Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai
Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai: नावजात शिशु में दाँत निकलना जन्म के छह महीने के बाद ही शुरु हो जाता हैं। मगर यह दाँत बच्चे के दूध के दाँत कहलाते हैं। वैसे तो बच्चों में दाँत आने की प्रक्रिया गर्भ से ही शुरु हो जाती हैं। जो शिशु के छह महीने के होते ही बाहर नजर आने लागते हैं।
क्या शिशु पहले से ही जन्म के समय से ही दाँत आने लगते हैं?
शिशुओं की प्राथमिक दाँत निकलने की शुरुआत कब होती है?
Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai: सामान्यतः नवजात शिशुओं में दाँत निकलना छह माह में प्रारम्भ हो जाता हैं। और सबसे पहले नीचे के मसूड़ों में दो दाँत आने के साथ शिशुओं में प्राथमिक दाँत या दूध के दाँत निकलना प्रारम्भ हो जाता हैं।
ऊपरी दाँत | जब दाँत आता है | जब दाँत टूटता है |
केंद्रीय प्रभारी | 8 से 12 महीने | 6 से 7 साल |
पार्श्व इंसुलेटर | 9 से 13 महीने | 7 से 8 साल |
कैनाइन (पुच्छल) | 16 से 22 महीने | 10 से 12 साल |
पहले दाढ़ | 13 से 19 महीने | 9 से 11 साल |
दूसरा दाढ़ | 25 से 33 महीने | 10 से 12 साल |
निचला दाँत | जब दाँत आता है | जब दाँत टूटता है |
दूसरा दाढ़ | 23 से 31 महीने | 10 से 12 साल |
पहले दाढ़ | 14 से 18 महीने | 9 से 11 साल |
कैनाइन (पुच्छल) | 17 से 23 महीने | 9 से 12 साल |
पार्श्व इंसुलेटर | 10 से 16 महीने | 7 से 8 साल |
केंद्रीय प्रभारी | 6 से 10 महीने | 6 से 7 साल |
नवजात शिशु को कब तक में दूध की दाँत पूरी तरह आ जाते हैं?
शिशुओं की प्राथमिक दाँतों की संख्या कितनी होती हैं।
क्या मुझे शिशु के प्राथमिक दाँतों की देखभाल करने की आवश्यकता हैं?
कब मेरे बच्चे को नई स्थायी दाँत निकलना प्रारम्भ होगा?
ऊपरी दाँत | जब दाँत निकलता हैं। |
केंद्रीय प्रभारी | 7 से 8 साल |
पार्श्व इंसुलेटर | 8 से 9 साल |
कैनाइन (पुच्छल) | 11 से 12 साल |
पहला प्रीमियर (पहला बाइसेपिड) | 10 से 11 साल |
दूसरा प्रीमियर (दूसरा बाइसेपिड) | 10 से 12 साल |
पहले दाढ़ | 6 से 7 साल |
दूसरा दाढ़ | 12 से 13 साल |
तीसरा दाढ़ (ज्ञान दांत) | 17 से 21 साल |
निचला दाँत | जब दाँत निकलता हैं। |
तीसरा दाढ़ (ज्ञान दांत) | 17 से 21 साल |
दूसरा दाढ़ | 11 से 13 साल |
पहले दाढ़ | 6 से 7 साल |
दूसरा प्रीमियर (दूसरा बाइसेपिड) | 11 से 12 साल |
पहला प्रीमियर (पहला बाइसेपिड) | 10 से 12 साल |
कैनाइन (पुच्छल) | 9 से 10 साल |
पार्श्व इंसुलेटर | 7 से 8 साल |
केंद्रीय प्रभारी | 6 से 7 साल |
बच्चों के स्थायी दाँतों की संख्या कितनी होती है?
बच्चे के स्थायी दाँत के सम्बंधित 7 महत्वपूर्ण टिप्स
(Tips For Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai):
Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai: हर माता पिता को अपने बच्चे के स्थायी दाँत के बारे में कुछ बाते पता होनी आवश्यक हैं। आप अपने बच्चे को दंत चिकित्सक के पास ले जा रहे हैं, तो आपको इस बातों का पता होना भी आवश्यक हैं। आपके बच्चे के स्थायी दाँत आने में भले ही समय लग जाये, मगर आपके बच्चे के स्थायी दाँत की मजबूती, बिना कोई परेशानी के लम्बे समय तक स्वस्थ दाँत होना और मसूड़ों के सम्बंधी जरूरी तथ्य का पता होना आवश्यक हैं।
1. स्थायी दाँतों के लिए पर्याप्त जगह की कमी होना:
- बच्चे के दूध के दाँत बहुत छोटे होते हैं, इसके वनिस्पत स्थायी दाँत प्राथमिक दाँत के जैसा छोटा नही होता।
- भले ही आपके बच्चे के स्थायी दाँत देर से आये मगर आपको अपने बच्चे के आने वाले स्थायी दाँत के लिए पर्याप्त जगह की कमी होगी, तो आपके बच्चे के आने वाले स्थायी दाँत एक लाइन मे, एक बराबर नही होंगे, हो सकता हैं, यह दाँत टेढ़े-मेढ़े, अड़े-तीरछे, उपर नीचे हों।
- आपको अपने दंत चिकित्सक से सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि आपके बच्चे के स्थायी दाँत के लिए पर्याप्त जगह बन गयी हो।
- इसके लिए जरूरी हैं, बच्चे के मसूड़ों की देखभाल करना और मसूड़ों का स्वस्थ विकास होना।
2. स्थायी दाँत का गलत दिशा में आना:
- कुछ बच्चों के प्राथमिक दाँत अगर सही समय पर नही टूटते, तो ऐसे में बच्चे के आने वाले स्थायी दाँत किसी भी रास्ते से जगह बना लेते हैं, जिससे मुँह की बनावट, मसूड़ों में गलत दाँत आना एक कारण हैं।
- आपको अपने दंत चिकित्सक से सुनिश्चित करवाना चाहिए, कि बच्चे के स्थायी दाँत प्राथमिक दाँत के पथ का अनुसरण करे।
- ऐसी स्थिति में स्थायी दाँत के निकलने से क्षेत्र के आस पास प्राथमिक दाँत को शल्य चिकित्सा के माध्यम से हटाया जाता हैं। जिससे स्थायी दाँत एक सही क्रम का पालन करेगा।
- अगर आपके बच्चे के दाँत टेढ़े मेढ़े हैं, तो आपको दंत चिकित्सक ब्रेसिज़ की उपयोग कर दाँत को एक लाइन में लाने के लिये सुझाव दे सकते हैं।
3. लड़कियों और लड़कों के बीच दांतों के विकास की गति:
- लड़कियों और लड़कों के बीच दांतों के विकास में उतनी ही भिन्नताएँ हैं, जितना लड़कियों और लड़कों के शारीरिक विकास में।
- लड़कियों अपनी स्थायी दाँत लड़कों की तुलना में कुछ पहले ही प्राप्त कर लेती हैं।
- एक अध्ययन के अनुसार, लड़कियों के प्राथमिक या दूध के दाँत लड़कों से 6 महीने पहले ही टूटने शुरु हो जाते हैं।
- हालांकि, लड़के हो या लड़कियाँ, दोनो में स्थायी दाँत आना तय हैं। भले ही लड़कियों को पहले आ जाये, मगर दोनों के स्थायी दाँत आने में एक जैसी ही समस्या होती हैं।
4. अनुवांशिकता के कारण बच्चे के दाँत आने में समस्या:
- अगर आपके बच्चों में दाँत से जुड़ी समस्या आ रही हो, जैसे कि, बच्चे के दाँत से देर से आना, बच्चे के दाँत बढ़ने में देरी आना, इसकी 80% संभावना हैं, कि यह अनुवांशिकी का परिणाम हो।
- बच्चे के माता पिता को भी ऐसी ही समस्या उनके बचपन में आयी हो, तो यह आपके बच्चे के साथ होने की संभावना होती हैं।
5. बच्चे में पोषण की कमी के कारण दाँतों की समस्या:
- आपके बच्चे के पोषण में कमी, या पोषण सम्बंधी लापरवाही बच्चे के स्थायी दाँतों को प्राभावित कर सकती हैं।
- बच्चे के दाँत के सही विकास के लिए जरूरी हैं, बच्चों को सभी आवश्यक पोषक तत्व, आवश्यक खनिज, अधिक कैल्शियम का मिलना। जिससे बच्चे के मसूड़े, दाँत स्वस्थ हो।
6. मोटे बच्चे और लम्बे बच्चे के दाँत के मिथ्य :
- एक अध्ययन के अनुसार, अधिक वजन वाले बच्चों के दाँत सामान्य समय से ज्यादा तेजी से दाँत का विकास करते हैं।
- साथ ही लम्बे बच्चों के साथ भी कुछ ऐसा ही होता हैं, लम्बे बच्चे भी समय से पहले ही दाँत प्राप्त कर लेते हैं।
- इसलिए, अगर आपका बच्चा ज्यादा पतला, या छोटा हैं, तो इनके स्थायी दाँत आने में समय लगता हैं।
7. बच्चों में प्रभावित दाँत की स्थिति:
- यह तब होता हैं, जब आपके बच्चे के प्राथमिक दाँतों के संकुचित या जबड़े के फ़टने के कारण टूटने से बच जाते हैं, और ऐसी स्थिति में स्थायी दाँत के निकलने में रिक्त स्थान की कमी के कारण होता हैं। ऐसी स्थिति में वे आमतौर पर अंदर ही रहते हैं।
- यह स्थिति तब होती हैं, जब बच्चें के प्राथमिक दाँत पूरी तरह विकसित तो होते हैं, मगर अवरूद्ध नही होते हैं।
- ऐसी स्थिति में दंत चिकित्सक रेडियोग्राफ़ की मदद से जाँच करते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion – Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai):
Navajaat Shishu Ke Parmanent Daant Kab Nikalana Praarambh Hote Hai: नवजात शिशु के प्राथमिक दाँत से लेकर स्थायी दाँत के निकलने और देखभाल करना आपके बच्चे के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय हैं।
- आपके बच्चे के स्थायी दाँत के स्वस्थ रहने के लिए आपको अपने बच्चे के प्राथमिक दाँत होने के बाद से ही नियमित रूप से दंत चिकित्सक से प्रत्येक साल जाँच करानी चाहिए।
- बच्चों की दाँतों की नियमित रूप से जाँच कराने से बच्चे के दाँत में कोई समस्या नहीं होगी, अगर होती भी हैं, तो दंत चिकित्सक पहले ही पता लगाऐंगे और आसानी से इलाज कर देंगे।
- बच्चों के दाँत एक लाइन और स्वस्थ रखना माता पिता की जिम्मेदारी होती है, क्योंकि बच्चे के दाँत भी नाजूक अंग हैं, जो स्थायी दाँत आने के बाद दोबारा ठीक नही होता।
- बच्चों की स्थायी दाँत की देखभाल उतनी ही इमानदारी से करे जैसे कि आप अपने बच्चे के लिए शिशु अवस्था में करते हैं।