स्तनपान के दौरान दूध के 3 चरण कौन से है और इसमें कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं?

Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai aur kaun se nutrients paaye jaate hain
Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage-kaun se hai aur kaun se nutrients paaye jaate hain
Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai aur kaun se nutrients paaye jaate hain

Table of Contents

स्तनपान के दौरान दूध के 3 चरण कौन से है और इसमें कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं?

(Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai)

स्तनपान के दौरान दूध के 3 चरण कौन से है और इसमें कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैंBreastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai: स्तनपान एक प्राकृतिक रूप हैं, जो महिलाओ के माँ बनने के बाद प्राकृतिक रूप से स्तन में दूध का उत्पादित होने लगता हैं। स्तनपान कराना एक नवजात शिशु के लिये जरुरी भी होता हैं। यह दूध नवजात शिशु को जन्म के बाद बुनियादी पोषण प्रदान करता हैं। 
 
स्तन का दूध माँ द्वारा प्राकृतिक रूप से अपने बच्चो के लिए भोजन का एक तरल स्त्रोत हैं। स्तन का दूध एक नवजात शिशु के लिए सम्पूर्ण पोषण प्रादान करने का एक मात्र तरीका होता हैं। हालांकि, कुछ माँ अपने बच्चे को स्तनपान नही कराती या फ़ॉर्मुला दूध का उपयोग करती हैं। स्तनपान ना सिर्फ सम्पुर्ण पोषण प्रदान करता हैं, साथ ही कई तरह के बीमारियों और संक्रमण से नवजात शिशु को सुरक्षित रखता हैं।

सम्बंधित : किस बीमारी में माँ को अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए?
 
आइए जानते हैं, स्तनपान के 3 चरण कौन कौन से है, (Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai) स्तनपान में कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं। और भी स्तनपान से जुड़े सारे प्रश्न के उत्तर इस लेख में आपको मिल जायेंगे। 
 

स्तन के दूध की संरचना और इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्व कौन से हैं?

स्तन के दूध की संरचना बहुत ही जटिल होती हैं, स्तन के दूध में 200 से भी ज्यादा विभिन्न प्रकार के पदार्थ शामिल होते हैं। जैसे कि प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रट, विटामिन, खनिज, एंजाइम और हार्मोन और अन्य सभी खनिज पदार्थ आदि। 
 
स्तन का दूध बच्चे में होने वाली बदलाव और सभी जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होता हैं। स्तन का दूध बच्चे के जरुरतों को पूरा करने के लिए समय के साथ बदल जाता हैं। जैसे कि अगर बच्चे को किसी तरह की संक्रमण होती हैं, तो स्तन का दूध प्रतिरक्षा करने का काम करेगा।

सम्बंधित : क्या थायरॉयड के लक्षण होने पर स्तनपान करा सकते हैं?
 

स्तन में दूध आने में कितना समय लगता हैं?

स्तन में दूध आने में कितना समय लगता हैं?शायद आपको आश्चर्य होगा, लेकिन आपके स्तन में दूध का उत्पादन गर्भावस्था के समय ही शुरु हो जाता हैं। और जब आपकी डिलीवरी होती है, यानि बच्चे के जन्म के बाद तो उस समय थोड़ी मात्रा में दूध होता हैं। जो कि अपके नवजात शिशु के लिए पर्याप्त होता हैं। आपका नवजात शिशु अभी बहुत छोटा होता हैं, और आपका दूध आपके नवजात शिशु के लिए पर्याप्त हैं, या नही इसके लिए आपको जाँचना चाहिए, कि आपका नवजात शिशु पहले दिन एक गीले डायपर, दो दिन में दो गीले डायपर कर रहा हो तो आपको चिंता करने की जरुरत नही हैं। यह संकेत है, आपके नवजात शिशु को पर्याप्त दूध प्राप्त हो रहा हैं।
 
बच्चे के जन्म के 3 दिन बाद आपका शरीर खुद दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ा देता हैं। जैसे जैसे आपके स्तनों में दूध की बढ़ौत्तरी होने लगेगी, आपको खुद महसूस होने लगेगा, आपका स्तन किस समय दूध उत्पादन होगा। 
 
विशेषज्ञ के अनुसार, बच्चे के जन्म के बाद पहली बार माँ के स्तन को भरने में अधिक समय लगता हैं। लगभग 3 से 5 दिन का समय लग सकता हैं।
स्तनों में दूध के उत्पादन में समय लगता हैं, तो मेरा बच्चा उस दौरान क्या खायेगा?
 
बच्चे के जन्म के तुरंत बाद स्तन में दूध का उत्पादन होने में समय लगता हैं। उस दौरान माँ को चिंता होती हैं, अपने बच्चे को कौन सा पेय तरल पदार्थ देना चाहिए।
 
इस दौरान आपको चिंता नही करनी चाहिए। आपका शरीर बच्चे के जन्म के बाद खुद ही बच्चे की जरुरत को पूरा करने लगता हैं। इस दौरान स्तन में कोलोस्ट्रम तरल पदार्थ केंद्रित होने लगता हैं। यह नवजात शिशु के हर जरुरी पोषण के लिए पर्याप्त होता हैं।

सम्बंधित : बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान मैं अपना वजन कैसे कम कर सकती हूँ?

  
क्या कोलोस्ट्रम बच्चे के पोषण के लिए पर्याप्त भोजन हैं?क्या कोलोस्ट्रम बच्चे के पोषण के लिए पर्याप्त भोजन हैं

आपके स्तन में में कोलोस्ट्रम (Colostrum) से परिपक्व दूध बनने में 5 दिन का समय लगता हैं। कुछ माँ को यह चिंता होती हैं, कि उनका नवजात शिशु का पेट भर रहा हैं, या नही? मगर यह एक सामान्य बात हैं। कोलोस्ट्रम (Colostrum) बच्चे के 5 दिन के लिए पर्याप्त पेय हैं।
 
आइए जानते हैं बच्चे के जन्म के बाद से 5 दिन आपके स्तन और नवजात शिशु का स्तनपान के लिए महत्वपुर्ण बाते:
 बच्चे के जन्म के बाद से पाँच दिन आपको कुछ पता नही चलेगा, क्या करना चाहिए। मगर आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, कि हर माँ का शारीरिक संरचना अलग अलग होती हैं। 
 
  1. पहला दिन : बच्चे को जन्म देने के बाद आपके स्तनो में कोलोस्ट्रम (Colostrum) तुरंत तैयार हो जाता हैं। आप जितनी जल्दी हो सके, आपको आपने नवजात शिशु को कोलोस्ट्रम (Colostrum) पिलाना चाहिए। कोलोस्ट्रम (Colostrum) की कुछ ही मात्रा एक नवजात शिशु के लिए महत्वपुर्ण हैं। और कोलोस्ट्रम (Colostrum) की थोड़ी सी भी मात्रा शिशु के लिए पेट भर भोजन होता हैं।
  2. दूसरा दिन : आप महसूस करेंगे कि, आपका नवजात शिशु कुछ कंजूसी से सनपान कर रहा हैं। आपका नवजात शिशु स्तनपान करने में ज्यादा समय बितायेगा। इस तरह से आपके सरीर को महसूस हो जाती हैं, कि अब ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन करना शुरू करना चाहिए।
  3. तीसरा दिन : आपको अपने बच्चे को दिन में हर दो घंटे में दूध पिलाने की कोशिश करने की आवश्यकता हैं। आपको अपने स्तनो में दूध की आपुर्ति को बढ़ाने के लिए विचार करनी चाहिए। और अगर आपका नवजात शिशु सही ढ़ंग से स्तनपान नही कर रहा, तो आपको एक अच्छे स्तनपान विशेषज्ञ से सम्पर्क करने की आवश्यकता हैं।
  4. चौथा दिन : शायद आपको अब स्तनो में दूध के उत्पादन का महसूस हो रहा होगा। जैसे ही आपका स्तन दूध से भरने लगेगा, तो आपके स्तनों में बदलाव दिखाई देगा। जैसे कि स्तनओं का बड़ा और अधिक कोमल हो जाना। ज्यादातर महिलाओ को खुद अनुभव होता हैं, दूध उत्पादन के बाद किस किस तरह के बदवलाव होते हैं। आपको अपने नवजात शिशु को जितनी बार हो सके उनको स्तनपान कराना चाहिए। इससे आपका स्तन को दूध का ज्यादा उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होना शुरु कर देता हैं। 
  5. पाँचवा दिन : पाँचवा दिन आपका नवजात शिशु नियमित रूप से स्तनपान करना शुरु कर देता हैं। लम्बे समय तक स्तनपान करना आपके स्तनो को संकेत देता हैं। कितना दूध उत्पादन करने की आवश्यकता हैं। 
 

स्तन दूध के 3 चरणों के बारे में जानें और प्रत्येक आपके बच्चे के लिए अच्छा क्यों है।

 
आमतौर पर स्तन के दूध के तीन चरण होते हैं। 
 
१. कोलोस्ट्रम स्तन का दूध (Colostrum Breast Milk) 
२.संक्रमणकालीन स्तन का दूध (Transitional breast milk)
३.परिपक्व स्तन का दूध (Mature breast milk)
 

कोलोस्ट्रम (Colostrum Milk) :

कोलोस्ट्रम एक स्तन के दूध का प्रकार हैं। जो गर्भावस्था के अंत और नवजात शिशु के जन्म के बाद स्तनों में आता हैं। यह गाढ़ा, चिपचिपा, और पीले रंग का दिखता हैं। हालांकि, कभी कभी यह पतला, सफेद, और नारंगी रंग का भी हो सकता हैं। यह एक एंटीबॉडी युक्त दूध होता हैं, जो आपके नवजात शिशु को हर तरह के संक्रमण से प्रतिरक्षा करता हैं।
 
कोलोस्ट्रम दूध एक नवजात शिशु को पचाने के लिए बहुत ही आसान दूध होता हैं। इसमें प्रटीन की भी ज्यादा मात्रा होती हैं, लेकिन वसा कम मात्रा में होती हैं। 
 

संक्रमणकालीन स्तन का दूध (Transitional breast milk):

यह भी स्तन के दूध का प्रकार हैं, जो कोलोस्ट्रम (Colostrum Milk) और परिपक्व दूध (Mature breast milk) का सन्योजन होता हैं। यह दूध बच्चे के जन्म के 3 से 5 दिन के बाद स्तनों में आना शुरु होता हैं। जिसमें कोलोस्ट्रम मिश्रित होता हैं। और फिर एक सप्ताह के बाद या कुछ दिनों बाद परिपक्व दूध के साथ मिश्रित हो जाता हैं। 
 

परिपक्व स्तन का दूध (Mature breast milk):

  1. परिपक्व दूध (Mature breast milk) लगभग बच्चे के जन्म के 2 सप्ताह बाद स्तनो में आना शुरु हो जाता हैं। यह संक्रमणकालीन स्तन के दूध (Transitional breast milk)  के आने के बाद आता हैं।
  2. परिपक्व दूध मुख्यतः दो प्रकार के पाये जाते हैं।
  3. परिपक्व दूध (Mature breast milk) एक संयोजन रुप है, जिसमें अग्र-दूध  (fore milk) और हिंद-दूध (Hind milk) का मिश्रण होता हैं।
  4. अग्र-दूध (Foremilk) : यह दूध स्तनपान के शुरुआत में आता हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन, और पानी पाया जाता हैं। अग्र-दूध फोर्मिल्क होता है। फोर्मिल्क पतला, पानीदार और वसा और कैलोरी में कम होता है।
  5. हिंद-दूध (hindmilk ): यह दूध स्तनपान के मध्य में आता हैं। इसमें वसा का अधिक मात्रा होती हैं। इसके वजह से बच्चे का वजन बढ़ने के लिए आवश्यक होता हैं। हिंद-दूध मोटा, क्रीमयुक्त और वसा और कैलोरी में अधिक होता है।
  6. परिपक्व दूध (Mature breast milk) नवजात शिशु के ठीक से विकसित होने, और पर्याप्त पोषण प्राप्त करने में मदद करता हैं। स्तनपान में अग्र- दूध और हिंद-दूध दोनो आवश्यक होता हैं।

    सम्बंधित : क्या स्तनपान कराने वाली माँ के लिए ग्रीन टी पीना सुरक्षित है?
  

स्तन के दूध में कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं?

स्तनपान में सभी तरह से आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते हैं। जिससे एक नवजात शिशु की उचित वृद्धि और विकास होता हैं।
 
सामन्यतः स्तन के दूध में पोषक तत्व: स्तन के दूध में नवजात शिशु को पानी की उचित मात्रा, प्रोटीन  (प्रोटीन में 75% नाइट्रोजन युक्त यौगिकों और गैर-प्रोटीन नाइट्रोजन पदार्थों में यूरिया), न्यूक्लियोटाइड्स, पेप्टाइड्स, मुक्त अमीनो एसिड, वसा, कार्बोहाइड्रेट , खनिज, विटामिन आदि।

तालिका: स्तन के दूध में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्वों की संरचना

 

स्तन के दूध में कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं
Source: एनएचएमआरसी ऑस्ट्रेलिया में बच्चों और किशोरों के लिए आहार दिशानिर्देश, 2003
 

स्तन के दूध में पाये जाने वाले अन्य घटक क्या हैं?

 Breastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai aur kaun se nutrients paaye jaate hain: स्तन के दूध में और भी बहुत सारे महत्वपूर्ण घटक भी होते हैं। जो नवजात शिशु के पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। रोगाणुरोधी कारक, हार्मोन, जो संक्रमण और प्रतिरक्षा-मध्यस्थता रोगों को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। प्रतिरक्षा नवजात शिशु का विकास और शिशु के वृद्धि में मदद करते हैं।
ये घटक निम्न हैं।
 
  • स्रावी आईजीए स्तन के दूध में स्वायत्त इम्युनोग्लोबुलिन
  • बायोएक्टिव साइटोकिन्स – {जिसमें शामिल हैं, परिवर्तन कारक-बी (TGF-b) 1 और 2 और इंटरलेयुकिन -10 (IL-10)}
  • अन्य – {ल्यूकोसाइट्स, ओलिगोसेकेराइड्स, लाइसोजाइम, लैक्टोफेरिन, एडिपोनेक्टिन, इंटरफेरॉन-जी, एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) और इंसुलिन जैसा विकास कारक (आईजीएफ) -1}

नवजात शिशु को कब तक स्तनपान कराया जाना चाहिए?


नवजात शिशु को कब तक स्तनपान कराया जाना चाहिएस्तनपान शिशु के स्वास्थ्य और विकास के लिए महत्वपुर्ण हैं। नवजात शिशु को मुख्यतः 6 महीनों तक विशेष रुप से स्तनपान कराना चाहिए।
 
हालांकि, स्तनपान को 6 महीने के अतिरिक्त जारी रखना चाहिए। इससे नवजात शिशु को सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सके।
 
नवजात शिशु को ठोस खाद्य पदार्थ के शुरु करने के बाद भी 2 साल तक स्तनपान कराने से महत्वपूर्ण पोषक तत्व और वृद्धि कारक प्रदान करता है। 
विश्व स्वास्थ्य संघठन (WHO) के अनुसार, बच्चे को 2 साल की उम्र तक स्तनपान कराने की सिफरिश की जाती हैं। और 2 साल बाद भी कुछ समय तक स्तन का दूध आहार का हिस्सा बना रहना चाहिए।

सम्बंधित : नवजात शिशु को स्तनपान कराने के दौरान माँ को कौन से फल खाने चाहिए।
 

स्तन के दूध का स्वाद कैसा होता हैं?

स्तन के दूध का स्वाद कैसा होता हैंएक अध्ययन के अनुसार, स्तन का दूध मीठा और मलाईदार होता हैं। इसमें पाये जाने वाले शर्करा लैक्टोज दूध के मिठास बनाये रखने में मदद करता हैं। और साथ ही स्तन के दूध में पाये जाने वाला वसा की मात्रा दूध को मलाईदार बनाता हैं। 
 
विशेषज्ञ कहते हैं, एक स्तनपान कराने वाली माँ जो कुछ भी आहार अपने भोजन में खाती हैं, उसका स्वाद भी स्तनपान के द्वारा बच्चे को उस भोजन का स्वाद मिल जाता हैं।

सम्बंधित : लंबे समय तक स्तनपान के कारण माँ के शरीर पर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
 

स्तन के दूध का रंग क्या होता है?

आमतौर पर स्तनपान कराने वाली माँ के दूध का रंग सफेद, पीला या नारंगी रंग का होता हैं। सामान्यतः स्तन के दूध का रंग इस बात पर निर्भर करता हैं, आप कब से अपने बच्चे को स्तनपान करा रही हैं।

स्तन के दूध का सामान्य रंग कौन सा है?

 
विशेषज्ञ के अनुसार, हर महिला के स्तन के दूध का रंग अलग अलग होता हैं। ऐसा होना लगभग सामान्य होता हैं। ज्यादातर दूध का रंग का बदलने के पीछे स्तन के दूध के चरण होते हैं। स्तन का दूध अपने अपने चरणों में बदलता हैं।
 
  1. कोलोस्ट्रम (Colostrum Milk) : बच्चे के जन्म के तुरंत बाद माँ के स्तनों में आने वाला दूध कोलोस्ट्रम दूध होता हैं, जिसके कारण शुरुआत में माँ के स्तन के दूध का रंग पीला होता हैं। 
  2. संक्रमणकालीन दूध (Transitional breast milk): संक्रमणकालीन दूध माँ के स्तनो में बच्चे के जन्म के 10 से 14 दिनों के बाद आना शुरु हो जाता हैं। यह नारंग़ी रंग का होता हैं। 
  3. परिपक्व दूध (Mature breast milk): परिपक्व दूध माँ के स्तनों में 2 सप्ताह बाद आना शुरु हो जाता हैं। यह दूध सफेद रंग का होता हैं।

    सम्बंधित : एक स्वस्थ शिशु सामान्यतः कुल कितने बार स्तनपान कर पाता है।
 

स्तन के दूध में खून का आने का क्या मतलब है?


स्तन के दूध में खून का आने का क्या मतलब हैBreastfeeding ke dauraan doodh ke 3 stage kaun se hai: स्तन के दूध में खून का आना, यह एक नई माँ के लिए चिंता का विषय हो सकता हैं। और यह आपको डरा भी सकता हैं। लेकिन आमतौर पर यह सामान्य होता हैं। 
 
जब स्तनों में दूध का बहाव होना शुरु हो जाता हैं, तब आपके स्तनों के आस-पास रक्तस्त्राव का संकेत हो सकता हैं। जो स्तनपान स्तनपान कराने वाले माँ के लिए आम है। दूध के जल्दी उत्पादन के लिए स्तनों में दूध नलिकाओं में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता हैं। जब आपका शरीर कोलोस्ट्रम (Colostrum Milk)  और संक्रमणकालीन (Transitional milk)दूध बनना शुरु कर देता हैं, तो ऐसा होता हैं। और कुछ दिनों में यह खून चला जाता हैं।
 
हालांकि, यह रक्त आना शुरुआती समय में आम हैं। अगर यह रक्त आने की परेशानी लम्बे समय तक हो रही हैं, तो यह एक गम्भीर बीमारी हो सकती हैं, जैसे कि रक्त मास्टिटिस, पैपिलोमा, स्तन कैंसर आदि। इसलिए आपको लापरवाही नही करनी चाहिए, आपको तुरंत अपने डॉक्टर या चिकित्सक से सम्पर्क करने की आवश्यकता हैं। आपको किस कारण स्तनों में रक्त या खून आ रहा हैं, इसके लिए आपको जाँच कराने की आवश्यकता हैं।

सम्बंधित :  नवजात शिशु को स्तनपान कराने में कितना समय लगता है।
 

स्तनपान कराने वाली माँ को डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए ?

  • स्तनपान कराने वाली माँ हमेशा अपने सेहत की देखभाल करने की आवश्यकता हैं, क्योंकि आपसे आपके नवजात शिशु की भी देखभाल हो रही हैं। अगर आप बीमार होंगे, तो यह जरुरी है, आपका नवजात शिशु भी बीमार हो सकता हैं।स्तनपान के दौरान दूध के 3 चरण कौन से है और इसमें कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं?
  • अगर आपको किसी तरह की बीमारी है, या आपके स्तनों से रक्त आ रहा हैं, तो आपको स्वास्थ्य के सम्बंधित समस्या हो सकती हैं, आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।  
  • दूध का रंग बदलना एक सामान्य बात है, आपको दूध के रंग बदलने की चिंता नही करनी चाहिए। हाँ, अगर आपको चिंता हो रही हो, तो आपको जाँच करवाने में कोई बुराई नहीं हैं।




इस लेख को भी पढ़ें: 

स्तनपान ना कराने के क्या क्या नुकसान हैं?

स्तनपान के दौरान मसालेदार भोजन करने के दुष्प्रभाव
क्या स्तनपान कराने वाली महिलाएँ चावल खा सकती हैं?
स्तनपान कराने वाली माँ को टमाटर खाना चाहिए ?

 


संदर्भ : 
Breast Milk Answers to the Common Questions By Very Well Family
Breastfeeding: Overview By American Pregnancy
Breastmilk Information By Infant Nutrition Council
Can Breast Milk Change Colors? By What To Expect
The Phases of Breast Milk By Wic Breast Feeding Support
Transitional Milk and Mature Milk By Healthy Children
What Are The Signs Your Breast Milk Is Coming In? By Mom Loves Best
What is transitional milk? By Medela
Breastfeeding By World Health Organization

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *