने से पहले कुछ जरुरी तैयारी

बच्चे को नहलाने से पहले कुछ जरुरी तैयारी:-

Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka: नयी माता पिता के लिए यह जनना बहुत जरुरी है कि अपने बच्चे को नहाने से पहले कुछ तैयारी करना आवश्यक है क्योंक जब आप अपने बच्चे को नहलाने की शुरुवात करेंगे तो आप बीच मे बच्चे को कही भी छोड़ कर नही जा सकते क्योंकि यह एक खतरनाक हो सकता है। बच्चे अकेले मे कुच भी कर सकता है या आप टब का इस्तेमाल बच्चे को नहाने के लिए कर रहे है तो बच्चा खुद को चोट पहुंचा सकता है।
बच्चे को नहलाने के पहले हर जरुरी समान को पहले से ही बच्चे के नहाने वाले जगह पर रख ले। और सुनिश्चित कर ले कि रुम का पंखा/ए.सी बंद कर ले। ताकि जब आप अपने बच्चे को नहलाने के बाद कपड़े पहनाने के लिए रुम मे ले जाए तो बच्चे को ठंड ना लग जाए। रुम की सभी खिड़की दरवाजे भी बंद हो।

ध्यान रखे :

  1. ध्यान रखे कि बच्चे का साबुन, शैम्पू, पानी और तौलिया या और भी जरुरी समान अपने बच्चे के नहाने से पहले तैयार कर ले। और इसे ज्यादा दुर ना रखे इसे उस जगह पर रखे कि आपका हाथ बच्चे को पकड़े हुए वहाँ तक पहुंचजाए।
  2. जन्नांग और जीभ कान के पीछे, या कोमल जगह जहाँ पानी से साफ ना हो वहाँ की सफाई के लिए कॉटन या वाशक्लॉथ का इस्तेमाल करें।
  3. नहलाने की बाद काम आने का समान जैसे बेबी लोशन, डायपर, सूखे कपड़े और पाउडर को भी पहले ही एक ऐसी जगह एकत्रित कर ले,ताकि आपको बच्चे को नहाने बाद भी बच्चे को अकेले छोड़ने की आवश्यकता ना हो।
  4. बच्चे को नहलाते समय खेल या उत्साह बढाने के लिए कुछ खिलौने रख सकते है।
  5. आपका बच्चा नहाने के बाद दुध पीने की चाह हो सकती है तो दुध को भी बोटल मे तैयार रखे।
  6. बच्चे के लिए पानी का तापमान भी पहले से तैयार रखे पानी ना ज्यादा गर्म हो ना ही ज्यादा ठड। आप अपनी कोहनी को पानी मे डाल कर चेक करे।

 

अपने नन्हे से बच्चे को कैसे नहलाया जाए ? :- 

बच्चे को नहलाने के सुरक्षित तरीके :– एक नन्हे से बच्चे के शरीर और त्वचा नाजुक होते हैं। और जब आप साबुन और शैम्पू लगे हाथों से बच्चे के कोमल त्वचा को पकड़ने पर फिसल जाने का खतरा भी बना रहता है। इस डर के कारण नए माता-पिता अपने बच्चे को नहलाने का काम नर्स या किसी अनुभवी व्यक्ति से करवाते है। अगर आप चाहें, तो अपने छोटे से बच्चे को खुद से भी सुरक्षित तरीके से नहलाया जा सकता हैं। 

बच्चे को नहलाने के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए ? :-

बच्चे को नहलाने के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए
बच्चे को नहलाने से पहले पानी का तापमान जांच अवश्य कर लें। वाटर हीटर (गीजर) का तापमान 120 डिग्री फारेनहाइट पर सेट करें या आप अगर बर्तन मे पानी गर्म कर रहे है तो ध्यान रहे कि बच्चे को नहलाने के लिए गुनगुना पानी का ही इस्तेमाल करें। पानी का तापमान जांचन करे। इसके लिए आप थर्मामीटर या अपनी कोहनी को पानी मे डूबो कर देखे कि पानी गुनगुना और जलाने वाला ना हो। अगर पानी आपकी कोहनी को जलन दे रही होगी तो यह बच्चे के त्वचा को जला सकती है। छोटे से बच्चे की त्वचा बहुत ही नाजूक होती है।  

आइए जानते हैं, बच्चों को नहलाने के कौन-कौन से सुरक्षित तरीके हैं-

1. स्पंज स्नान से नहलाने का तरीका :-
छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानेंजन्म के बाद या पहले कुछ सप्ताह में, आप अपने बच्चे को स्पंज स्नान देना चाहिए। पहले एक सप्ताह में स्पंज स्नान बच्चे के लिए अच्छा माना जाता है। स्पंज स्नान मे आपको एक मुलायम व गीले स्पंज, कपड़े या फिर कॉटन से बच्चे के शरीर को पोछा जाता है। इसमें आपके बच्चे को पोंछने के दौरान बच्चे की गर्भनाल के घाव को पानी से बचाया जाता है। जिससे बच्चे के गर्भनाल मे संक्रमण की सम्भावना कम हो जाती है।

स्पंज स्नान कैसे कराया जाता है :–

जरूरी सामान :– गुनगुना पानी, बिछाने और पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा या सूखा तौलिया, साबुन, डायपर, बच्चे के कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर।

स्पंज स्नान से नहलाने की विधि :- 

  1. पहले किसी समतल जगह पर मुलायम कपड़ा बिछा ले। अब बच्चे को इसपर लेटा दें।
  2. इसके बाद आप बच्चे के कपड़े को धीरे धीरे उतार दें। फिर तौलिए से लपेटे ले। इसके बाद बच्चे के सिर को अपने हाथों पर सहारा दे। 
  3. किसी बर्तन में गुनगुना पानी को पहले से थोड़ी दुरी पर रख लें। अब एक तौलिये को गुनगुना पानी में डुबो कर निचोड़ें। एक बार जाँच ले कि तौलिया ज्यादा गर्म तो नही है। ज्यादा गर्म पानी आपके बच्चे को जला सकता है। तो तौलिये को गुनगुना पानी में डुबो कर निचोड़ेंने के बाद आप अपने बाँह पर पोछ कर चेक करे। 
  4. बच्चे की आंखों से पोंछना शुरुवात करने के बाद आपको बच्चे के कान, गर्दन, कोहनियां, घुटने और हाथ पैरों की उंगलियों के बीच के हिस्से को अच्छी तरह से हल्के हाथो से पोछना है। और  बच्चे के गर्दन के नीचे व कान के पीछे की सिलवटों को साफ करनी चाहिए। अपने बच्चे के जननांगों, नाक, कान और आंखों को ध्यान से और सावधानी से साफ करें। क्योंकि अभी आपके शरीर बहुत ही नाजूक है।
  5. बच्चे के शरीर को पूरा पोछने के बाद अंत में बच्चे के सिर को पोछे करें। बच्चे के सिर पर आप शैंपू का इस्तेमाल नही करना चाहिए, बच्चे के सिर को पानी से साफ कर सकती हैं। मगर  ध्यान रहे कि बच्चे की आंख में पानी न जाए। 
  6. अब बच्चे के डायपर को हटाते हुए आपको बच्चे के हिस्से को अच्छी तरह से साफ करें।
  7. आप चाहे तो  अपने बच्चे को नहलाने के बाद आप स्तनपान करवा सकती हैं। 
  8. नहाने के बाद बच्चे को जो आराम मिला है, उसके बाद आपका बच्चा आराम करना चाहेगा।

 

स्पंज स्नान मे ध्यान में रख वाली बाते:-

  • बच्चे को स्पंज स्नान देने से पहले कमरे के तापमान की जांच करना आवश्यक है। स्पंज स्नान के दौरान कमरे का तापमान ना ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा हो और एक बर्तन में गुनगुना गर्म पानी और सारी जरुरी समाने पहले से इकट्ठा कर ले।
  • बच्चे के नीचे एक सूखा तौलिया बिछाने के लिए साफ और मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करे। और एक मुलायम सुखा कपड़ा पास मे रखे ताकि जल्द ही शिशु को स्पंज स्नान करवाने के बाद पोछ कर लपेट सके। 
  • बच्चे की आँख को ध्यान से पोंछे। धीरे धीरे और हल्के हाथ से शुरू करें।
  • आपको बच्चे के कानों के अंदर गहराई से सफाई बाद मे बच्चे के सो जाने के बाद करें। क्योंकि बच्चे के कानों को नुकसान पहुँच सकती हैं। और आप ध्यान से बच्चे के कानो के पीछे साफ करें।
  • अपने बच्चे की त्वचा की सुरक्षा के लिए हमेशा एक वाइप्स का उपयोग करें।
  • बच्चे को हल्के हाथों से शरीर को गीले कपड़े से पोछना चाहिए ।
  • बच्चे को पोछते समय ज्यादा तेज रगड़ने से त्वचा में जलन हो सकती है।
  • बच्चे को नहलाते समय कभी भी एक पल के लिए भी अकेला न छोड़ें ।

 

2. बच्चे को नहलाने का पांरपरिक तरीका :-

बच्चे को नहलाने का पांरपरिक तरीका
कई सालों पहले छोटे बच्चे को नहलाने के लिए महिलाओं द्वारा अलग तरीके से छोटे बच्चे को नहलाया जाता था। भारत में कई जगहों में आज भी पारम्परिक तरीके से अपने छोटे बच्चे को नहलाया जाता  है। आज भी बहुत से घरों मे बुजुर्ग महिलाएं इसी तरीके से बच्चे को नहलाती है। शायद यह बच्चे के लिए आरामदायक है। नहलाने से पहले छोटे से बच्चे की अच्छी तरह मालिश की जाती है। इस तरीके से आप बच्चे को आश्वस्त करते है कि वह सुरक्षित है। क्योंकि इस पारम्परिक तरीके में आपको बाथरूम के फर्श पर खुद बैठना होगा।  इसमें महिलाए अपने पैरो के  पंजों से बच्चे के सिर को सहारा देती है। बच्चे के लिए यह तरीका काफी आरामदायक और सुरक्षित होता है। उसके पैर सामने की ओर होंगे। इसीलिए बच्चे के गिरने की संभावनाएं कम हो जाती है। लेकिन इस तरीके से बच्चे को नहलाने वाली महिला के कपड़े भी गीले हो जाऐंगे।

जरूरी सामान :–एक बाल्टी और एक मग के साथगुनगुना पानी, पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा या सूखा तौलिया, साबुन, शैम्पू, डायपर, बच्चे के कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर। और सभी कुछ जो बच्चे के नहलाने के समान 

पांरपरिक तरीका से नहलाने की विधि :-

  1. सबसे पहले आपको नीचे बैठना चाहिए और अपने पैरों को आगे की और सामने फैला लें।अब अपने बच्चे को धीरे-धीरे कपड़े निकाले और उसे पैरों पर लेटा लें।
  2. आपको बाल्टी से मग में पानी लेकर धीरे धीरे अपने बच्चे पर डालेंगे। अगर बच्चा एक साल के अंदर या सिर्फ छहः महीने का है तो आप पानी मग से नही बल्कि स्पंज स्नान की तरह गीले कपड़े से पोछ देंगे।
  3. बच्चे के शरीर पर शैम्पू या आप अपने हाथ पर साबुन का झाग ही बच्चे के शरीर पर लगायेंगे। साबुन सीधे बच्चे के कोमल शरीर पर लगाने से बच्चे के शरीर पर रैश पड़ने का खतरा होता है।  
  4. बच्चे के हाथों और पैरों और सभी अंगुलियों को अच्छी तरह साफ करेंगे।
  5. अब साफ पानी डाल कर शिशु के शरीर को अच्छे से साफ कर देंगे। 
  6. साबुन के पानी साफ हो जाने पर बच्चे को सूखे तौलिया में लपेट लें।
  7. बच्चे को पोछने के बाद पाउडर और लोशन लगाएं।और साफ कपड़े और डायपर पहना दे।

 

3. बाथ सीट या बाथर की मदद से नहलाना:-

छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें
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यह तरीका आपके लिए शायद नया हो सकता है परंतु यह एक सुरक्षित तरीका है। इसमे आपको बाथ सीट या बाथर की मदद से अपने बच्चे को अच्छी पकड़ बना सकते है। शुरुवात मे आपको नेट वाले बाथर या बाथ सीट का उपयोग करना चाहिए। इसकी मदद से जब बच्चा बहुत छोटा होता है और बच्चा बैठ नही पता है। यह नेट बच्चे को थोड़ा उठाकर रखते में मदद करता है। इससे आपका बच्चा नहाने के पानी में बैठ जाएगा। यह सुरक्षित है क्योंकि इससे पानी पर बच्चे के ऊपर से होते हुए धीरे से बाथ सीट या बाथर के नीचे बहकर बाहर निकल जाएगा।

बाथ टब में अपने बच्चे को कैसे नहलाया जाता है।:-

जन्म के कुछ सप्ताह में बाद, आप अपने बच्चे को बाथ टब में नहला सकते है। पहले एक सप्ताह अपके बच्चे के लिए स्पंज स्नान अच्छा माना जाता है।  
बाथ टब में अपने बच्चे को कैसे नहलाया जाता है

 

जरूरी सामान :–एक बाथ टब और के साथ गुनगुना पानी, पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा या सूखा तौलिया, साबुन, शैम्पू, डायपर, बच्चे के कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर। और सभी कुछ जो बच्चे के नहलाने के समान 

बाथ टबसे नहलाने की विधि :-

  1. अपने बच्चे को टब में नहलाने से पहले सभी तरह की आवश्यक चीजों को बाथ टब के पास ही रखें चाहिए। जहाँ आपका एक हाथ हमेशा बच्चे को सम्भाले हुए आसानी से दुसरा हाथ उस चीजो तक पहुंच सके।
  2. अब टब में गुनगुना पानी ही डाले। अपने बच्चे को 32 डिग्री तापमान के पानी में 30 सेकंड तक रखने से उसकी त्वचा के जलने का खतरा होता है। इसलिए अपने नन्हे से बच्चे को नहलाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करना ठीक है।
  3. इसके बाद अपने बच्चे के कपड़ों को उतारकर, सबसे पहले अपने बच्चे के पैरों को पानी में डालें और फिर अपने बच्चे के बाज़ू को पकड़े रखे फिर अपने बच्चे को धीरे-धीरे टब के पानी में बैठाएं। 
  4. अब आपको एक हाथ से अपने बच्चे के सिर को सहारा देते हुए टब में लेटा भी सकते है या आपको बच्चे को नहाने वाला नेट का इस्तेमाल करना चाहिए। 
  5. ध्यान रहे कि बच्चे का सिर और चेहरा पानी से बाहर होना चाहिए।
  6. अब बहुत कम साबुन या बेबी शम्पू का इस्तेमाल करते हुए, हल्के हाथ से बच्चे के शरीर पर मलें। 
  7. अब बच्चे के शरीर से साबुन को हटाने के लिए मग से पानी डालें या हैंड–शॉवर का उपयोग कर सकते है।
  8. नहलाने के बाद अपने बच्चे के शरीर से धीरे-धीरे पानी को पोंछते हुए, टब से बाहर निकाले और फिर शरीर को टोपी लगे तौलिए में लपेट ले।
  9. तौलिए से बच्चे की त्वचा को अच्छी तरह से पोंछ लेंने के बाद बेबी लोशन लगा सकते है या पॉडर लगाये और फिर साफ कपड़े पहना दे।

 

अपने बच्चे को बाथ टब में नहलाते समय इन बातों का ख्याल रखें:-

छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें
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अपने बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह ध्यान देना ज़रूरी है :-
  • हमेशा अपने बच्चे के चारों ओर एक हाथ लगा के रखे जिससे बच्चे के फिसलने पर आप उसे सहारा दे सके।
  • बच्चे की पानी का तापमान की जाँच दो बार करें, 32 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के पानी में बच्चे को रखने से उसे गंभीर जलन या घाव हो सकता है। इसके लिए आप पानी को आप अपने कोहिनी को डाल कर अवश्य जाँचे।
  • ज्यादा साबुन का उपयोग न करें।  इससे आपकी बच्चे की त्वचा सूख सकती है रुखी भी हो सकती है।
  • अपने नन्हे से बच्चे को 5 मिनट से अधिक समय तक ना नहलाये, बहुत ज़्यादा नहलाने से बच्चे  वे थक सकते हैं।
  • बच्चे को नहलाते समय अपने बच्चे को एक पल के लिए भी अकेला ना छोड़े या बच्चे पर से ध्यान न हटाएं।

 

बच्चे को नहलाते समय चेहरे को कब और कैसे धोना चाहिए?:-

बच्चे को नहलाते समय सबसे पहले उसके चेहरे को धोना चाहिये। अगर आप चाहे तो नहाने से ठीक पहले भी आप अपने बच्चे के चेहरे को धो सकते है। आप एक गर्म पानी में एक स्पंज या रूई या कोई भी साफ सूती कपड़ा डुबोएं और धीरे से बच्चे के चेहरे को पोंछ लें।
बच्चे को नहलाते समय चेहरे को कब और कैसे धोना चाहिए
Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka:
ध्यान रहे कि पानी शिशु की त्वचा के लिए बहुत गर्म नहीं हो, ज्यादा गर्म पानी आपके बच्चे के कोमल सी त्वचा को चोट पहुंच सकती है या जल सकती है। और फिर धीरे से बच्चे की आँखों को पोंछे। साथ  ही बच्चे के कानों के पीछे और कानों के बाहरी हिस्से को पोंछें। बच्चे के  कान के मैल को साफ़ करने के लिए अपनी उंगलियों या रूई का इस्तेमाल न करें। क्योंकि यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। ईयरड्रम में बाधा या क्षति पहुंच सकती है। आँखों में या नाक के अंदर या पास किसी भी सूखे मैल को साफ करने से पहले,  इसे नर्म करे फिर इसे गीली रूई से भिगा दें। तब इसे साफ करे।

बच्चे को नहलाते समय इन बातों को ध्यान में रखें :-

बच्चे को नहलाने के जरूरी टिप्स – Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka
  • अपने बच्चे को नहालाते समय भूल कर भी एक पल के लिए भी अकेला ना छोड़ें। 
  • अपने बच्चे को टब में कभी नही लेटाना चाहिए। एक हाथ से उसके सिर को सहारा देना आवश्यक है। आप बच्चे को नहाने वाला नेट जो पीठ की ओर झुकाते हुए नहाने के काम आता है।
  • नहलाते समय ध्यान रहे आपके बच्चे के कान को हाथो की अंगुलियो से बंद कर दे। और बच्चे की आंखों पर भी साबुन नही जाना चाहिए।
  • अगर आपका नन्हा सा बच्चे का अभी जन्म हुआ है तो एक सप्ताह तक बच्चे को स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पोछ देना चाहिए। बीमार होने पर भी बच्चे को स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पोछ देना चाहिए।
  • बच्चे के भूखे होने पर भी बच्चे को नही नहलाना चाहिए। बच्चे को तुरंत दुध पीला कर भी बच्चे को नही नहलाना चाहिए।
  • अगर बच्चे को बुखार हो तो अपने बच्चे को कभी नही नहलाए।
  • अगर बच्चे को किसी भी तरह की त्वचा संक्रमण हो, तो आपको तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह के बाद ही नहलाना चाहिए।
  • बच्चे को कभी रात के समय नही नहलाना चाहिए। इससे आपका बच्चा बीमार हो सकता है। 
  • बच्चे को नहलाने से पहले के नहाने का पानी का तापमान दो बार जांचे। और आप खुद अपनी कोहनी को डाल के पानी का तापमान को जाँचे।
  • बच्चे को नहाने वक्त त्वचा पर ज्यादा साबुन का इस्तेमाल ना करे। यह बच्चे की  त्वचा में रूखापन और रैशेज ला सकता है।
  • बच्चे के नहाने वाला टब ना बड़ा हो और ना ही ज्यादा छोटा।
  • बच्चे के लिए नहाने वाला साबुन या साबुन बेबी केयर वाला हो जो बच्चे की आंखो मे जलन ना करे। हो सके तो आप बच्चे का साबुन या शम्पू किसी अनुभवी या डॉक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल करे।
  • अपने बच्चे को टब में नहलाने से पहले ही जाँच ले, कि टब कहीं से टूटा-फूटा या नुकीला तो नही। टब में एक बार में ज्यादा पानी न डाले। आपको टब में दो या तीन इंच तक ही पानी डालना चाहिए। 
  • ध्यान दे कि आपने टब को समतल सतह पर रखा हो,  जिससे नहलाते समय किसी प्रकार की दुर्घटना का डर न रहे।
  • टॅब मे नहलाते समय ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। टब मे कभी भी बच्चे को अकेला न छोड़े। यह बच्चे के लिए खतरनाक है। एक शोध में पाया गया कि बच्चों को अकेले टब में छोड़ने पर डूबने की आशंका सबसे ज्यादा हो जाती है ।
  • बच्चे को फिसलन भरी सतह पर नही नहलाना चाहिए। इस तरह के सतह पर आपके और आपके बच्चे के गिरने या चोट लगने की संभावना अधिक होती है। अगर आप के पास कोई मैट हो तो बिछा ले, फिसलन से बचने के लिए नहाने के स्थान पर मैट बिछाना उचित है।
  • बच्चे को सीधे नल के नीचे नही नहलाना चाहिए। हमेशा हाथ से या मग का इस्तेमाल करे। अगर आप अपने बच्चे को सीधे पानी डालेंगे तो बच्चे की नाक या मुंह में सांस के साथ पानी जाने का खतरा बढ जाता है। 
  • अगर बच्चे को नहलाते समय अगर घर पर कोई आ जाए और बहुत घंटी बजाए। या मोबाइल बजने पर बच्चे को अपने साथ ही तौलिये या किसी मुलायम कपड़े में लेपटकर लेकर साथ ले जाएं। बच्चे को कभी बाथरूम में अकेला न छोड़ें ।

 

बच्चे को नहलाना के बाद क्या करें :–

नहलाना के बाद अपने बच्चे को सुखाने और ड्रेसिंग के लिए टिप्स
नहलाना के बाद अपने बच्चे को सुखाने और ड्रेसिंग के लिए टिप्स (Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka):
  • बच्चे को नहलाने के बाद आपको अपने बच्चे को तौलिए से अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा देना चाहिए। बच्चे को पोंछने के लिए मुलायम तौलिये का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • बच्चे जो पोछते समय ध्यान रहे कि त्वचा पर तौलिये को रगड़े नहीं, और साथ ही हल्के हाथों से बच्चे की त्वचा को सुखाने का प्रयास करना चाहिए।
  •  और बाद मे अच्छे से बच्चे को बिस्तर पर लेटाने के बाद सिर के बालों को भी सूखा लेंना चाहिए। बच्चे को ऐसी जगह लेटाएं, जिससे वह गिर न सके।
  • आपको कभी भी किसी भी प्रकार के ड्रायर का प्रयोग नही करना चाहिए।
  •  बच्चे के जननांगों के आसपास ध्यान से देखें कि वहाँ किसी तरह की कोई एलर्जी तो नहीं है। अगर है भी तो बिना बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह के किसी तरह का एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल क्रीम का प्रयोग नही करना चाहिए।
  • बच्चे के बाजू के बगल मे,  या कान के पीछे और कमर के नीचे के हिस्से को अच्छी तरह से सूखा लें। इन सभी जगहों की हमेशा देखभाल करे, क्योंकि इस जगहो पर मैल के सबसे ज्यादा एकत्रित होता है।
  • अपने बच्चे की मुट्ठी को आराम से खोलकर किसी सूती साफ कपड़े से पोछे करें।
  • अगर आपके बच्चे डायपर रैशेज हो तो उस रशैस की जगह पर डॉक्टर से सलाह या बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा दी गयी रैशस क्रीम या पॉउडर का इस्तेमाल करे।
  • इसके बाद आप बच्चे की त्वचा पर बेबी क्रीम या लोशन और ऑयल या पॉउडर भी लगा सकती है। 
  • अगर बच्चे की नाभि से गर्भनाल अभी तक नही सुखकर हट हुई हो, तो ऐसे में नहाने के बाद किसी रूई की मदद से बच्चे की नाभि को सूखाएं। 
  • ध्यान रखें कि बेबी पाउडर को बच्चे के चेहरे पर नही लगनी चाहिए। इससे बच्चे की नाक या मुंह में सांस के साथ पाउडर जाने का खतरा बढ जाता है।
  • बच्चे के शरीर पर पाउडर लगाने के बाद बच्चे को शिशु को आरामदायक कपड़े और डायपर पहनाएं।

 

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संदर्भ :-

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