Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka – छोटे बच्चे को सुरक्षित तरीके से नहलाने का सही तरीका जानें:-
यहाँ नवजात शिशु को नहलाने के विषय में विस्तार से बताया गया है। साथ ही क्रमशः बच्चे को क्यो नहलाना चाहिए?, बच्चे को नहलाने का तरीका।, कैसे बच्चे को पहली बार नहलाया जाए?, कैसे नहाते समय अपने बच्चे को सहयोग कर सकते है।, बच्चे के जन्म से 6 महीने तक के बच्चे को कैसे नहलाया जाए?, 3 से 4 साल के बच्चे को कैसे नहलाया जाए।, नहलाने से पहले क्या तैयारी करना चाहिए।, नहाते समय क्या करना है?, क्या क्या ध्यान रखना है। कौन से टिप्स जरुरी है।, शिशु के नहलाने के बाद क्या करना है?
आइए विस्तार से जानते हैं, कि अपने नवजात शिशु को कैसे नहलाया जाए।
बच्चे को नहलाना क्यों जरूरी होता है (Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka):-
मेरे नन्हे से बच्चे का पहला स्नान कब होगा ?:-
- अगर आपका शिशु तुरंत जन्म लिया है तो यह बच्चे को नहलाने का सही समय नही है जब एक बच्चा जन्म लेता है तब बच्चा गर्भ मे होता है और जन्म लेने के बाद सप्ताह तक स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पुरे शरीर को पोछ देना चाहिए।
- ज्यादातर अस्पताल आपको पहली बार सारी सुविधा प्रदान करती है जैसे कि अस्पताल मे डॉक्टर या नर्स पहली बार स्तनपान करवाने या बच्चे की त्वचा पर लगे एमनियोटिक द्रव्य, रक्त या अन्य तत्व को पौंछ कर उसे साफ करने में मदद करती हैं। जबतक बच्चे का उसके शरीर का तापमान कम नहीं हो जाता बच्चे को नहीं नहलाया जा सकता।
- जन्म के तुरंत बाद बच्चे को नहलाने से बच्चे के शरीर का तापमान के कारण बच्चा बीमार पड़ सकता है। अधिकांश डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चे को जन्म के एक दिन बाद ही नहलाया जाए।
- अगर आप अपने बच्चे को स्वयं नहलाना चाहती हैं, तो आपको घर जाने तक का इंतजार करना चाहिए। क्योंकि घर पर आपको परिवार के सदस्य और अनुभवी बड़े आपको सहयोग कर सकते है।
- याद रहे: बच्चे को शुरुवाती 6 महीना ज्यादा ठंडे या गर्म पानी से नही नहलाना चाहिए। बच्चे को हल्के गुनगुने पानी से नहलाए।
क्या गर्भनाल हटने से पहले नवजात शिशु को नहलाना सही है ? :-
पहले सप्ताह बच्चे को स्वच्छ रखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? :-
Bachche Ko Nahaane Ka Sahee Tareeka: पहले सप्ताह बच्चे की गर्भनाल सूख कर हट जाने तक या गिरने तक आपको अपने बच्चे को स्पंज स्नान कराना चाहिए।
स्पंज स्नान क्या है?
बच्चे को पहली बार नहलाने के लिए इंतजार क्यों करना चाहिए?
बच्चे को नहलाने के लिए कौन सा समय उचित है? :-
शिशु को नहलाने का समय एक निश्चित समय होना जरूरी है।:-
- शाम के समय नहलाने से आपके बच्चे को सोने के लिए तैयार करने का अच्छी युक्ती हो सकती है। शाम के समय नहलाने से आपके बच्चे को दिन भर त्वचा के संपर्क में आए बैक्टीरिया को हटाने का अच्छा विकल्प हो सकता है।
- सुबह के समय नहलाने से आपके बच्चे को नहलाते समय उसके साथ हँस–खेल सकते हैं।
- दोपहर के समय नहलाने से आपके बच्चे के शरीर के तापमान को ठंडा करने के लिए बहुत सहायक होता है।
- रात के समय या अंधेरे होने के बाद बच्चे को नहलाना अच्छा नही है इससे बीमारियाँ होने का खतरा रहता है।
- बच्चे को नहलाने का एक ऐसे समय का तय करें, जब आप दोनो माता पिता पूरी तरह फ्री हों। यह जरुरी है कि माता पिता पूरा समय बच्चे पर ध्यान केंद्रित करने में समर्थ हों।
- आपको मौसम का भी खास ख्याल रखना है। मौसम अगर सर्दियों का है, तो जब तक धूप ना निकले और तापमान सामान्य ना हो, तब तक बच्चे को ना नहलाएं।
याद रखे :-
- बच्चा अगर भूखा हो या तुरंत दुध पिया हो तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए।
- बच्चे को अगर बुखार हो या किसी तरह की बीमारी जैसे सर्दी खाँसी है तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए।
- बच्चे को अगर त्वचा संबंधी समस्या है, तो तो बच्चे को नहलाना नही चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेंना चाहिए ।
मुझे कितनी बार अपने बच्चे को नहलाना चाहिए ? :-
आईए जानते है विशेषज्ञों क्या कहते है ?
- बच्चे को सप्ताह में सिर्फ तीन दिन नहलाना काफी है। बच्चों को रोजाना नहलाने की आवश्यकता नहीं है।
- और अगर आप अपने बच्चे को रोजाना डायपर के बदलने पर साफ करती हैं और आपको अपने बच्चे का नियमित रूप से डायपर को बदलते है, तो आपको शिशु को रोजाना नहलाने की जरूरत नहीं है।
- बच्चा जब घुटनों के बल पर चलने लगता है तब बच्चा ज्यादा गंदा होता है। अगर आपका बच्चा जब तक घुटनो के बल ना घसिटने लगे , तब तक बच्चे को सप्ताह में तीन दिन नहलाना उचित है। बच्चा अगर ज्यादा गंदा न हो तो बच्चे को हर रोज नहलाने की जरूरत नही।
बच्चे को नहलाने से पहले कुछ जरुरी तैयारी:-
ध्यान रखे :
- ध्यान रखे कि बच्चे का साबुन, शैम्पू, पानी और तौलिया या और भी जरुरी समान अपने बच्चे के नहाने से पहले तैयार कर ले। और इसे ज्यादा दुर ना रखे इसे उस जगह पर रखे कि आपका हाथ बच्चे को पकड़े हुए वहाँ तक पहुंचजाए।
- जन्नांग और जीभ कान के पीछे, या कोमल जगह जहाँ पानी से साफ ना हो वहाँ की सफाई के लिए कॉटन या वाशक्लॉथ का इस्तेमाल करें।
- नहलाने की बाद काम आने का समान जैसे बेबी लोशन, डायपर, सूखे कपड़े और पाउडर को भी पहले ही एक ऐसी जगह एकत्रित कर ले,ताकि आपको बच्चे को नहाने बाद भी बच्चे को अकेले छोड़ने की आवश्यकता ना हो।
- बच्चे को नहलाते समय खेल या उत्साह बढाने के लिए कुछ खिलौने रख सकते है।
- आपका बच्चा नहाने के बाद दुध पीने की चाह हो सकती है तो दुध को भी बोटल मे तैयार रखे।
- बच्चे के लिए पानी का तापमान भी पहले से तैयार रखे पानी ना ज्यादा गर्म हो ना ही ज्यादा ठड। आप अपनी कोहनी को पानी मे डाल कर चेक करे।
अपने नन्हे से बच्चे को कैसे नहलाया जाए ? :-
बच्चे को नहलाने के लिए पानी कितना गर्म होना चाहिए ? :-
आइए जानते हैं, बच्चों को नहलाने के कौन-कौन से सुरक्षित तरीके हैं-
स्पंज स्नान कैसे कराया जाता है :–
स्पंज स्नान से नहलाने की विधि :-
- पहले किसी समतल जगह पर मुलायम कपड़ा बिछा ले। अब बच्चे को इसपर लेटा दें।
- इसके बाद आप बच्चे के कपड़े को धीरे धीरे उतार दें। फिर तौलिए से लपेटे ले। इसके बाद बच्चे के सिर को अपने हाथों पर सहारा दे।
- किसी बर्तन में गुनगुना पानी को पहले से थोड़ी दुरी पर रख लें। अब एक तौलिये को गुनगुना पानी में डुबो कर निचोड़ें। एक बार जाँच ले कि तौलिया ज्यादा गर्म तो नही है। ज्यादा गर्म पानी आपके बच्चे को जला सकता है। तो तौलिये को गुनगुना पानी में डुबो कर निचोड़ेंने के बाद आप अपने बाँह पर पोछ कर चेक करे।
- बच्चे की आंखों से पोंछना शुरुवात करने के बाद आपको बच्चे के कान, गर्दन, कोहनियां, घुटने और हाथ पैरों की उंगलियों के बीच के हिस्से को अच्छी तरह से हल्के हाथो से पोछना है। और बच्चे के गर्दन के नीचे व कान के पीछे की सिलवटों को साफ करनी चाहिए। अपने बच्चे के जननांगों, नाक, कान और आंखों को ध्यान से और सावधानी से साफ करें। क्योंकि अभी आपके शरीर बहुत ही नाजूक है।
- बच्चे के शरीर को पूरा पोछने के बाद अंत में बच्चे के सिर को पोछे करें। बच्चे के सिर पर आप शैंपू का इस्तेमाल नही करना चाहिए, बच्चे के सिर को पानी से साफ कर सकती हैं। मगर ध्यान रहे कि बच्चे की आंख में पानी न जाए।
- अब बच्चे के डायपर को हटाते हुए आपको बच्चे के हिस्से को अच्छी तरह से साफ करें।
- आप चाहे तो अपने बच्चे को नहलाने के बाद आप स्तनपान करवा सकती हैं।
- नहाने के बाद बच्चे को जो आराम मिला है, उसके बाद आपका बच्चा आराम करना चाहेगा।
स्पंज स्नान मे ध्यान में रख वाली बाते:-
- बच्चे को स्पंज स्नान देने से पहले कमरे के तापमान की जांच करना आवश्यक है। स्पंज स्नान के दौरान कमरे का तापमान ना ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा हो और एक बर्तन में गुनगुना गर्म पानी और सारी जरुरी समाने पहले से इकट्ठा कर ले।
- बच्चे के नीचे एक सूखा तौलिया बिछाने के लिए साफ और मुलायम कपड़े का इस्तेमाल करे। और एक मुलायम सुखा कपड़ा पास मे रखे ताकि जल्द ही शिशु को स्पंज स्नान करवाने के बाद पोछ कर लपेट सके।
- बच्चे की आँख को ध्यान से पोंछे। धीरे धीरे और हल्के हाथ से शुरू करें।
- आपको बच्चे के कानों के अंदर गहराई से सफाई बाद मे बच्चे के सो जाने के बाद करें। क्योंकि बच्चे के कानों को नुकसान पहुँच सकती हैं। और आप ध्यान से बच्चे के कानो के पीछे साफ करें।
- अपने बच्चे की त्वचा की सुरक्षा के लिए हमेशा एक वाइप्स का उपयोग करें।
- बच्चे को हल्के हाथों से शरीर को गीले कपड़े से पोछना चाहिए ।
- बच्चे को पोछते समय ज्यादा तेज रगड़ने से त्वचा में जलन हो सकती है।
- बच्चे को नहलाते समय कभी भी एक पल के लिए भी अकेला न छोड़ें ।
2. बच्चे को नहलाने का पांरपरिक तरीका :-
जरूरी सामान :–एक बाल्टी और एक मग के साथगुनगुना पानी, पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा या सूखा तौलिया, साबुन, शैम्पू, डायपर, बच्चे के कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर। और सभी कुछ जो बच्चे के नहलाने के समान
पांरपरिक तरीका से नहलाने की विधि :-
- सबसे पहले आपको नीचे बैठना चाहिए और अपने पैरों को आगे की और सामने फैला लें।अब अपने बच्चे को धीरे-धीरे कपड़े निकाले और उसे पैरों पर लेटा लें।
- आपको बाल्टी से मग में पानी लेकर धीरे धीरे अपने बच्चे पर डालेंगे। अगर बच्चा एक साल के अंदर या सिर्फ छहः महीने का है तो आप पानी मग से नही बल्कि स्पंज स्नान की तरह गीले कपड़े से पोछ देंगे।
- बच्चे के शरीर पर शैम्पू या आप अपने हाथ पर साबुन का झाग ही बच्चे के शरीर पर लगायेंगे। साबुन सीधे बच्चे के कोमल शरीर पर लगाने से बच्चे के शरीर पर रैश पड़ने का खतरा होता है।
- बच्चे के हाथों और पैरों और सभी अंगुलियों को अच्छी तरह साफ करेंगे।
- अब साफ पानी डाल कर शिशु के शरीर को अच्छे से साफ कर देंगे।
- साबुन के पानी साफ हो जाने पर बच्चे को सूखे तौलिया में लपेट लें।
- बच्चे को पोछने के बाद पाउडर और लोशन लगाएं।और साफ कपड़े और डायपर पहना दे।
3. बाथ सीट या बाथर की मदद से नहलाना:-
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बाथ टब में अपने बच्चे को कैसे नहलाया जाता है।:-
जरूरी सामान :–एक बाथ टब और के साथ गुनगुना पानी, पोंछने के लिए एक मुलायम कपड़ा या सूखा तौलिया, साबुन, शैम्पू, डायपर, बच्चे के कपड़े, बेबी लोशन और पाउडर। और सभी कुछ जो बच्चे के नहलाने के समान
बाथ टबसे नहलाने की विधि :-
- अपने बच्चे को टब में नहलाने से पहले सभी तरह की आवश्यक चीजों को बाथ टब के पास ही रखें चाहिए। जहाँ आपका एक हाथ हमेशा बच्चे को सम्भाले हुए आसानी से दुसरा हाथ उस चीजो तक पहुंच सके।
- अब टब में गुनगुना पानी ही डाले। अपने बच्चे को 32 डिग्री तापमान के पानी में 30 सेकंड तक रखने से उसकी त्वचा के जलने का खतरा होता है। इसलिए अपने नन्हे से बच्चे को नहलाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करना ठीक है।
- इसके बाद अपने बच्चे के कपड़ों को उतारकर, सबसे पहले अपने बच्चे के पैरों को पानी में डालें और फिर अपने बच्चे के बाज़ू को पकड़े रखे फिर अपने बच्चे को धीरे-धीरे टब के पानी में बैठाएं।
- अब आपको एक हाथ से अपने बच्चे के सिर को सहारा देते हुए टब में लेटा भी सकते है या आपको बच्चे को नहाने वाला नेट का इस्तेमाल करना चाहिए।
- ध्यान रहे कि बच्चे का सिर और चेहरा पानी से बाहर होना चाहिए।
- अब बहुत कम साबुन या बेबी शम्पू का इस्तेमाल करते हुए, हल्के हाथ से बच्चे के शरीर पर मलें।
- अब बच्चे के शरीर से साबुन को हटाने के लिए मग से पानी डालें या हैंड–शॉवर का उपयोग कर सकते है।
- नहलाने के बाद अपने बच्चे के शरीर से धीरे-धीरे पानी को पोंछते हुए, टब से बाहर निकाले और फिर शरीर को टोपी लगे तौलिए में लपेट ले।
- तौलिए से बच्चे की त्वचा को अच्छी तरह से पोंछ लेंने के बाद बेबी लोशन लगा सकते है या पॉडर लगाये और फिर साफ कपड़े पहना दे।
अपने बच्चे को बाथ टब में नहलाते समय इन बातों का ख्याल रखें:-
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- हमेशा अपने बच्चे के चारों ओर एक हाथ लगा के रखे जिससे बच्चे के फिसलने पर आप उसे सहारा दे सके।
- बच्चे की पानी का तापमान की जाँच दो बार करें, 32 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के पानी में बच्चे को रखने से उसे गंभीर जलन या घाव हो सकता है। इसके लिए आप पानी को आप अपने कोहिनी को डाल कर अवश्य जाँचे।
- ज्यादा साबुन का उपयोग न करें। इससे आपकी बच्चे की त्वचा सूख सकती है रुखी भी हो सकती है।
- अपने नन्हे से बच्चे को 5 मिनट से अधिक समय तक ना नहलाये, बहुत ज़्यादा नहलाने से बच्चे वे थक सकते हैं।
- बच्चे को नहलाते समय अपने बच्चे को एक पल के लिए भी अकेला ना छोड़े या बच्चे पर से ध्यान न हटाएं।
बच्चे को नहलाते समय चेहरे को कब और कैसे धोना चाहिए?:-
बच्चे को नहलाते समय इन बातों को ध्यान में रखें :-
- अपने बच्चे को नहालाते समय भूल कर भी एक पल के लिए भी अकेला ना छोड़ें।
- अपने बच्चे को टब में कभी नही लेटाना चाहिए। एक हाथ से उसके सिर को सहारा देना आवश्यक है। आप बच्चे को नहाने वाला नेट जो पीठ की ओर झुकाते हुए नहाने के काम आता है।
- नहलाते समय ध्यान रहे आपके बच्चे के कान को हाथो की अंगुलियो से बंद कर दे। और बच्चे की आंखों पर भी साबुन नही जाना चाहिए।
- अगर आपका नन्हा सा बच्चे का अभी जन्म हुआ है तो एक सप्ताह तक बच्चे को स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पोछ देना चाहिए। बीमार होने पर भी बच्चे को स्पंज स्नान या गीले कपड़े से पोछ देना चाहिए।
- बच्चे के भूखे होने पर भी बच्चे को नही नहलाना चाहिए। बच्चे को तुरंत दुध पीला कर भी बच्चे को नही नहलाना चाहिए।
- अगर बच्चे को बुखार हो तो अपने बच्चे को कभी नही नहलाए।
- अगर बच्चे को किसी भी तरह की त्वचा संक्रमण हो, तो आपको तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह के बाद ही नहलाना चाहिए।
- बच्चे को कभी रात के समय नही नहलाना चाहिए। इससे आपका बच्चा बीमार हो सकता है।
- बच्चे को नहलाने से पहले के नहाने का पानी का तापमान दो बार जांचे। और आप खुद अपनी कोहनी को डाल के पानी का तापमान को जाँचे।
- बच्चे को नहाने वक्त त्वचा पर ज्यादा साबुन का इस्तेमाल ना करे। यह बच्चे की त्वचा में रूखापन और रैशेज ला सकता है।
- बच्चे के नहाने वाला टब ना बड़ा हो और ना ही ज्यादा छोटा।
- बच्चे के लिए नहाने वाला साबुन या साबुन बेबी केयर वाला हो जो बच्चे की आंखो मे जलन ना करे। हो सके तो आप बच्चे का साबुन या शम्पू किसी अनुभवी या डॉक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल करे।
- अपने बच्चे को टब में नहलाने से पहले ही जाँच ले, कि टब कहीं से टूटा-फूटा या नुकीला तो नही। टब में एक बार में ज्यादा पानी न डाले। आपको टब में दो या तीन इंच तक ही पानी डालना चाहिए।
- ध्यान दे कि आपने टब को समतल सतह पर रखा हो, जिससे नहलाते समय किसी प्रकार की दुर्घटना का डर न रहे।
- टॅब मे नहलाते समय ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। टब मे कभी भी बच्चे को अकेला न छोड़े। यह बच्चे के लिए खतरनाक है। एक शोध में पाया गया कि बच्चों को अकेले टब में छोड़ने पर डूबने की आशंका सबसे ज्यादा हो जाती है ।
- बच्चे को फिसलन भरी सतह पर नही नहलाना चाहिए। इस तरह के सतह पर आपके और आपके बच्चे के गिरने या चोट लगने की संभावना अधिक होती है। अगर आप के पास कोई मैट हो तो बिछा ले, फिसलन से बचने के लिए नहाने के स्थान पर मैट बिछाना उचित है।
- बच्चे को सीधे नल के नीचे नही नहलाना चाहिए। हमेशा हाथ से या मग का इस्तेमाल करे। अगर आप अपने बच्चे को सीधे पानी डालेंगे तो बच्चे की नाक या मुंह में सांस के साथ पानी जाने का खतरा बढ जाता है।
- अगर बच्चे को नहलाते समय अगर घर पर कोई आ जाए और बहुत घंटी बजाए। या मोबाइल बजने पर बच्चे को अपने साथ ही तौलिये या किसी मुलायम कपड़े में लेपटकर लेकर साथ ले जाएं। बच्चे को कभी बाथरूम में अकेला न छोड़ें ।
बच्चे को नहलाना के बाद क्या करें :–
- बच्चे को नहलाने के बाद आपको अपने बच्चे को तौलिए से अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा देना चाहिए। बच्चे को पोंछने के लिए मुलायम तौलिये का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
- बच्चे जो पोछते समय ध्यान रहे कि त्वचा पर तौलिये को रगड़े नहीं, और साथ ही हल्के हाथों से बच्चे की त्वचा को सुखाने का प्रयास करना चाहिए।
- और बाद मे अच्छे से बच्चे को बिस्तर पर लेटाने के बाद सिर के बालों को भी सूखा लेंना चाहिए। बच्चे को ऐसी जगह लेटाएं, जिससे वह गिर न सके।
- आपको कभी भी किसी भी प्रकार के ड्रायर का प्रयोग नही करना चाहिए।
- बच्चे के जननांगों के आसपास ध्यान से देखें कि वहाँ किसी तरह की कोई एलर्जी तो नहीं है। अगर है भी तो बिना बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह के किसी तरह का एंटीफंगल या एंटीबैक्टीरियल क्रीम का प्रयोग नही करना चाहिए।
- बच्चे के बाजू के बगल मे, या कान के पीछे और कमर के नीचे के हिस्से को अच्छी तरह से सूखा लें। इन सभी जगहों की हमेशा देखभाल करे, क्योंकि इस जगहो पर मैल के सबसे ज्यादा एकत्रित होता है।
- अपने बच्चे की मुट्ठी को आराम से खोलकर किसी सूती साफ कपड़े से पोछे करें।
- अगर आपके बच्चे डायपर रैशेज हो तो उस रशैस की जगह पर डॉक्टर से सलाह या बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा दी गयी रैशस क्रीम या पॉउडर का इस्तेमाल करे।
- इसके बाद आप बच्चे की त्वचा पर बेबी क्रीम या लोशन और ऑयल या पॉउडर भी लगा सकती है।
- अगर बच्चे की नाभि से गर्भनाल अभी तक नही सुखकर हट हुई हो, तो ऐसे में नहाने के बाद किसी रूई की मदद से बच्चे की नाभि को सूखाएं।
- ध्यान रखें कि बेबी पाउडर को बच्चे के चेहरे पर नही लगनी चाहिए। इससे बच्चे की नाक या मुंह में सांस के साथ पाउडर जाने का खतरा बढ जाता है।
- बच्चे के शरीर पर पाउडर लगाने के बाद बच्चे को शिशु को आरामदायक कपड़े और डायपर पहनाएं।
संदर्भ :-
- Bathroom Water Safety by KidsHealth
- Newborn Baby Ko Kaise Nahlaye by momjunction
- First bathing time of newborn infants after birth by National Center for Biotechnology Information
- Hygiene for the newborn–to bath or to wash? by National Center for Biotechnology Information
- Bathing the Baby without Soap by National Center for Biotechnology Information