नवजात शिशु की मालिश करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी । A guide for baby massage

Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Sampoorn Jankare
नवजात शिशु की मालिश करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी
Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Sampoorn Jankare
Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Sampoorn Jankare
Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Sampoorn Jankare: वजात शिशु की मालिश करना शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं। नवजात शिशु की मालिश के और भी बहुत सारे लाभ हैं, जैसे कि, बच्चे को शांत कराना, रक्त का परिसंचार अच्छे से होना, वजन बढ़ना, पाचन शक्ति, माँ और बच्चे के बीच बॉन्डिंग और प्यार का और मजबूत होना।
नवजात शिशु की मालिश शिशु को आराम, अच्छी गहरी नींद के लिए आवश्यक हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, नवजात शिशु की मालिश करने से शिशु के स्वास्थ्य और शारीरिक विकास में बढ़ावा देता हैं।
आइए जानते हैं, नवजात शिशु की मालिश के बारे में सम्पूर्ण जानकारी को विस्तार से जानते हैं। बेबी केयर टिप्स के इस लेख में आपको नवजात शिशु की मालिश के बारे में सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे, इसलिए इस लेख को पूरा पढ़े, ध्यान से पढ़े।

Table of Contents

नवजात शिशु की मालिश करना क्या होता हैं?

Navajaat Shishu Ke Maalish Karna Kya Hota Hai: नवजात शिशु की मालिश में शिशु को तेल, क्रीम या मॉइस्चराइजर से हल्के कोमल और लयबद्ध तरीके से शिशु के पूरे शरीर पर तेल मलना होता हैं। आमतौर पर भारत में मालिश के लिए तेल का उपयोग होता हैं, या कुछ जगह क्रीम का भी उपयोग होता हैं।
नवजात शिशु की मालिश करने से बच्चे की त्वचा कोमल होती हैं। नवजात शिशु को पूरे शरीर पर मालिश करनी चाहिए, जैसे कि, शिशु के छाती, पेट, पीठ, हाथ, पैर और सिर आदि। 
कुछ माँ नवजात शिशु की मालिश करते समय गाना गुनगुनाती हैं। और कुछ माँ अगर मालिश करने में असमर्थ या मालिश करने में डर लगता हैं, तो वह एक आया या शिशु की मालिश करने में अनुभवी महिला को अपने नवजात शिशु की मालिश करवाने के लिए रखती हैं।

नवजात शिशु की मालिश करने के क्या क्या फायदे है?

Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Fayde: अगर आप अपने शिशु को नियमित रुप से मालिश करते हैं, तो आपके शिशु को निम्नलिखित फायदे होते हैं।

नवजात शिशु की मालिश करने के क्या क्या फायदे है

  1. नवजात शिशु की मालिश करने से सबसे ज्यादा फायदा शिशु के शरीर पर पड़ता हैं। शिशु के पाचन तंत्र, रक्त संचार और सांस लेना आदि को दुरुस्त बनाता हैं। और साथ ही शिशु की पेट मालिश से गैस और कब्ज जैसी समस्या भी दूर रहती हैं।
  2. नियमित मालिश करने से नवजात शिशु के विकास में भी बढ़ावा मिलता हैं। शिशु के शरीर के मांशपेशियों को आराम मिलता हैं।
  3. अच्छी मालिश और पेट भर भोजन के बाद नवजात शिशु को अच्छी नींद भी आती हैं। अगर आप अपने बच्चे के सोने से पहले हमेशा नियमित रूप से मालिश करती हैं, तो शिशु के शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन उत्पन्न होता हैं। जिससे नवजात शिशु को गहरी और लम्बी नींद आती हैं।  
  4. नवजात शिशु की मालिश से शिशु का समाजिक और मानसिक विकास होता हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, बच्चे से स्पर्श होने से बच्चे को मानसिक विकास ज्यादा सक्रिय होता हैं।
  5. नवजात शिशु की मालिश करने से शिशु के शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन (Oxytocin Hormone) बढ़ जाता हैं।  जिससे शिशु को खुशी महसूस होती हैं, जो शिशु और माँ दोनों में तनाव कम करता हैं।
  6. नवजात शिशु के छह महीने बाद से बच्चे को गुनगुने तेल से मालिश करने से खाँसी, जुकाम जैसी समस्या कम होती।
  7. शिशु को हिचकी की समस्या कम होती हैं।
  8. अगर नवजात शिशु को पीलिया (jaundice) की बीमारी में आराम मिलता हैं। मगर पीलिया मालिश करने से ठीक नहीं होता हैं।

नवजात शिशु की मालिश की शुरूआत कब करनी चाहिए?

(Navajaat Shishu Ke Maalish Ki Shuruwat Kab Karni Chahiye)

नवजात शिशु की मालिश की शुरूआत कब करनी चाहिए
Navajaat Shishu Ke Maalish Ki Shuruwat Kab Karni Chahiye: आमतौर पर नवजात शिशु की मालिश करने की शुरुआत नवजात शिशु के जन्म के एक महीने बाद होता हैं। शिशु की त्वचा एक महीने बाद ही मालिश बर्दाश कर पाती हैं। शिशु की त्वचा जन्म से एक महीने के दौरान बहुत ही नाजुक होती हैं। और बच्चे का नाभि ठूंठ का घाव भी एक महीने के दौरान भर जाता हैं।
बच्चे की नाभि ठूंठ के घाव सूखने तक बच्चे की मालिश नही करनी चाहिए।

नवजात शिशु की मालिश करने के लिए कौन सा समय अच्छा होता हैं।

Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Kaun Sa Samay Achha Hota Hai: जब आपका नवजात शिशु जन्म के एक महीने पूरा कर लें, उसके बाद आप दिन भर में किसी भी समय आप अपने शिशु की मालिश कर सकती हैं। मगर ध्यान रहें, आपका बच्चा थका हुआ ना हो, ना ही भूखा होना चाहिए।
जब आप अपने नवजात शिशु की मालिश करे, ध्यान दे यह एक ही समय पर हो जिस समय पर आप अपने शिशु को रोज मालिश करती हैं।
जब आपका नवजात शिशु की मालिश, शिशु को नहाने का समय, स्तनपान या दूध पीने का समय, सोने और जागने का समय सारे रोज के दैनिक कार्य एक तय समय पर होता हैं, तो आपका शिशु भी इसके लिए तैयार रहता हैं। और इसके लिए आनंद और खुश भी रहता हैं।

नवजात शिशु की मालिश करने से पहले कौन सी तैयारी करना आवश्यक होगा?

Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Se Pehle Kaun Si Tayaari Karna Awashyak Hoga: जब आप अपने नवजात शिशु की मालिश करते हैं, उससे पहले आपको कुछ तैयारी करने की आवश्यकता हैं, क्योंकि जब आप एक बार अपने शिशु को तेल से मालिश कर रहे होंगे, तो शिशु को छोड़ना किसी घटना को न्योता देना होगा।
इसलिए आपको अपने बच्चे को सुरक्षित तरीके से मालिश करने के लिए निम्न चीजों की तैयारी अवश्य कर ले।
  1. नवजात शिशु की मालिश के लिए एक सुरक्षित स्थान का चयन करे।
  2. अगर आपका शिशु बहुत नटखट हैं, या पलटता, हिलता डूलता हैं, तो आपको किसी ऐसे जगह का चयन करे, जो बड़ा हो, जैसे कि, पलग के बीच में या जमीन पर, तेल की मालिश के बाद शिशु के फिसलने और गिरने का खतरा हो सकता हैं।
  3. जिस जगह आप अपने शिशु की मालिश कर रहे हों, उस जगह या कमरे का तापमान सामान हो, शिशु को कोई सीधी हवा ना लगे। अगर गर्मी का भी मौसम हो तब भी शिशु की मालिश पंखे, कूलर, एयर कंडीशनर के करे। हमेशा एक सामान्य तापमान रखे। शिशु अभी किसी भी तापमान को सहने के लिए सक्षम नही हैं।
  4. सर्दियों के मौसम में आप कमरे में रूम हीटर, या रेडियेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर आप पहले ही कमरे को गर्म कर दे, तब आप उस कमरे में अपने नवजात शिशु को ले जाये। रेडियेटर या हीटर की गर्मी शिशु की त्वचा बर्दाश नही कर पायेगी।
  5. शिशु की मालिश करते समय आप अपने शिशु से जरूर बाते करे, या गाना गुनगुनाये।

    नवजात शिशु की मालिश करने से पहले कौन सी तैयारी करना आवश्यक होगा

     

  6. जब आप मालिश अपने बच्चे की मालिश कर रही हों कुछ निम्नलिखित जरुरी समान को मालिश करने वाले स्थान पर पहले ही रख दे।
  • मालिश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मालिश करने वाला तेल, लोशन, क्रीम आदि।
  • मालिश करने के बाद आप अपने हाथ को पोछने के लिए एक तौलिया अवश्य रखे।
  • शिशु को मालिश करने के बाद पहनाया जाने वाला कपड़े।
  • शिशु की साफ और नई डायपर या नैपी। 
अगर आप अपने शिशु को मालिश के बाद नहलाना चाहती हैं, तो आपको बच्चे को नहलाने के लिए जरुरत पड़ने वाली सारी वस्तु, जैसे- बेबी सेम्पू, साबुन, बेबी तौलिया, टब में गुनगुना पानी, और भी आवश्यक समान पहले से तैयार रखे।

नवजात शिशु की मालिश किस तरह करनी चाहिए?

नवजात शिशु की मालिश किस तरह करनी चाहिए

Navajaat Shishu Ke Maalish Kis Tarah Karani Chahiye: नवजात शिशु की मालिश करने के लिए आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि नवजात शिशु बहुत ही नाजुक होता हैं। और शिशु की त्वचा बहुत कोमल और फिसलनदार होती हैं। इसलिए आपको अपने नवजात शिशु को बहुत ही सावधानी पूर्वक हल्के हाथ से मालिश करनी चाहिए। शिशु के छह महीने होने तक ज्यादा दबाव से शिशु की मालिश ना करे।

नवजात शिशु की मालिश करने के लिए निम्नलिखित तरीके को ध्यान में रख कर मालिश करे।

नवजात शिशु को मालिश करने से पहले उसे मालिश के लिए तैयार करे: 

Navajaat Shishu Ke Maalish Karne ke pehle Baby ko Malish Ke Liye Tayaar Kare:
  1. आप अपने नवजात शिशु को कभी भी मालिश नहीं कर सकती, क्योंकि शिशु अचानक कराये जा रहे मालिश के लिए तैयार नहीं होता हैं। और आपका शिशु का मालिश कराने का मूड नहीं हैं, तो शिशु मालिश कराने का आनंद भी नही लेगा।
  2. ऐसे में आप अपने शिशु को रोज एक ही समय पर मालिश करे। जिससे शिशु को खुद पता हो जायेगा, कि यह उसके मालिश का समय हैं।
  3. नवजात शिशु की मालिश करने के लिए शिशु अच्छे मूड में हो, और शांत हो। 
  4. आप अपने शिशु को दूध पिलाने के तुरंत बाद मालिश ना करे, इससे शिशु सारा दूध उलटी कर देगा। हालांकि, आपका शिशु मालिश से पहले ना तो भूखा और ना ही थका होना चाहिए।
  5. आपको अपने नवजात शिशु को मालिश करने के लिए तैयार करने के लिए शिशु के हथेलियों से तेल लगाना शुरु करे। फिर पेट और कानों के पीछे तेल लगाये। इस तरह से आपका शिशु समझ जायेगा कि, उसकी माँ उसे मालिश करने के लिए तैयार कर रही हैं। 
  6. इस दौरान अगर आपका शिशु रोने लगे, या हाथ पैर झटकने लगे, तो यह शिशु के मालिश ना कराने की इच्छा को व्यक्त कर रहा हैं। जब शिशु मूड में रहता हैं, तो वह ऐसा नही करता हैं।
नवजात शिशु को मालिश करने के से पहले उसे मालिश के लिए तैयार करे

1. नवजात शिशु की मालिश की शुरुआत पैरों से करे (Navajaat Shishu Ke Maalish ki Shuruawat) 

नवजात शिशु की मालिश की शुरुआत पैरों से करे

  1. जब आपका नवजात शिशु मालिश के तैयार हो, तो आप अब शिशु के पैरो से मालिश करना शुरु कर दे।
  2. आप अपने हथेलियों पर तेल या क्रीम से शिशु के पैरों के तलुवों, पैरों के उंगलियों, और एड़ियों पर हल्के हाथ से मालिश करना प्रारम्भ करे।
  3. अब आप हल्के हाथों से पूरे पैर की मालिश करे। फिर पैरों के पंजो, पैरों के अंगुठे के गोल घुमाते हुए, मालिश करे।
  4. फिर शिशु के पैरों को हल्का उपर करे, ताकि आप शिशु को अच्छे से सम्भाल सके। अब शिशु के घुटनों पर मोड़े। और फिर पैर को पेट तक हल्का ले जाये। ऐसा दोनो पैरों के साथ करे। इससे पेट में हुआ गैस निकल जाता हैं।
  5. अब जाघों की मसाज करे।

2. नवजात शिशु के हाथों की मालिश करे (Navajaat Shishu Ke Hathon Maalish):

नवजात शिशु के हाथों की मालिश करे

  1. शिशु के हाथ पैर नाजुक होते हैं, इसलिए कोई जबरदस्ती ना करे। 
  2. शिशु के हाथों के पंजों को हल्का हल्का हाथ फेरे। और साथ ही उंगलियो के बीच भी हाथ फेरे।
  3. अब पूरे हाथ में तेल लगाये,और हल्के हाथ से मसाज करे।
  4. शिशु के कोहनी को मोड़े और फिर खोल दे। शिशु के दोनो हाथों के साथ ऐसा ही दौहराये।

3. नवजात शिशु के कंधों और छांती की मालिश करे (Navajaat Shishu Ke Kandho aur Chhati Ki Maalish) :

नवजात शिशु के कंधों और छांती की मालिश करे
  1. इसके लिए शिशु का सीधा लेटना आवश्यक हैं। शिशु को सीधा लेटाये।
  2. शिशु के कंधों से लेकर पूरे छांती पर तेल मले, और मसाज करे।
  3. नवजात शिशु की पेट की मालिश करे:
  4. शिशु के पेट पर कभी भी जोर से मालिश ना करे, शिशु की पूरे शरीर में पेट ज्यादा नाजुक हैं, इसलिए हल्का हल्का तेल से हल्को हाथों से मसाज करे।
  5. शिशु के पेट पर नाभि के पास गोल गोल मसाज करे।

4. नवजात शिशु की पीठ की मालिश करना (Navajaat Shishu Ke Peeth Maalish):

नवजात शिशु की पीठ की मालिश करना:
  1. नवजात शिशु की पीठ की मालिश करने के लिए शिशु के चेहरे को सावधानी पूर्वक सुरक्षित रखते हुए, शिशु को पेट के बल लेटाएं।
  2. और साथ ही शिशु के हाथ उपर की रखे।
  3. बच्चे की पीठ पर तेल लगाये और गोल गोल शिशु की पीठ पर मसाज करे। 
  4. चुंकि शिशु की पीठ पर मालिश करते समय ध्यान रखे, कोई दबाव ना डाले, इससे शिशु के पेट पर असर पड़ता हैं। आपको हल्के हाथ से ही मालिश करना हैं। साथ ही रीढ़ की हड्डियों पर उंगलियों को ना रखे।

5. नवजात शिशु के सिर की मालिश कैसे करे? (Navajaat Shishu Ke Head Maalish):

 

नवजात शिशु के सिर की मालिश कैसे करे
  • नवजात शिशु के सिर की मालिश करने के लिए कुछ एहतियात बरतनी चाहिए। नवजात शिशु के सिर की मालिश के लिए बहुत ही सोम्यता के साथ मालिश करना होगा। क्योंकि नवजात शिशु की खोपड़ी की हड्डीयाँ इस दौरान सही से जुड़ी नही होती हैं।
  • आप जब शिशु के सिर पर हाथ फेरेंगे, तो आप पायेंगे, कि शिशु के सिर पर एक नर्म जगह हैं, जो कभी कभी फड़कते रहते हैं। इस जगह को कलांतराल (फॉन्टानेल)  कहते हैं।
  • आपको शिशु के सिर पर मालिश के दौरान दबाव नही देना चाहिए। आप हल्के से थपथपाते हुए, तेल शिशु के सिर पर लगा दे। यह तेल खुद ही सोख जायेगा।
  • जब शिशु का सिर कठोर हो जाये तब आप अपनी उंगलियों से हल्का हाथ से पूरे सिर के गोलाकार दिशा में मालिश कर सकते हैं। मगर आपको कलांतराल (फॉन्टानेल) पर दबाव नहीं डालना हैं। क्योंकि यह बहुत ही नर्म और नाजुक होता हैं। एक अवस्था आने पर कलांतराल (फॉन्टानेल) वाला सिर के उपर का भाग भी कठोर हो जायेगा।
  • जब तक आपका नवजात शिशु खुद ही सिर उठा नहीं सकता, तब तक आप अपने शिशु को पीठ के बल लेटी अवस्था में ही तेल लगाये। 
  • जब शिशु अपना सिर खुद उठा पाने में सक्षम हो जाये, तो आप अपने शिशु को पेट के बल उल्टा लिटा कर भी सिर पर तेल लगा सकतीं हैं।
  • अगर आपके नवजात शिशु के सिर के उपर पपड़ी (क्रेडल कैप) जमी हो, तो आप इसे हटाने का प्रयास ना करे, और ना ही इसे खीचने की कोशिश करे, इससे आओ आपने शिशु को चोट पहुँचाने का काम करेंगी। और यह सिर के घाव पर संक्रमण भी पैदा करेगा।
  • नवजात शिशु के सिर पर पपड़ी (क्रेडल कैप) उम्र बढ़ने के साथ खुद निकल जाती हैं।
  • अक्सर नवजात शिशु के सिर को गोल बनाने के लिए मालिश के दौरान दबाया जाता हैं, यह बिलकुल गलत हैं। शिशु के सिर को गोल बनाने के लिए सिर पर दबाव डालना एक असहज कार्य हैं। जो शिशु के लिए सुरक्षित नहीं है।

नवजात शिशु की मालिश कितनी बार करनी चाहिए?(Navajaat Shishu Ke Maalish Kitni Baar Karani Chahiye)

आमतौर पर नवजात शिशु की मालिश करने की कोई खास संख्या नहीं हैं, मगर यह माँ पर निर्भर करता हैं, कि वह अपनी नवजात शिशु की कितनी बार मालिश करना चाहती हैं। आपके पास अपने नवजात शिशु को मालिश करने के कितना समय मिलता हैं, और आपका नवजात शिशु कितना आनंद मालिश कराने में लेता हैं।
हालांकि, सभी जगह नवजात शिशु की मालिश को लेकर अलग रिवाज हैं। जैसे कि कुछ जगह नवजात शिशु को नहलाने के पहले मालिश किया जाता हैं, तो कुछ जगह नहलाने के बाद।
वहीं कुछ परिवारों में नवजात शिशु को शुरुआती तीन महीने दिन में दो बार मालिश करने का रिवाज होता हैं।

कितनी देर तक नवजात शिशु की मालिश करनी चाहिए?(Kitni Der Navajaat Shishu Ke MaalishKarni Chahiye)

कितनी देर तक नवजात शिशु की मालिश करनी चाहिएनवजात शिशु की मालिश करने में कितना समय देना हैं, यह इसपर निर्भर करता हैं, कि माँ और शिशु मालिश में कितना आनंद ले रहा हैं। कुछ नवजात शिशु को मालिश करवाने बहुत पसंद होता हैं, कुछ को मालिश कराना अच्छा नहीं लगता।
आमतौर पर एक नवजात शिशु को अच्छी तरह से मालिश करने में 20 से 30 मिनट लग जाते हैं। और जब नवजात शिशु को मालिश कराना पसंद ना हो तो वो ज्यादा देर लेटना पसंद नही करते।
जब नवजात शिशु घुटनों के बल घिसटने लगे, या पैर के बल चलने लगते हैं, तो आपका शिशु ज्यादा देर शांत होकर मालिश नही कराता हैं। ऐसे में आप अपने नवजात शिशु की मालिश कुछ मिनट ही कर पाते हैं।
जब आप अपने नवजात शिशु की मालिश करती हैं, तो आपका शिशु आपको खुद संकेतों के द्वारा या इशारों के द्वारा आपको बतायेगा, कि कब उसे मालिश करने में आराम मिल रहा हैं, कब वह मालिश नहीं कराना चाहता हैं। जैसे कि कभी कभी आपका शिशु अचानक बहुत रोने लगे, तो यह आपके शिशु के संकेत हो सकते हैं, कि वह मालिश कराना नही चाह रहा हैं।
लेकिन अगर शिशु की मालिश अभी पूरी नहीं हुई हैं, तो हो सकता हैं, शिशु को आपके हाथ से मालिश करने पर दर्द हो रहा हों, या शिशु को कोई समस्या हो।

नवजात शिशु की मालिश पूरे दिन में किस समय करना चाहिए?(Navajaat Shishu Ke Maalish pure Din Kis Samay Karana Chahiye)

आमतौर पर नवजात शिशु की मालिश करने का सबसे अच्छा समय सुबह नहलाने के पहले होता हैं। मगर इतनी सुबह आराम से नवजात शिशु की मालिश करने का समय मिलना मुस्किल होता हैं। इसलिए आप अपने नवजात शिशु को दिन के किसी भी समय कर सकती हैं।
जब भी आप अपने नवजात शिशु की मालिश करे, ध्यान रखे आपका नवजात शिशु ना थका हो, ना ही भुखा हो। अगर आपका शिशु भुखा या थका होगा, तो वह मालिश करना पसंद नहीं करेगा।
नवजात शिशु के नहाने, स्तनपान कराने, स्तनपान कराने और सुलाने और जगाने का एक तय समय की आदत लगाये। रोज एक ही समय पर अपने नवजात शिशु को नहलाने, स्तनपान कराने, मालिश करने, सुलाने और जगाने से आपके नवजात शिशु को पूर्वाणुमान हो जाता हैं,और आपका नवजात शिशु मालिश  कराने में आनंद भी लेगा और पहले से तैयार रहेगा।
हालांकि, एक नवजात शिशु के साथ इतना लम्बा रुटीन शामिल करना आसान नहीं होगा। आप अपने नवजात शिशु के शुरुआती नहाने और मालिश कराने का समय कम रखे, अगर शिशु को नहाने के बाद भूख लग जाये तो, आप शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। 
अगर आपका नवजात शिशु रात में काफी रोता हैं, तो आप अपने नवजात शिशु की मालिश शाम के समय कर सकती हैं। इससे आपका नवजात शिशु को दिन भर की थकान, तनाव दूर हो जायेगा।
नवजात शिशु की मालिश करने से शिशु को पूरी तरह आराम मिलता हैं। और नवजात शिशु की मालिश के बाद अक्सर शिशु सोना पसंद करते हैं।

क्या मैं अपने नवजात शिशु को सोते हुए मालिश कर सकती हूँ?

नहीं! नवजात शिशु की मालिश हमेशा तब करे जब वह थका ना हो। जब नवजात शिशु सोया होता हैं, तो इसका मतलब हैं, कि आपका शिशु थका हुआ हैं।
क्या मैं अपने नवजात शिशु को सोते हुए मालिश कर सकती हूँ
नवजात शिशु की सोते हुए मालिश करने पर उसकी नींद टूट जायेगी। और साथ ही जब शिशु की नींद पूरी नही होगी, तो वह रोयेगा, चिड़चिड़ा और थका हुआ महसूस करेगा। और शिशु मालिश कराने की मूड में नहीं होगा, तो वह मालिश कराने में आनंद भी नहीं लेगा।

नवजात शिशु की मालिश कब नहीं करनी चाहिए? (Navajaat Shishu Ke Maalish Kab Nahi Karni Chahiye)

नवजात शिशु की मालिश निम्नलिखित कारण पर नहीं करनी चाहिए।
  1. नवजात शिशु की मालिश करने के लिए कोई भी तेल या क्रीम ऐसे ही उपयोग ना करे। आप अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करे, कौन सा तेल या क्रीम का उपयोग करना चाहिए।
  2. अगर आपके नवजात शिशु को मालिश करने के दौरान शरीर पर रैशेज या चकत्ते पड़ रहे हैं, तो तुरंत मालिश बंद कर दे, और बाल रोग चिकित्सक को इस बारे में बताये।
  3. विशेषज्ञ के अनुसार, अगर नवजात शिशु को बुखार हो या बीमार होने पर शिशु की मालिश नहीं करनी चाहिए। वहीं कुछ विशेषज्ञ का कहना हैं, वायरल बुखार के समय नवजात शिशु की मालिश करने से नवजात शिशु को दर्द से आराम मिलता हैं। इस स्थिति में आप अपने बाल रोग चिकित्सक या डॉक्टर से सम्पर्क करे।
  4. कई बार ऐसा होता हैं, कि जब आपका नवजात शिशु बीमार होने पर मालिश करवाना पसंद नहीं करता हैं। और चिड़चिड़ा जैसा हो जाता हैं।
  5. ऐसे में कई बार वह दैनिक रूटीन के अनुसार भी मालिश कराना पसंद कर सकता हैं, या आपका नवजात शिशु आपके पास ज्यादा सुरक्षित महसूस करता हैं। और अगर आप सौम्यता से अपने नवजात शिशु की मालिश करना चाहे, तो शिशु इसे पसंद कर सकता हैं। ऐसे में अपने नवजात शिशु के इशारे और संकेतों को आपको खुद समझना पड़ेगा।
  6. जब नवजात शिशु को बुखार होता हैं, ऐसे में शिशु को ठंड लगती हैं, और कपड़े उतार कर मालिश करना सही होता, हो सके आप बिना कपड़े उतारे तेल लगाये। और कई बार बूखार उतरने के समय बहुत गर्मी के कारण पसीना आता हैं, ऐसे में कपड़े उअतार कर मालिश करना शिशु को पसंद आ सकता हैं।

नवजात शिशु की मालिश कब तक करनी चाहिए। (Navajaat Shishu Ke Maalish Kab Tak Karni Chahiye)

नवजात शिशु की मालिश बंद करने का कोई आयु नहीं हैं। ऐसा माना जाता हैं, मालिश से नवजात शिशु की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। और मालिश से मांशपेशियां भी मजबूत होती हैं। तो यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप कब तक आपने नवजात शिशु की मालिश करेंगी।
आमतौर पर, कुछ परिवार अपने नवजात शिशु की मालिश 5 से 6 महीने तक करती हैं, और कुछ लम्बे समय तक करते हैं, और जब शिशु 12 से 15 साल का हो जाता हैं, खुद से मालिश करना पसंद करता हैं।
कुछ परिवार अपने नवजात शिशु की मालिश 5 साल होने के बाद सप्ताह में 3 से 4 बार ही मालिश करते हैं। 

नवजात शिशु की मालिश करने के लिए कौन कौन से तेल होते हैं। (Navajaat Shishu Ke Maalish ke liye Kon Sa Tel/oil Hote Hai)

आप अपने नवजात शिशु की मालिश के लिए सही तेल का इस्तेमाल करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ निम्नलिखित तेल के बारे में बताया गया हैं।
  1. नारियल तेल : नारियल तेल एक एंटी-फंगल व एंटी-बैक्टीरियल युक्त तेल होता हैं, जो किसी भी प्रकार के फंगल रोग होने से बचाते हैं। नारियल तेल शिशु की त्वचा के लिए अच्छा होता हैं।
  2. जैतून का तेल : जैतून का तेल नवजात शिशु के लिए फायदेमंद होता हैं। यह सिर्फ भारत ही नही पूरे विश्व में नवजात शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल होता हैं।
  3. बादाम का तेल :  बादाम का तेल नवजात शिशु के लिए एक बेहतर विकल्प होता हैं। बादाम के तेल से शिशु की त्वचा मुलायम होती हैं। बादाम के तेल में विटामिन ई की मात्रा भरपूर होती हैं।
  4. सरसों का तेल : सरसों तेल एक पारंपरिक तौर पर हर घर में इस्तेमाल किया जाने वाला तेल हैं। यह तेल नवजात शिशु की मालिश के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। सरसों तेल से शरीर में गर्माहट आती हैं। सरसों तेल नवजात शिशु के शरीर पर अधिक चिकनाहट लाता हैं। आप सरसों तेल को अन्य तेल के साथ मिला कर ही शिशु की मालिश करे।
  5. अरंडी का तेल :अरंडी का तेल भी नवजात शिशु की त्वचा के लिए फायदेमंद होता हैं, साथ ही यह नवजात शिशु की शरीर के रूखापन को दूर करने में मदद करता हैं। आप अरंडी का तेल नवजात शिशु को नहलाने के पहले ही इस्तेमाल करे।
  6. तिल का तेल : तिल का तेल नवजात शिशु की मालिश में इस्तेमाल किया जाने वाल एक अच्छा विकल्प हैं। 
  7. सनफ्लॉवर ऑयल : सनफ्लॉवर का तेल संवेदनशील त्वचा वाले नवजात शिशु के लिए बहुत ही फायेदेमंद होता हैं। सनफ्लॉवर का तेल में विटामिन ई और फैटी एसिड पाया जाता हैं।
  8. टी ट्री ऑयल : यह तेल भी संवेदनशील त्वचा वाले नवजात शिशु की मालिश के लिए इस्तेमाल किया जाना फायदेमंद होता हैं। यह त्वचा को पोषिक तत्व प्रदान करते हैं। 
  9. बेबी ऑयल : नवजात शिशु की मालिश करने के लिए आपको आसानी से बेबी ऑयल मिल जायेगा, जो सिर्फ नवजात शिशु के लिए बनाया जाता हैं।
उपर बताये गये सभी तेल सिर्फ एक जानकारी के लिए बताये गये हैं, कि कौन कौन से तेल नवजात शिशु की मालिश के लिए उपयोग किये जाते हैं। आपको अपने नवजात शिशु की मालिश करने से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से जरूर सलाह ले, कि कौन सा तेल आपके नवजात शिशु की त्वचा के लिए अच्छा हैं।
अगर आप अपने मन से किसी भी तेल का इस्तेमाल अपने नवजात शिशु की मालिश करते हैं, तो यह आपके नवजात शिशु के शरीर पर प्रतिक्रिया होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। 

शिशु की मालिश करने के लिए जरूरी टिप्स (Navajaat Shishu Ke Maalish Karne Ke Liye Tips): 

जैसा कि अब आप जान ही गये होंगे, कि नवजात शिशु की मालिश करने से नवजात शिशु को शारीरिक विकास और मानसिक विकास और भी बहुत तरह फायदे होते हैं।
लेकिन नवजात शिशु की मालिश करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता हैं। नीचे बताये गये सभी टिप्स आपको अपने नवजात शिशु की मालिश करने में बहुत सहायता करेगी।
  1. नवजात शिशु की मालिश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तेल या क्रीम बाल रोग विशेषज्ञ के द्वारा बताया गया हो।
  2. अगर आप तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो वो ना तो ज्यादा ठंडा हो ना ही ज्यादा गर्म हो। आप गुनगुना तेल का इस्तेमाल करे।
  3. अगर आप अपने नवजात शिशु को मालिश करने के बाद नहलाना चाहते हैं, तो आपको नवजात शिशु की मालिश करने के बाद 10 से 15 मिनट का इंतेजार करे, उसके बाद ही अपने नवजात शिशु को नहला सकते हैं।
  4. नवजात शिशु को नहलाने के लिए भी गुनगुना पानी का इस्तेमाल करे।
  5. नवजात शिशु की मालिश करते समय शिशु की आखों को बचाना चाहिए। नवजात शिशु की आँखो में तेल नहीं जाना चाहिए।
  6. जब भी आप अपने नवजात शिशु की मालिश करे, तो आपको अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराने के 30 से 45 मिनट बाद ही मालिश करनी चाहिए। नवजात शिशु को तुरंत खिलाने या दूध पिलाने के बाद मालिश करने से नवजात शिशु को उल्टी हो सकती हैं। 
  7. नवजात शिशु की मालिश करने के लिए एक चटाई, या नर्म तौलिये का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  8. आपको अपने नवजात शिशु की मालिश करने के लिए नवजात शिशु का शांत होना और मूड में होना आवश्यक हैं। जैसा कि उपर बताया गया, नवजात शिशु की मालिश करने से पहले सुनिश्चित कर ले, कि आपका नवजात शिशु ना तो भूखा हो, ना ही थका हो। ऐसा करने से आपका नवजात शिशु अपनी मालिश करने में आनंद महसूस करता हैं।
उम्मीद हैं, आपको नवजात शिशु की मालिश करने के लिए सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी, साथ ही नवजात शिशु की मालिश करने से जुड़े सारे सवाल का उत्तर मिल गया होगा। आप अपने सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर दे। 

 

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